क्या आपके हेयर ऑयल में भी है खरगोश का खून: AMAZON पर बिक रहा, तमिलनाडु हब; आरोपी बोले- हम कत्ल नहीं कर रहे

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क्या आपके हेयर ऑयल में भी है खरगोश का खून:  AMAZON पर बिक रहा, तमिलनाडु हब; आरोपी बोले- हम कत्ल नहीं कर रहे

क्या आपके हेयर ऑयल में भी है खरगोश का खून: AMAZON पर बिक रहा, तमिलनाडु हब; आरोपी बोले- हम कत्ल नहीं कर रहे

आप गंजे हो रहे हैं, बाल झड़ रहे हैं या सफेद हो रहे हैं, डैंड्रफ है, तो ये वाला तेल लगाइए। 100% फायदा होगा।

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ये दावा हेयर ऑयल बनाने वाली कंपनी ‘पुनर्जीवनी’ का है। तमिलनाडु की ये कंपनी ‘रैबिट ब्लड हेयर ऑयल’ बनाती है। नाम से ही जाहिर है कि इस तेल में खरगोश के खून का इस्तेमाल होता है। तमिलनाडु इस इंडस्ट्री का हब बन रहा है। लोकल दुकानों के अलावा ये तेल अमेजन जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर भी मिल रहा है।

5 फरवरी को डिपार्टमेंट ऑफ ड्रग्स कंट्रोल ने तमिलनाडु में तेल बेचने वाली तीन दुकानों पर रेड डाली, तो यहां से जब्त तेल में खरगोश का खून होने के सबूत मिले। इसी से पूरा मामला सामने आया। पता चला कि कंपनियां न सिर्फ इस तरह का तेल बना रही हैं, बल्कि इन्हें चलाने वाले यूट्यूब पर तेल बनाने का वीडियो भी अपलोड कर रहे हैं।

अब सवाल ये है कि क्या भारत में खरगोश के खून से बना तेल बेचना कानूनी तौर पर सही है? हमने तेल से जुड़े दावों, नुकसान और लोगों के अनुभवों की पड़ताल की। साथ ही अमेजन कंपनी की ऑफिशियल मेल आईडी पर तेल तेल की बिक्री को लेकर जानकारी भी मांगी है, लेकिन अभी जवाब का इंतजार है।

‘पुनर्जीवनी कंपनी’ खरगोश के खून से बनने वाले तेल से गंजापन दूर करने और बालों की बेहतर ग्रोथ का दावा करती है।

कंपनी का दावा- बालों की हर समस्या के 100% समाधान सबसे पहले हमने ‘पुनर्जीवनी कंपनी’ से कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन पर पॉजिटिव रिस्पॉन्स नहीं दिया। वॉट्सएप और ऑफिशियल मेल आईडी पर सवाल भेजे, लेकिन जवाब नहीं आया।

हमें कंपनी का एक वीडियो जरूर मिला। इसमें तमिलनाडु के ईरोड के रहने वाले अरुण नायर बताते हैं, ‘मैं सिंगल वेटरनरी नाम के गांव से हूं। ‘गरुणा रैबिट हेयर ऑयल’ हमारा ही है। इसे तैयार करने में 30 दिन लगते हैं। अगर आप देखना चाहते हैं कि हम इसे कैसे बनाते हैं, तो हम आपको दिखाएंगे। इससे बालों से जुड़ी हर समस्या से 100% छुटकारा मिलता है।‘

क्या ये तेल खरगोश के खून से बना है? अरुण जवाब देते हैं, ‘अगर कोई ये पूछता है कि सिर्फ खरगोश का खून ही क्यों? इसका जवाब यही है कि जिन खास तत्वों की जरूरत बालों को होती है, वो खरगोश के खून में ही ज्यादा मात्रा में मिलते हैं। ये तत्व सिस्टीन, बायोटिन और मेथियोनीन हैं। ये बालों के लिए जरूरी कंपोनेंट्स हैं, जो खरगोश के खून में खास तौर पर मिलते हैं। इसीलिए हम इसे रैबिट ब्लड से तैयार करते हैं।

वे आगे कहते हैं-

मैंने न तो इसे खुद बनाना शुरू किया, न ही इसकी खोज की है। ये हमारी परंपरा का हिस्सा है, जो चार पीढ़ियों से चली आ रही है। पहले इसे हमारे दादा-परदादा बनाते थे। फिर पिताजी ने बनाया और अब मैं बना रहा हूं।

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सरकारी मंजूरी और सर्टिफिकेशन का दावा क्या इस ऑयल को सरकार ने मंजूरी दी है? अरुण कहते हैं, ‘हमारा रैबिट ब्लड हेयर ऑयल सरकार से सर्टिफाइड है। इसके लिए हमने लंबे वक्त तक रिसर्च की। इसके बाद हमें सरकार से अप्रूवल मिला। हर किसी को ISO सर्टिफिकेट नहीं मिलता है, लेकिन हमारे पास 2015 का लेटेस्ट सर्टिफिकेट है।‘

