‘जय जय महाराष्ट्र माझा’ होगा राज्य गीत, 19 फरवरी से होगा अधिकृत, सुधीर मुनगंटीवार ने की घोषणा

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‘जय जय महाराष्ट्र माझा’ होगा राज्य गीत, 19 फरवरी से होगा अधिकृत, सुधीर मुनगंटीवार ने की घोषणा

‘जय जय महाराष्ट्र माझा’ होगा राज्य गीत, 19 फरवरी से होगा अधिकृत, सुधीर मुनगंटीवार ने की घोषणा


मुंबई: राज्य का लोकप्रिय गीत ‘जय-जय महाराष्ट्र माझा, गर्जा महाराष्ट्र माझा’ अब महाराष्ट्र का राज्य गीत होगा। कविवर्य राजा नीलकंठ बढे के इस गीत को राज्य गीत घोषित करने का निर्णय मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया है। राज्य के सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने गीत को राज्य गीत के रूप में अनुमोदित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से मंजूर किया गया। छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती 19 फरवरी से लागू की जाएगा। यह राज्य गीत 1 मिनट 41 सेकंड तक गाया जाएगा या पुलिस बैंड पर बजाया जाएगा। महाराष्ट्र की स्थापना के बाद से राज्य का कोई अधिकृत राज्य गीत नहीं था। अब राज्य गीत की मंजूरी मिल गई है। इस बारे में मुनगंटीवार ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में राज्यवासियों में स्फूर्ति भरने, प्रेरणा देने वाले तथा महाराष्ट्र के शौर्य का वर्णन करने वाले गीत ‘जय-जय महाराष्ट्र माझा’ को राज्य गीत के रूप में स्वीकार किया गया।

श्रीनिवास खले इसके संगीतकार हैं और इसे शाहीर कृष्णराव साबले ने आवाज दी है। शिवाजी की जयंती के अवसर पर 19 फरवरी से इसे स्वीकार किया जाएगा। अब तक देश के 12 राज्यों में अपने-अपने अधिकृत राज्य गीत हैं। इसके पहले आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, उड़ीसा, पांडुचेरी, तमिलनाडु और उत्तराखंड के अधिकृत राज्य गीत हैं।

गीत के साथ दिशा-निर्देश जारी
राज्य गीत को लेकर राज्य सरकार ने गाइडलाइंस भी जारी की हैं। इसके अनुसार, राज्य के सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों की शुरुआत राज्य गीत से की जाएगी या इसका ऑडियो बजाया जाएगा। 1 मई को महाराष्ट्र दिवस पर झंडा वंदन के बाद राष्ट्रगान के बाद राज्य गीत बजाया या गाया जाएगा। विधानमंडल के दोनों सदनों में हर अधिवेशन के पहले दिन वंदे मातरम के तुरंत बाद राज्‍य गीत का ऑडियो बजाया जाएगा। स्कूलों में दैनिक काम-काज शुरू होने के पूर्व परिपाठ, प्रतिज्ञा, प्रार्थना, राष्ट्रगान के साथ राज्य गीत बजाया या गाया जाएगा। राज्य में सभी शिक्षण संस्थान, सभी प्रकार के गैर सरकारी संगठन, स्वयंसेवी संगठन, निजी प्रतिष्ठानों के साथ-साथ सभी नागरिकों के लिए सांस्कृतिक, सामाजिक और खेल-कूद कार्यक्रमों आदि में राज्य गीत को सम्मानपूर्वक बजाया या गाया जा सकेगा।

राज्य गीत शुरू होने पर सभी को सावधान की मुद्रा में खड़े होकर सम्मान करना होगा। इसमें गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, बीमार लोगों, दिव्यांग सहित बुजुर्गों को छूट दी जाएगी। पुलिस बैंड के माध्यम से इस गीत की धुन बजाई जा सकती है। राज्य गीत को अगले शैक्षणिक सत्र से स्टेट बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन की पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया जाएगा।

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