जाति की राजनीति या ओवर कॉन्फिडेंस, होम ग्राउंड पर क्यों हारे देवेंद्र फडणवीस? समझिये MLC चुनाव का पूरा गणित
अड़बाले का यह बयान महाराष्ट्र की सियासत में चर्चा का विषय बना हुआ है। अड़बाले को जीत कैसी मिली, क्या वाकई में उनकी जीत के पीछे देवेंद्र फडणवीस का हाथ है? सवाल यह भी है कि आखिर देवेंद्र फडणवीस विरोधी दल के उम्मीदवार को जीत क्यों दिलवाएंगे? इन्हीं तमाम सवालों के जवाब हम इस रिपोर्ट में जानेंगे।
अड़बाले की जीत के पीछे फडणवीस?
महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार सुधाकर अड़बाले ने यह कहकर हड़कंप मचा दिया है कि उनकी चुनावी के पीछे देवेंद्र फडणवीस का हाथ है। उन्होंने इसके पीछे का लॉजिक भी बताया है। दरअसल देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में यह कहा था कि महाराष्ट्र सरकार पुरानी पेंशन स्कीम को दोबारा लागू करने के मूड में नहीं है। ऐसा करने से सरकार के ऊपर काफी ज्यादा वित्तीय बोझ बढ़ेगा। बस इसी वजह से शिक्षक और कर्मचारी दोनों नाराज थे। जिसका फायदा उन्हें इस जीत के रूप में मिला है।
आंतरिक गुटबाजी ने डुबोई लुटिया
इस मुद्दे पर नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की टीम ने महाराष्ट्र की राजनीति के जानकार डॉ. सुरेश माने से बातचीत की। उन्होंने बताया कि यह बात जगजाहिर है कि नागपुर बीजेपी की राजनीति में दो परिवारों का वर्चस्व है। एक तरफ नितिन गडकरी का खेमा है और दूसरी तरफ देवेंद्र फडणवीस का खेमा। नागपुर और विदर्भ में यह सब जानते हैं कि एन जी गानार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के काफी करीबी हैं। दूसरी तरफ वह दो बार विधायक भी रह चुके हैं। ऐसे में उनको लेकर लोगों के मन में कुछ नाराजगी भी थी। दूसरी तरफ बीजेपी के भीतर की आपसी कलह भी उनकी हार का एक प्रमुख कारण है।
जाति समीकरण से नुकसान
सुरेश माने ने बताया कि पूर्व विदर्भ में ओबीसी समाज में तीन प्रमुख जातियां राजनीति में सक्रिय हैं जिनमे प्रमुख रूप से तेली, कुनबी और माली हैं। तेली समाज को बीजेपी का कट्टर समर्थक माना जाता है। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि कुनबी और माली तेली समाज के खिलाफ की राजनीति करते हैं। जीते हुए उम्मीदवार माली समाज से संबंधित हैं। इसलिए इस चुनाव में जाति समीकरण का नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ा।
ओवर कॉन्फिडेंस ले डूबा?
महाराष्ट्र की राजनीति को करीब से समझने वाले सीनियर जर्नलिस्ट सचिन परब ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन को बताया कि नागपुर से बीजेपी उम्मीदवार की हार के पीछे एक बड़ी वजह पार्टी और आला नेताओं का ओवर कॉन्फिडेंस भी है। दरअसल महाराष्ट्र के विदर्भ में बीजेपी के सबसे बड़े नेता के रूप में देवेंद्र फडणवीस को जाना जाता है। वह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री भी हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र बीजेपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और मंत्री सुधीर मुनगंटीवार भी विदर्भ से आते हैं। साथ ही कुछ और बड़े नेता भी नागपुर और विदर्भ से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में बीजेपी अपने उम्मीदवार की जीत को लेकर आश्वस्त थे कि वह इस चुनाव में आसानी से जीत दर्ज करेगी। हालांकि, उनका यह ओवर कॉन्फिडेंस ही उन्हें ले डूबा।