‘इसके साथ ही, हमारे पास GMP (गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस) का सर्टिफिकेट भी है, जो बहुत कम लोगों को मिलता है। अगर सरकार की मंजूरी नहीं मिलती, तो हमारे लिए इसे बाजार में बेचना मुश्किल हो जाता।‘

‘पुनर्जीवनी कंपनी’ अपने वीडियो में ISO सर्टिफाइड होने का दावा भी करती है।

‘गंजापन दूर होना मुश्किल, सफेद बाल भी नहीं होंगे काले’ इस तेल से गंजे हो चुके लोगों के सिर पर क्या दोबारा बाल उग सकते हैं? अरुण कहते हैं, ‘अगर कोई पूरी तरह गंजा हो चुका है और सिर पर छोटे-छोटे बाल भी नहीं बचे हैं, तो बाल वापस लाना बहुत मुश्किल है। अगर गंजेपन के बावजूद सिर पर थोड़े बेबी हेयर हैं, तब आप इस तेल को आजमा सकते हैं।‘

क्या इस रैबिट हेयर ऑयल के इस्तेमाल से सफेद बाल काले हो सकते हैं? अरुण कहते हैं, ‘अगर बाल पूरी तरह सफेद हैं या 30-40% भी सफेद हैं, तो उन्हें काला नहीं किया जा सकता। इस तेल में कोई केमिकल नहीं है। इसमें अमोनियम भी नहीं है। अमोनियम होता तो सफेद बाल पूरी तरह काले हो जाते। ये 100% नेचुरल है। हालांकि ये सफेद बालों को बढ़ने से रोक सकता है। वहीं, पहले से सफेद बालों को काला करने में समय लेता है।‘

क्या रैबिट हेयर ऑयल से खून की बदबू आएगी? इस पर अरुण बताते हैं, ‘कुछ लोग ऐसा सोचते हैं कि अगर तेल खरगोश के खून से बना है, तो इसमें खून की बदबू होगी, जबकि ऐसा नहीं है।‘

‘इसमें सिर्फ खरगोश का खून नहीं, बल्कि शुद्ध नारियल तेल और 21 से ज्यादा जड़ी-बूटियां भी डाली गई हैं। इसमें हल्की रूबी की खुशबू आती है। वो भी 10-15 मिनट बाद चली जाती है। इसे लगाकर ऑफिस, शॉपिंग और स्कूल-कॉलेज कहीं भी जा सकते हैं।‘

तेल बेचने वालों ने माना, जानवरों के साथ क्रूरता हो रही हमने सोशल मीडिया पेज खंगालने शुरू किए। हमें कई वीडियो मिले, जिसमें खरगोश का तेल बनते दिखाया गया है। हर वीडियो में दावा किया जा रहा है कि इससे बाल घने और काले होंगे। वीडियो के साथ उन्हें बेचने वालों का नाम और नंबर भी था।

इनमें से एक तमिलनाडु के अरियालुर के रहने वाले सत्या रमेश से हमने कस्टमर बनकर फोन पर बात की। वे हैप्पी शाइन नाम से प्रोडक्ट बेचते हैं। उन्होंने बताया कि ये तेल सिर्फ खरगोश के खून से नहीं बल्कि 21 जड़ी बूटियों को मिलाकर बनता है। खरगोश से खून निकालने का काम दूसरे लोग करते हैं। हम बस उन लोगों से रैबिट ब्लड में सने कपड़े खरीदते हैं।

हालांकि वे बार-बार साफ करते हैं कि वो रैबिट ब्लड निकालने वालों में शामिल नहीं हैं। ये भी मानते हैं कि तमिलनाडु में बड़ी इंडस्ट्री तैयार हो रही है। इसकी डिमांड सीरिंज से खरगोश का खून निकालकर पूरी नहीं हो सकती। इसीलिए उन्हें मारा जा रहा है।

खरगोश के खून से बने तेल पर कैसे शुरू हुआ विवाद पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने फरवरी में खरगोश के खून से तेल बनाने और बेचने के खिलाफ आवाज उठाई। दैनिक NEWS4SOCIALने इस पर उनसे बात की। वे बताती हैं, ‘मैंने ड्रग कंट्रोलर ऑफिस और तमिलनाडु एनिमल वेलफेयर बोर्ड को इस ऑयल की जानकारी दी। इसके बाद उनकी टीम ने तमिलनाडु के उस गांव में छापा मारा, जहां ये बन रहा था। वहां खरगोश तो नहीं मिले, लेकिन पता चला कि ये लोग खरगोश का खून मंगवाते हैं।‘

मेनका का कहना है कि खरगोशों के साथ क्रूरता और बिना लाइसेंस के तेल बनाना इस मामले को गंभीर बनाता है।

