चुनाव के मंच से चीखकर बोले थे Naseeruddin Shah- ये भूख की मारी जनता है राय साहब, दो वक्‍त की रोटी…

153
चुनाव के मंच से चीखकर बोले थे Naseeruddin Shah- ये भूख की मारी जनता है राय साहब, दो वक्‍त की रोटी…


चुनाव के मंच से चीखकर बोले थे Naseeruddin Shah- ये भूख की मारी जनता है राय साहब, दो वक्‍त की रोटी…

जब भी देश में राजनीति की बात आती है तो रोटी, कपड़ा और मकान का जिक्र जरूर होता है। आज भी लोग इस मूलभूत सुविधा के अभाव में जिंदगी बसर कर रहे हैं। उन्हें राजनेताओं से बस इसी ‘जरूरत’ की दरकार होती है। यही वजह है कि जब साल 2010 में प्रकाश झा की फिल्म ‘राजनीति’ रिलीज हुई और उसमें नसीरुद्दीन शाह के किरदार के छोटे से डायलॉग ने सभी के दिल में घर कर लिया। जब वो चुनाव के मंच से चीखते हुए बोले थे कि ‘ये भूख की मारी जनता है राय साहब, दो वक्‍त की रोटी का आसरा दे दीजिए, दो मीठे वादे कर दीजिए, किसी भी रंग का झंडा उठा लेगी। ये कैसी गरीबी है भाइयों! जो इनकी सैकड़ों योजनाओं, करोड़ों, अरबों और खरबों रुपये फूंक देने के बाद भी जाने का नाम नहीं लेती? इसे सुनकर ऐसा लगा था कि किसी ने राजनेताओं के मुंह पर तमाचा मार दिया हो। बॉलिवुड में ऐसी ही कई फिल्में बनी हैं, जो राजनीति के अलग-अलग रंग दिखाती हैं। आइये आपको ऐसी ही 8 फिल्मों से रूबरू कराते हैं।

1. राजनीति (Raajneeti)


साल 2010 में रिलीज हुई प्रकाश झा की फिल्म ‘राजनीति’। ये मूवी आज भी उतनी ही पॉप्युलर है, जितनी रिलीज के वक्त हुई थी। ये फिल्म रणबीर कपूर, कटरीना कैफ, नाना पाटेकर, अजय देवगन, मनोज बाजपेयी, अर्जुन रामपाल सहित तमाम सितारों से सजी हुई थी। इसमें ये भी दिखाया गया कि जो लोग राजनीति से ताल्लुक रखते हैं, उनकी फैमिली को किस तरह का संघर्ष देखना पड़ता है। एक-दूसरे पर यकीन करना भी मुश्किल हो जाता है। जान की बाजी तक लगानी पड़ जाती है। प्यार का सौदा भी होता है। इस फिल्म ने कई पहलुओं को बखूबी पेश किया था।

2. नायक (Nayak: The Real Hero)

Nayak: The Real Hero

अनिल कपूर, अमरीश पुरी, रानी मुखर्जी जैसे सितारों से सजी फिल्म ‘नायक’ 21 साल पहले साल 2001 में रिलीज हुई थी। इतने साल बीतने के बाद भी राजनीति के इर्द-गिर्द बनी ये फिल्म लोगों की पसंदीदा है। अनिल और अमरीश की दमदार ऐक्टिंग ने कभी ऑडियंस का खून खौलाया तो कभी रुला भी दिया। इसमें दिखाया गया कि कैसे एक जर्नलिस्ट भ्रष्ट मंत्री को चैलेंज को स्वीकार करते हुए एक दिन का मुख्यमंत्री बनता है। वो एक दिन में ही इतना कुछ कर देता है कि लोगों का हीरो बन जाता है, लेकिन इस जोखिम भरे सफर में उसे अपने मां-बाप को भी खोना पड़ता है। प्यार से दूर होना पड़ता है। इस मूवी को एस. शंकर ने डायरेक्ट किया था।

3. सरकार (Sarkar)

sarkar

‘सरकार’ फिल्म साल 2005 में रिलीज हुई थी। इसे राम गोपाल वर्मा ने डायरेक्ट किया था। इसमें अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन कटरीना कैफ और अनुपम खेर सहित कई स्टार्स थे। ये फिल्म दर्शकों को इतनी पसंद आई कि इसको दो पार्ट और बने- ‘सरकार राज (2008) और सरकार 3।’ सत्ता का गुमान, साजिशें, और पिसती हुई जनता, इसी के आसपास बुनी है इसकी शानदार कहानी।

4. प्रस्थानम (Prasthanam)

Prasthanam

संजय दत्त के प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले एक राजनीतिक फिल्म बनी, जिसका नाम ‘प्रस्थानम’ है। ये तेलुगू में इसी नाम से बनी मूवी का अडैप्टेशन है। इसमें एक पॉलिटिकल फैमिली के बीच की उथल-पुथल को बखूबी दिखाया गया है।

5. यंगिस्तान (Youngistaan)

Youngistaan

इस फिल्म में भारतीय राजनीति के बदलते स्वरूप को दिखाया गया है। एक लड़के की जिंदगी में तब तूफान आ जाता है, जब उसके पिता का निधन हो जाता है, जोकि भारत के प्रधानमंत्री होते हैं। इसके बाद हालात ऐसे बनते हैं कि उस लड़के को PM बनाया जाता है, लेकिन ये सब कुछ आसान नहीं होता। ये मूवी साल 2014 में रिलीज हुई थी। इसमें जैकी भगनानी, नेहा शर्मा, बोमन ईरानी सहित कई स्टार्स हैं।

6. किस्सा कुर्सी का (Kissa Kursi Ka)

Kissa Kursi Ka

ये फिल्म 1977 में रिलीज हुई थी। इसमें शबाना आजमी, राज किरण और सुरेखा सीकरी सहित कई जाने-माने कलाकार थे। इसका डायरेक्शन अमृत नाहटा ने किया था। इसे भारतीय सिनेमा के इतिहास की सबसे विवादित फिल्म कहा जाता है, जिसमें देश में इमरजेंसी से लेकर बहुत कुछ दिखाया गया था।

7. सत्ता (Satta)

satta

सत्ता एक पॉलिटिकल ड्रामा मूवी है, जो 2003 में रिलीज हुई थी। इसे मधुर भंडारकर ने डायरेक्ट किया था। इसमें रवीना टंडन लीड रोल में थीं और अतुल कुलकर्णी, गोविंद नामदेव और समीर धर्माधिकारी जैसे स्टार्स सपोर्टिंग रोल में थे। इसमें एक लालची राजनेता की वाइफ की जिंदगी को दिखाया गया है। इस फिल्म को बहुत सराहा गया था और इसे रवीना की बेस्ट मूवी कहते हैं।

8. गुलाल (Gulaal)

Gulaal

राजनीति के चेहरे और झूठी शान को बेनकाब करती ये फिल्म ‘गुलाल’ साल 2009 में रिलीज हुई थी। इसका डायरेक्शन अनुराग कश्यप ने किया था। इसमें दीपक डोबरियाल, केके मेनन जैसे स्टार्स थे। इसमें स्वार्थी और धोखेबाज लोगों के अलावा दिल के सच्चे चेहरों की कहानी को भी दिखाया गया।

bollywood films on politics



Source link