गोवंश को देता जीवनदान और युवाओं को रोजगार, प्राचीन भारत में हुआ था इसका आविष्कार | Bull crusher project in Jhansi will provide employment to the youth | Patrika News
झांसीPublished: Mar 11, 2023 12:31:07 pm
झांसी के रहने वाले बृजेश पाठक ने बैल कोल्हू प्रोजेक्ट की शुरूवात की है। कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने वाले इस यंत्र से वे युवाओं को रोजगार देना चाहते हैं। इस पहल से एक बार फिर गोवंश का व्यवसाय में उपयोग हो सकेगा।
बैल कोल्हू से निकाला जा रहा तेल
‘कोल्हू का बैल’ इस कहावत को सभी ने सुना होगा। लेकिन इसके बारे में जानते कम लोग होंगे। हम सभी अपने घरों में कच्ची घानी का तेल इस्तेमाल करते हैं। इस तेल को कुछ साल पहले तक बैल कोलू के माध्यम से निकाला जाता था। अब इसे मशीन से निकाला जाता है। बुंदेलखंड के रहने वाले बृजेश पाठक एक बार फिर प्राकृतिक संसाधन की ओर लौट रहे हैं। और युवाओं को जोड़कर उन्हें रोजगार दिलाने की पहल कर रहे हैं।