घड़साना वकील केस: शव लेने से इनकार, धरने पर बैठे परिजन, पत्नी बोली- थानेदार और अन्य पुलिसवाले कर रहे थे प्रताड़ित

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घड़साना वकील केस: शव लेने से इनकार, धरने पर बैठे परिजन, पत्नी बोली- थानेदार और अन्य पुलिसवाले कर रहे थे प्रताड़ित

घड़साना वकील केस: शव लेने से इनकार, धरने पर बैठे परिजन, पत्नी बोली- थानेदार और अन्य पुलिसवाले कर रहे थे प्रताड़ित

श्रीगंगानगर: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के घड़साना में वकील विजय सिंह झोरड़ की मौत मामले में नया मोड़ आया है। अब तक कथित रूप से विजय सिंह ने अपना जीवन समाप्त करने की बात कही जा रही थी। लेकिन अब परिजनों ने इसके पीछे पुलिस की प्रताड़ना का आरोप लगाया है। वकील की 7 अप्रैल को पुलिस ने पिटाई की थी और तब उसे प्रताड़ित किया जा रहा था। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने इस साल अप्रैल में झोरड़ की पिटाई की थी। झोरड़ की पत्नी कांता देवी ने घड़साना के थानाधिकारी मदन लाल और पांच अन्य पुलिसकर्मियों पर उनके पति को परेशान करने का आरोप लगाया है। पुलिस के अनुसार, परिजनों को समझाने की कोशिश की जा रही है और मामले की जांच जारी है।

बता दें कि राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में एक वकील ने अपने घर में फांसी लगाकर कथित तौर पर अपनी जान दे दी। अब वकील की मौत के बाद परिजनों ने आरोप लगाया है कि स्थानीय पुलिस वकील को प्रताड़ित कर रही थी। उन्‍होंने शव लेने से इनकार कर दिया है। वहीं अब परिवार के साथ बड़ी संख्या में लोग धरने पर बैठ गए हैं। इनमें आरएलपी विधायक भी शामिल है। उधर, पुलिस के मुताबिक, घटना जिले के घड़साना कस्बे में सोमवार रात हुई। वकील के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसे स्थानीय पुलिस ने अवैध नशीले पदार्थ के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। परिजनों ने शव लेने से इनकार करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं, पास के अनूपगढ़ कस्बे के अधिवक्ताओं ने इस मामले को लेकर कार्य बहिष्कार का आह्वान किया है।

फांसी लगाने से पहले एक अधिवक्ता मित्र को फोन किया

पुलिस के अनुसार, वकील विजय सिंह झोरड़ ने सोमवार को अपने घर में फांसी लगाने से पहले एक अधिवक्ता मित्र को फोन किया था। झोरड़ के दोस्त ने तुरंत वकील की अध्‍यापक पत्नी को फोन कर इसकी जानकारी दी, जिसके बाद वह स्कूल से घर पहुंची तो विजय सिंह फांसी के फंदे पर लटके मिले।पुलिस के मुताबिक, मृतक वकील के परिजनों ने आरोप लगाया है कि जब से झोरड़ ने इलाके में अवैध नशीले पदार्थ के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था, तब से पुलिस उसे परेशान कर रही थी।
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साल अप्रैल में झोरड़ की पिटाई की थी,पत्नी को भी परेशान किया

परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने इस साल अप्रैल में झोरड़ की पिटाई की थी। झोरड़ की पत्नी कांता देवी ने घड़साना के थानाधिकारी मदन लाल और पांच अन्य पुलिसकर्मियों पर उनके पति को परेशान करने का आरोप लगाया है। पुलिस के अनुसार, परिजनों को समझाने की कोशिश की जा रही है और मामले की जांच जारी है।

घटना सरकार के माथे पर कलंक है- राजेंद्र राठौड़

राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस मामले को लेकर राज्‍य सरकार पर न‍िशाना साधा। उन्‍होंने ट्वीट किया, ‘घड़साना बार संघ के पूर्व अध्यक्ष विजय सिंह द्वारा पुलिस प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या करने की घटना सरकार के माथे पर कलंक है। इससे वकीलों में गहरा आक्रोश है।’ राठौड़ ने कहा, ‘कस्बे में नशीले पदार्थों के खिलाफ अभियान चलाने वाले वकील की पुलिसकर्मियों ने पहले भी बेरहमी से पिटाई की थी। पुलिस प्रताड़ना के कारण ही वकील को मजबूरन आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा।’ उन्‍होंने कहा, ‘मेरी मांग है कि पीड़ित परिवार को शीघ्र न्याय मिले और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।’

आरएलपी विधायक धरने में शामिल हुए

इस मामले में अब आरएलपी विधायक भी मौके पर पहुंच गए हैं। परिजनों के साथ धरने में शामिल हुए विधायक नारायण बेनीवाल ने कहा है कि ‘श्रीगंगानगर के घड़साना में बार संघ के पूर्व अध्यक्ष विजय सिंह झोरड़ की ओर से आत्महत्या करने को लेकर चल रहे धरने में आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के निर्देशानुसार रालोपा प्रदेश अध्यक्ष पुखराज गर्ग और मेड़ता विधायक इंदिरा बावरी और पार्टी पदाधिकारियों के साथ मौजूद हूं।’

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