खरगोन हिंसा में घायल शिवम के परिवार का दर्द : 17 अप्रैल को बहन की शादी, 3 दिन से वेंटिलेटर पर भाई h3>
खरगोन : मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर निकाले गए जुलूस के दौरान भड़की हिंसा भले ही शांत ( Khargone violence ) हो गई है, लेकिन उसके जख्म सालों तक ताजा रहेंगे। कई परिवारों के घर इस हिंसा में खाक हो गए तो कइयों को ऐसे जख्म मिले हैं, जो जिंदगीभर भूल नहीं सकते।
हम आपको एक ऐसे युवक के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हिंसा के दौरान घायल होने के बाद अब तक होश में नहीं आया। वह अज भी वेंटिलेटर ( Shivam on ventilator ) पर है जबकि तीन दिन बाद उसकी बहन की शादी है। अब आप सोच सकते हैं इस वक्त उसके परिवार पर क्या गुजर रहा होगा।
नहीं भूलने वाला दर्द
दरअसल, रविवार को रामनवमी के दिन खरगोन में जुलूस निकाला गया था। इस हिंसा में शिवम शुक्ला नामक एक युवक भी घायल हो गया था। वह उसी दिन से अस्पताल में भर्ती है। वह वेंटिलेटर पर सांसे ले रहा है। बताया जाता है कि वह मामा के घर रहकर पढ़ाई करता था। रामनवमी के जुलूस में वह भी शामिल हुआ था। अचानक हुई हिंसा का वह शिकार हो गया।
परिजनों के अनुसार, 17 अप्रैल को उसकी बहन की शादी ( Sister wedding on April 17 ) है। वहीं, शिवम अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच में झूल रहा है। समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें। परिजन कहते हैं कि उस दिन शिवम को घायल अवस्था में खरगोन के निजी अस्पताल ले गए, फिर सरकारी अस्पताल में। फिर वहां से इंदौर रेफर कर दिया गया।
गंभीर हालत में अस्पताल लाए थे परिजन
वहीं, डॉक्टर्स का कहना है कि जब उसे अस्पताल लेकर परिजन आए थे तो हालत बहुत गंभीर थी। सिर पर गहरा घाव था। परिजन गोली लगने की आशंका जाता रहे थे, लेकिन जांच में गोली नहीं पायी गई। हालांकि घाव कैसे और किससे हुआ अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
सिर की दो हड्डियां टूटकर ब्रेन में घुस गई थी
डॉक्टर के अनुसार, शिवम के सिर पर घाव इतना गहरा था कि उसके सिर की दो हड्डियां टूटकर ब्रेन में घुस गई थी। ऑपरेशन कर उसे निकाल लिया गया है, लेकिन शिवम को होश कब आएगा, इस सवाल का जवाब डॉक्टर भी नहीं दे पा रहे हैं।
बता दें कि शिवम खरगोन जिला मुख्यालय से 100 किमी दूर निरसपुर का रहने वाला है। उसके पिता किसान हैं। शिवम की दो बड़ी बहने हैं। वह खरगोन में मामा के घर रहकर पढ़ाई करता है।
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नहीं भूलने वाला दर्द
दरअसल, रविवार को रामनवमी के दिन खरगोन में जुलूस निकाला गया था। इस हिंसा में शिवम शुक्ला नामक एक युवक भी घायल हो गया था। वह उसी दिन से अस्पताल में भर्ती है। वह वेंटिलेटर पर सांसे ले रहा है। बताया जाता है कि वह मामा के घर रहकर पढ़ाई करता था। रामनवमी के जुलूस में वह भी शामिल हुआ था। अचानक हुई हिंसा का वह शिकार हो गया।
परिजनों के अनुसार, 17 अप्रैल को उसकी बहन की शादी ( Sister wedding on April 17 ) है। वहीं, शिवम अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच में झूल रहा है। समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें। परिजन कहते हैं कि उस दिन शिवम को घायल अवस्था में खरगोन के निजी अस्पताल ले गए, फिर सरकारी अस्पताल में। फिर वहां से इंदौर रेफर कर दिया गया।
गंभीर हालत में अस्पताल लाए थे परिजन
वहीं, डॉक्टर्स का कहना है कि जब उसे अस्पताल लेकर परिजन आए थे तो हालत बहुत गंभीर थी। सिर पर गहरा घाव था। परिजन गोली लगने की आशंका जाता रहे थे, लेकिन जांच में गोली नहीं पायी गई। हालांकि घाव कैसे और किससे हुआ अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
सिर की दो हड्डियां टूटकर ब्रेन में घुस गई थी
डॉक्टर के अनुसार, शिवम के सिर पर घाव इतना गहरा था कि उसके सिर की दो हड्डियां टूटकर ब्रेन में घुस गई थी। ऑपरेशन कर उसे निकाल लिया गया है, लेकिन शिवम को होश कब आएगा, इस सवाल का जवाब डॉक्टर भी नहीं दे पा रहे हैं।
बता दें कि शिवम खरगोन जिला मुख्यालय से 100 किमी दूर निरसपुर का रहने वाला है। उसके पिता किसान हैं। शिवम की दो बड़ी बहने हैं। वह खरगोन में मामा के घर रहकर पढ़ाई करता है।