घर से 12 KM पैदल चली गर्भवती, सड़क पर ग्रामीण महिलाओं ने कपड़े से घेरा डाल कराया प्रसव

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घर से 12 KM पैदल चली गर्भवती, सड़क पर ग्रामीण महिलाओं ने कपड़े से घेरा डाल कराया प्रसव


घर से 12 KM पैदल चली गर्भवती, सड़क पर ग्रामीण महिलाओं ने कपड़े से घेरा डाल कराया प्रसव

हाइलाइट्स:

  • एमपी के खरगोन जिले में सड़क पर महिला ने दिया बच्चे को जन्म
  • समय पूरा होने के बाद घर से 12 किलोमीटर तक पैदल चली गर्भवती महिला
  • सड़क पर शुरू हुआ दर्द, ग्रामीणों ने महिलाओं ने कराया प्रसव
  • ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची जननी एक्सप्रेस, परिवार के लोगों ने कहा कि बिना बताए घर से निकली थी

खरगोन
एमपी (Madhya Pradesh Latest News) के खरगोन जिले में एक गर्भवती महिला (Pregnant Woman Walking In Khargone) प्रसव के लिए 12 किलोमीटर तक पैदल चली है। रास्ते में ग्रामीणों ने घेरा डालकर उसका प्रसव कराया है। बच्चे के जन्म के बाद जननी एक्सप्रेस महिला को लेने पहुंची। उसके बाद उसे अस्पताल पहुंचाया गया है। अस्पताल में जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं। वहीं, बताया जा रहा है कि महिला मानसिक रूप से बीमार भी है।

दरअसल, खरगोन जिले के नांदिया तोपली की एक गर्भवती महिला पैदल ही घर से निकल गई। टाइम पूरा होने के बावजूद घर से 12 किमी दूर नहालदरी के पास अंबावड़ी में सड़क पर दर्द से कराहने लगी। महिला को दर्द से कराहते देख ग्रामीण महिलाओं ने तत्काल एकजुट होकर कपड़े की आड़ में महिला की प्रसूति कराई। महिला ने लड़के को जन्म दिया। ग्रामीणों की मदद से 108 जननी एक्सप्रेस वाहन को बुलाया।

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108 वाहन के पायलट धीरज वास्कले ने बताया कि एक महिला जिसका नाम सुरमा है, वह नांदिया टोपली से पैदल ही नहालदरी से अंबावड़ी रास्ते तक करीबन 12 किलोमीटर पहुंच गई थी। दर्द के मारे उसने सड़क किनारे ही बच्चे को जन्म दे दिया। पायलट धीरज वास्कले ने बताया कि वह मानसिक रूप से कमजोर दिख रही है, उसके साथ कोई भी नहीं था। उसका पति महाराष्ट्र में काम करता है।

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ग्रामीणों की मदद से हमें सूचना मिली है। 108 वाहन पर सूचना दी तो हम मौके पर पहुंचे और उस महिला को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाएं, जहां उसका उपचार चल रहा है। अभी दोनों स्वस्थ हैं।

ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर सुनील चौहान ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना के बाद ही वहां जननी पहुंचा दी थी। महिला अकेली थी। उन्होंने कहा कि समय पर फोन आ जाता तो महिला को सुविधा मिल जाती।

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महिला के भाई भारत ने कहा कि मेरी बहन मायके में थी और मानसिक रूप से परेशान भी है। घर से उठ कर चली आई किसी को बताया भी नहीं। रह-रहकर उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है।



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