कोर्ट में फर्जी जमानत देने वाली गैंग गिरफ्तार: सदर थाना पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, बदमाशों ने पॉक्सो के आरोपी की जमानत देकर उसे फरार कराया था – Jaipur News h3>
कोर्ट में पॉक्सो के आरोपी की जमानत देकर फरार कराने वाली गैंग का खुलासा करते हुए सदर थाना पुलिस ने सरगना सहित 3 आरोपियों को पकड़ लिया। गिरफ्तार आरोपी भरत सिंह बैजुपाड़ा दौसा, नंद सिंह सिसोदिया उर्फ मोती सिंह नांगल जैसा बोहरा व मनोवर रामगंज के रहने वाल
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डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने बताया कि कोर्ट में पॉक्सो के आरोपी की फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमानत देने के मामले में कोर्ट से मिली ऑर्डरशीट के आधार पर दर्ज केस में नंद सिंह व मनोवर को गिरफ्तार किया है। उक्त मामले में कोर्ट ने पॉक्सो आरोपी अमित कुमार पेशी पर नही आया तो कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। तब जांच की पता चला कि जिस मोती सिंह के नाम से जमानत दी गई थी। उनकी एक साल पहले ही मौत हो चुकी। उनके परिजनों ने मोती सिंह का मृत्यु प्रमाण पत्र भी पेश किया। इसके बाद पुलिस ने जमानत देने वाले व्यक्ति की पहचान की तो नंद सिंह सिसोदिया सामने आया। जिसे पकड़कर पूछताछ की तो पहले पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन उसके पास नंद सिंह व मोती के दस्तावेज के पुख्ता इनपुट मिल गए थे। नंद सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसने मनोवर के कहने पर मोती सिंह बनकर पोक्सो के आरोपी अमित कुमार की जमानत दी थी। आरोपी मनोवर का ही जानकार था। कोर्ट में पेश होने के बदले 1500 रुपए मिले थे और मनोवर के कहने पर पहले भी कई बार जमानत दे चुका। नंद सिंह पहले ऑटो चलाता था, कुछ समय पहले ऑटो का एक्सीडेंट हो गया। उसके बाद ऑटो नही चला सकता था। तभी मनोवर से संपर्क हुआ तो उसने जमानत देने वाले काम बता दिया। ऐसे में वह करीब 4 साल से लोगों की फर्जी जमानत दे रहा था। उसके बाद पुलिस ने तलाश कर मनोवर को पकड़ा। – इस गिरोह के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने में कोर्ट परिसर में मुंशी का काम करने वाला भरत सिंह और राजेन्द्र मदद करते थे। भरत सिंह को पुलिस ने एक मामले में पहले ही पकड़ लिया था। – इससे पहले एडवोकेट जयप्रकाश ने सदर थाने में केस दर्ज करवाया था। जिसमें बताया कि वह 11 फरवरी की शाम को एक फोटो स्टेट की दुकान पर गए तो देखा कि एक व्यक्ति के पास सुभाष के नाम से हैसियत प्रमाण पत्र था। जिसमें उनके पुश्तैनी मकान का पता लिखा था। जब उसे पूछा तो खुद का नाम रामगोपाल बताया। पीड़ित उसे पकड़कर पुलिस के हवाले किया और केस दर्ज करवा दिया। आरोपी रामगोपाल के पास कई लोगों के नाम के फर्जी दस्तावेज मिले थे। रामगोपाल से पूछताछ में भरत सिंह का नाम सामने आया था। थानाधिकारी बलबीर कस्वां ने बताया कि भरत सिंह व सोढ़ाला निवासी राजेन्द्र मिलकर फर्जी जमानत देने का गिरोह चलाते है। खुद की अलग-अलग लोगों के नाम के दस्तावेज तैयार करते हैं और बाद में लोगों को पैसे का लालच देकर कोर्ट में बुलाते है। राजेन्द्र को पकड़ने के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।