फ्लिपकार्ट से हटा, लेकिन अमेजन पर तेल की बिक्री जारी मेनका गांधी के मुताबिक, ये कहना कि खरगोश का खून एंटीऑक्सिडेंट है या सफेद बाल हटाता है, सरासर झूठ है। इसके लिए खरगोशों को पाला और मारा जा रहा है। ये तेल बिना लाइसेंस बेचा जा रहा है। ये तेल इन्हीं फर्जी दावों के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए बेचे जा रहे थे।

मेनका के मुताबिक, उनकी शिकायत के बाद ये तेल फ्लिपकार्ट से हटा लिया गया, लेकिन अब भी कई लोकल चैनलों और तमिल भाषा में इसके एड चल रहे हैं। उन्होंने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से तुरंत कार्रवाई की मांग की है।

मेनका ने तेल बेचने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के स्क्रीनशॉट भी दिखाए, जिनमें बेचने वाले का नाम और जानकारी थी। उनकी नाराजगी अस्काला रैबिट ब्लड हेयर ग्रोथ ऑयल पर साफ दिखी। उनका कहना है कि सरकार के पास सबूत हैं कि ये तेल अमेजन, मीशो, स्नैपडील और सोशल मीडिया पर आसानी से मिल रहा है। फिर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।

मेनका गांधी ने केंद्र और राज्य सरकार से अपील की है कि इस गैरकानूनी और क्रूर काम को रोका जाए। उनका कहना है कि जानवरों का खून निकालने में जो क्रूरता हो रही है, उसे बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।

खरगोश के खून से तेल बनाना गैर-कानूनी, 5 साल कैद की सजा इस मामले पर हमने सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख और ड्रग कंट्रोलर जनरल डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी से कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की। मेनका गांधी ने जो केस उठाए हैं, उसमें अब तक हुई कार्रवाई के बारे में जानने के लिए हमने मेल भी किया, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला।

मामले की कानूनी बारीकियों को समझने के लिए हमने पशु अधिकार संगठन PETA (पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स) इंडिया से कॉन्टैक्ट किया। हमारी PETA इंडिया की मुख्य कॉर्पोरेट संपर्क अधिकारी आशिमा कुकरेजा से बात हुई। उन्होंने बताया कि भारत में खरगोश जैसे जानवरों को मारकर उनके खून से तेल बनाना पूरी तरह गैरकानूनी है।

‘प्रिवेंशन ऑफ क्रूअलिटी टू एनिमल्स एक्ट 2001 के तहत सिर्फ लाइसेंस वाले स्लॉटर हाउस में ही जानवरों को मारा जा सकता है। वो भी सिर्फ खाने के मकसद से। इसके अलावा किसी भी पशु की हत्या अपराध है। खरगोश के खून से बने तेल जैसे प्रोडक्ट के लिए अक्सर अंधविश्वास पर जिम्मेदार होते हैं।‘

कार्रवाई के लिए शिकायत करेगा PETA क्या आपको अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ऐसे प्रोडक्ट्स की बिक्री की जानकारी है? इस पर आशिमा अमेजन पर बिक रहे ‘ट्रीप्लांट रैबिट ब्लड हेयर ग्रोथ ऑयल’ का उदाहरण देते हुए कहती हैं, ‘ये साफ है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म इन प्रोडक्ट्स को बेच रहे हैं। PETA इंडिया की लोगों से अपील है कि वे इन प्लेटफॉर्मों से कॉन्टैक्ट करके खरगोश के खून से बने ऑयल हटाने की मांग करें।‘

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अगर आप अच्छे बाल चाहते हैं, तो वीगन बनें और पशुओं की हत्या का सपोर्ट न करें। ऐसे प्रोडक्ट्स का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और ये सिर्फ धोखा है।

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आशिमा ने कहा कि हम ऐसे प्रोडक्ट्स के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराएंगे। लोग कोई भी कॉस्मेटिक प्रोडक्ट खरीदने से पहले PETA US के ग्लोबल ‘ब्यूटी विदाउट बन्नीज‘ डेटाबेस (crueltyfree.peta.org) की जांच करें। इसमें उन ब्रांड्स की लिस्ट है, जो जानवरों पर एक्सपेरिमेंट नहीं करते हैं।‘

हैदराबाद में नकली तेल पर शिकंजा 7 मार्च को हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने सूरत के दो लोगों, चौहान नीरल बाबूभाई और नील निकुलभाई को नकली हेयर ऑयल और फेस क्रीम बेचने के आरोप में पकड़ा। ये लोग बाजार से सस्ता सामान खरीदकर नकली प्रोडक्ट बनाते थे। इन्हें Shop101 जैसे प्लेटफॉर्म पर बेचते थे।

जांच में पता चला कि इन्होंने ‘पुनर्जीवनी प्राइवेट लिमिटेड’ के ‘रैबिट हेयर ऑयल’ की नकल की। इनके तीन साथी विशेष आहूजा, Shop101 के कर्मचारी प्रसाद और अलीशा अब भी फरार हैं। ये कार्रवाई नवंबर 2024 की एक शिकायत पर हुई, जिसमें ब्रांड चोरी और हेल्थ से खिलवाड़ का आरोप था।

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