‘क्षेत्रीय दलों पर राहुल गांधी का बयान अजीब’, राजद बोली- कांग्रेस के रुख से नहीं खाता मेल

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‘क्षेत्रीय दलों पर राहुल गांधी का बयान अजीब’, राजद बोली- कांग्रेस के रुख से नहीं खाता मेल

‘क्षेत्रीय दलों पर राहुल गांधी का बयान अजीब’, राजद बोली- कांग्रेस के रुख से नहीं खाता मेल

पटना/नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने क्षेत्रीय दलों पर कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की हालिया टिप्पणी की आलोचना की। राजद ने सोमवार को कहा कि राहुल गांधी को भाजपा (BJP) के खिलाफ क्षेत्रीय दलों के मजबूती से लड़ने के हालिया इतिहास को देखना चाहिए। कांग्रेस नेता अजीब दावे कर रहे हैं और ये उनकी खुद की पार्टी के रुख से मेल नहीं खाते। राजद प्रवक्ता मनोज कुमार झा (Manoj Kumar Jha) ने कहा कि क्षेत्रीय दल, भाजपा के खिलाफ लड़ाई में लोकसभा में बड़ी संख्या में सीटों के साथ मजबूत स्थिति में हैं और कांग्रेस को लोकसभा की 543 सीटों में से 320 में से अधिक पर क्षेत्रीय दलों के सदस्यों को देखते हुए उन्हें ‘ड्राइविंग सीट’ पर रहने देना चाहिए और खुद ‘सहयात्री’ बन जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी यह बात कही है।


राहुल ने राजस्थान के उदयपुर में आयोजित कांग्रेस के ‘चिंतन शिविर’ में अपने संबोधन में दावा किया था कि क्षेत्रीय दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से नहीं लड़ सकते क्योंकि उनके पास विचारधारा का अभाव है। उन्होंने कहा था कि कांगेस यह लड़ाई लड़ सकती है।

राहुल गांधी का बयान अजीब और विरोधाभासी: मनोज झा
राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा, ‘यह मुझे थोड़ा अजीब और विरोधाभासी लगता है।’ उन्होंने कांग्रेस के चिंतन शिविर में अपनाये गये घोषणापत्र का जिक्र करते हुए राहुल पर निशाना साधा और कहा कि अगर वह आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो अपने बयान को वापस ले लेंगे।

कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि कांग्रेस राष्ट्रवाद की भावना और लोकतंत्र की रक्षा के लिए समान विचारों वाले दलों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

‘बीजेपी ने राजद पर चुनाव के वक्त किए हमले, क्योंकि वैचारिक लड़ाई में हम केंद्रबिंदु’
झा ने कहा कि चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजद पर हमले किये क्योंकि भाजपा के खिलाफ चुनावी और वैचारिक लड़ाई में वह केंद्रबिंदु हैं। उन्होंने दावा किया कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से लेकर तेजस्वी यादव तक सैकड़ों राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ पार्टी की वैचारिक प्रतिबद्धता की वजह से बहुत कुछ सहा है।

मनोज झा ने 1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे को लेकर उनके नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन करने का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि जब सोनिया के साथ उनकी पार्टी के नेता नहीं थे, तब लालू प्रसाद उनके साथ खड़े थे।

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