गोरखपुर में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन: मोदी-योगी के खिलाफ की नारेबाजी, कांग्रेस परिवार पर ED की कार्रवाई को बताया राजनीतिक बदला – Gorakhpur News

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गोरखपुर में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन:  मोदी-योगी के खिलाफ की नारेबाजी, कांग्रेस परिवार पर ED की कार्रवाई को बताया राजनीतिक बदला – Gorakhpur News

गोरखपुर में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन: मोदी-योगी के खिलाफ की नारेबाजी, कांग्रेस परिवार पर ED की कार्रवाई को बताया राजनीतिक बदला – Gorakhpur News

नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ ED द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के विरोध में कांग्रेस ने शहर भर में प्रदर्शन किया। बुधवार को टाउनहॉल चौराहे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मो

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कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि वर्तमान केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार नेशनल हेराल्ड मामले में द्वेषभावना से कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि अब तक किसी भी व्यक्ति या संस्था पर इस मामले में कोई ठोस आरोप सिद्ध नहीं हो सके हैं, और यह पूरी तरह से राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित कार्रवाई है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने दी सरकार को चेतावनी

कांग्रेस महानगर अध्यक्ष निर्मला पासवान ने इस प्रदर्शन में कहा, “मोदी और अमित शाह के इशारे पर ED और सीबीआई कांग्रेस नेताओं के खिलाफ काम कर रही हैं। सरकार जानबूझकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी की छवि को नुकसान पहुंचा रही है। हम इसे कभी सफल नहीं होने देंगे।”

नेशनल हेराल्ड मामला: क्या है विवाद?

नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को कांग्रेस के मीडिया संगठन एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और उसके द्वारा प्रकाशित नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे समेत अन्य नेताओं के नाम शामिल हैं।

यह मामला 2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर याचिका से शुरू हुआ था। स्वामी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेताओं ने यंग इंडियन लिमिटेड नामक संस्था बनाई और उसके माध्यम से AJL का अवैध तरीके से अधिग्रहण किया। स्वामी का आरोप था कि इसका उद्देश्य दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित 2000 करोड़ रुपए की हेराल्ड हाउस बिल्डिंग पर कब्जा करना था।

स्वामी ने यह भी आरोप लगाया था कि AJL को केवल 50 लाख रुपए में अधिग्रहित किया गया था, जबकि इसकी असली कीमत 2000 करोड़ रुपए थी। कोर्ट ने जून 2014 में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया था। अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया, और दिसंबर 2015 में सभी आरोपियों को जमानत मिल गई थी।

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