जानिए लालू वाली रेलवे की नौकरी के बदले जमीन घोटाले के बारे में

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जानिए लालू वाली रेलवे की नौकरी के बदले जमीन घोटाले के बारे में

जानिए लालू वाली रेलवे की नौकरी के बदले जमीन घोटाले के बारे में


Rabri Devi CBI Raid : बिहार में सीबीआई के अचानक छापे ने सनसनी फैला दी। ये छापा पूर्व सीएम राबड़ी देवी के पटना के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड पर पड़ा। जानिए क्या है सीबीआई का वो केस में जिसमें लालू यादव परिवार समेत बुरी तरह फंस कर रह गए हैं।

 

फाइल फोटो
पटना: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किल और बढ़ गई है। सोमवार की सुबह-सुबह सीबीआई ने राबड़ी आवास 10 सर्कुलर रोड, पटना पर धावा बोल दिया। सीबीआई की टीम एकाएक राबड़ी देवी के घर में घुसी और जांच शुरू कर दी। इससे पहले ही बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ गई थीं। इसी साल जनवरी में जमीन के बदले नौकरी से जुड़े केस में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ सीबीआई को गृह मंत्रालय से मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई थी। सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में अपनी चार्जशीट में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी, मध्य रेलवे के तत्कालीन जीएम, तत्कालीन सीपीओ, कुछ निजी व्यक्तियों और मामले में कुछ अभ्यर्थियों समेत 16 आरोपियों को नामजद किया था। सीबीआई ने उस दौरान कहा था कि जांच के दौरान यह पाया गया है कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रचकर जमीन के बदले में अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नौकरी दी थी। यह जमीन प्रचलित सर्किल रेट से काफी कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर हासिल की गई थी।

जानिए क्या लिखा है सीबीआई की चार्जशीट में

सीबीआई ने चार्जशीट में बताया है कि उम्मीदवारों ने गलत-सलत टीसी का इस्तेमाल किया। अभ्यर्थियों ने रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज तक जमा किए। सीबीआई को जांच के दौरान पता चला कि लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी हेमा यादव को उम्मीदवारों ने नौकरी घोटाले के लिए गिफ्ट में जमीन दी थी, इसी के बाद उनकी रेलवे में भर्ती की गई थी। इसी केस में पिछले साल रेलवे स्टाफ ह्रदयानंद चौधरी और लालू प्रसाद यादव के तत्कालीन ओएसडी भोला यादव को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। भोला यादव 2004 से 2009 के बीच लालू यादव के ओएसडी थे, जब लालू रेल मंत्री थे।
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ये था रेलवे का नौकरी के बदले जमीन घोटाला

आरोप है कि 2004 से 2009 की अपने कार्यकाल के दौरान, लालू प्रसाद यादव ने उम्मीदवारों से रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप डी की नौकरी के बदले अपने परिवार के लोगों के नाम पर जमीन ली थी और फायदा उठाया था। इसमें तो पटना के रहने वाले कई लोगों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के जरिए लालू यादव के परिवार के सदस्यों और उनके परिवार के नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में पटना में मौजूद अपनी जमीन बेची थी, वे ऐसी अचल संपत्तियों के ट्रांसफर में भी शामिल थे। रेलवे में भर्ती के लिए ना कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। फिर भी जो पटना के निवासी थे… उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित अलग-अलग जोनल रेलवे में सब्स्टिट्यूट के तौर पर नियुक्त किया गया था। सीबीआई के मुताबिक इस मामले में पटना में 1,05,292 फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर हासिल की थी।

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