झांसी में कारपेंटर का बेटा बना जिला टॉपर: 10वीं में 95.67 फीसदी अंक लाया, बोला- मोबाइल नहीं, पढ़ाई में मन लगाया, पढ़िए इंटरव्यू – Jhansi News

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झांसी में कारपेंटर का बेटा बना जिला टॉपर:  10वीं में 95.67 फीसदी अंक लाया, बोला- मोबाइल नहीं, पढ़ाई में मन लगाया, पढ़िए इंटरव्यू – Jhansi News

झांसी में कारपेंटर का बेटा बना जिला टॉपर: 10वीं में 95.67 फीसदी अंक लाया, बोला- मोबाइल नहीं, पढ़ाई में मन लगाया, पढ़िए इंटरव्यू – Jhansi News

झांसी के संजीव कुमार ने यूपी बोर्ड की 10वीं परीक्षा में जिला टॉप किया है।

झांसी के संजीव कुमार ने यूपी बोर्ड की 10वीं परीक्षा में जिला टॉप किया है। 96.67 फीसदी नंबर पाकर संजीव जिले में पहले स्थान पर रहे। वह श्री भगवती स्वरूपानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ककरवई में पढ़ते थे। संजीव परिवार के साथ गरौठा में रहते हैं।

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उनके पिता रघुनंदन कारपेंटर हैं, जबकि मां मोहनी ब्यूटी पार्लर चलाती हैं। दैनिक NEWS4SOCIALने संजीव से बातचीत की। उन्होंने कहा- “अपना मन मोबाइल या टीवी में नहीं लगाया। जो टीचर ने पढ़ाया। वे नोट्स बनाए और पढ़ाई की। जिसकी बदौलत यह सफलता मिली।” संजीव का IAS बनने का सपना है। पढ़िए पूरा इंटरव्यू…

घर पर 5 घंटे पढ़ता था, रिफ्रेश होने के लिए खेलता था

जिला टॉप करने पर संजीव कुमार को मिठाई खिलाती दादी।

सवाल : आपने हर दिन कितने घंटे पढ़ाई की? खुद को रिफ्रेश कैसे रखते थे?

जवाब : सुबह 8 बजे स्कूल जाता था। दोपहर में लौटकर थोड़ा आराम करता था। फिर 3 ट्यूशन जाता था। शाम को घर लौटता था। थोड़ा खेलकर अपने आपको रिफ्रेश कर लेता था। रात 8 बजे से लेकर रात 1 बजे तक पढ़ाई करता था।

सवाल : पढ़ाई का तरीका क्या था, जिससे मुकाम हासिल कर पाए?

जवाब : जो टीचर पढ़ाते थे। उसके नोट्स बनाता था। फिर उन्हीं नोट्स से पढ़ता था। हर टॉपिक को बार-बार पढ़कर समझा। रिवाइज किया तो दिमाग में अच्छे से बैठ गया। जब एग्जाम दिया तो अच्छे से लिख पाया। जिससे सफलता मिली।

सवाल : कोई टॉपिक समझ में नहीं आता को क्या करते थे?

जवाब : जब कोई टॉपिक समझ में नहीं आता था तो स्कूल जाकर या ट्यूशन में पूछ लेता था। इंटरनेट का कम ही इस्तेमाल किया। कोर्स कम्पलीट होने के बाद एक माह पहले स्कूल बंद हो गया। इसके बाद जो समझ में नहीं आया तो इंटरनेट का सहारा लिया।

जिला टॉप करने पर संजीव को बधाई देते माता-पिता और अन्य परिजन।

सवाल : जिला टॉपर बने, इस पर क्या कहेंगे?

जवाब: जब प्री-बोर्ड के एग्जाम हुए तो अच्छे नंबर आए थे। फिर और मेहनत की तो टॉपर बन पाया। अब जिला टॉपर बना तो मेहनत कामयाब हो गई। इस सफलता के पीछे मेरे माता-पिता और गुरुजी का बहुत बड़ा योगदान है।

सवाल : जो बच्चे अब 10वीं में आए हैं, उन्हें क्या कहना चाहते हैं?

जवाब : मोबाइल या टीवी में अपना मन भ्रमत न करें। पढ़ाई पर फोकस करें। ताकि वो दिमाग में अच्छे से बैठ सके। अगर 17 जगह दिमाग लगाएंगे तो कुछ नहीं होगा। इसलिए भटके नहीं। पढ़ाई को समय दें। सबसे बड़ा समय है। जिनता समय पढ़ाई को देंगे, उतना उच्छा रिजल्ट मिलेगा।

टॉपिक पहले ही पढ़कर जाता था स्कूल

10वीं की जिला मेरिट लिस्ट में दूसरे स्थान पर आयुष कुमार पटेल रहे।

10वीं की जिला मेरिट लिस्ट में दूसरे स्थान पर आयुष कुमार पटेल रहे। नैकेरा गांव निवासी आयुष गुरसराय के श्री महावीर बाल शिक्षा संस्कार केंद्र इंटर कॉलेज में पढ़ते हैं। 10वीं कक्षा में उनके 95.33 फीसदी नंबर आए हैं। पिता राजकुमार रोजगार सेवक है। मां बैजंती हाउस वाइफ हैं। छोटा भाई ऋषिराज दूसरी कक्षा पास करके तीसरी में आया है।

आयुष का कहना है कि स्कूल में जो टॉपिक पढ़ाया जाना होता था। मैं पहले घर से ही पढ़कर जाता था। जो डाउट होते थे तो क्लास में क्लीयर कर लेता था। फिर लिखकर नोट्स बनाता और उसी से पढ़ता था। आयुष आईआईटी कर इंजीनियर बनना चाहते हैं। उन्होंने सफलता का श्रेष्य अपने माता-पिता और टीचर को दिया

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