कोरोना से जंगः मॉक ड्रिल में खुली पोल, ऑक्सीजन का नॉब जाम-वेंटिलेटर में प्रेशर नहीं; ऐसे हारेगा कोरोना?

19
कोरोना से जंगः मॉक ड्रिल में खुली पोल, ऑक्सीजन का नॉब जाम-वेंटिलेटर में प्रेशर नहीं; ऐसे हारेगा कोरोना?

कोरोना से जंगः मॉक ड्रिल में खुली पोल, ऑक्सीजन का नॉब जाम-वेंटिलेटर में प्रेशर नहीं; ऐसे हारेगा कोरोना?


देश भर में कोरोना फिर तेजी से पांव पसार रहा है। बिहार में सभी जिलों में रोज नये संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई परेशानी और मौत की भयावह स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार के निर्देश पर जिले के अस्पतालों में कोरोना की तैयारी को लेकर मॉक ड्रिल किया गया। इस टेस्ट में बिहार के प्रमुख बड़े शहरों में शुमार स्मार्ट सिटी मुजफ्फरपुर में स्वास्थ्य विभाग की पोल खुल गई। 

सोमवार को बिहार के सभी जिलों में कोरोना की आपात स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल किया गया। उत्तर बिहार की अघोषित राजधानी मुजफ्फरपुर में मॉक टेस्ट में स्वास्थ्य विभाग फेल कर गया। सिविल सर्जन की नाक के तले चल रहे कोरोना वार्ड भी इमर्जेंसी हैंडल करने के लिए तैयार नहीं है। मॉक ड्रिल के दौरान सदर अस्पताल के कोरोना वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई का नॉब जाम था।  यह भी उजागर हुआ कि वेंटिलेटर पर ऑक्सीजन का प्रेशर बहुत कम मिला। कोरोना संक्रमित मरीज का ऑक्सीजन लेवल कम हो तो वेंटिलेटर उसकी जान बचाने में सक्षम नहीं था।

मॉनिटर पर मैसेज के बावजूद मेंटेनेंस नहीं

सदर अस्पताल के एमसीएच में बने ऑक्सीजन प्लांट की जांच प्रभारी सीएस डॉ चंद्रशेखर प्रसाद ने की। उनके साथ डॉ सीके दास, जिला मूल्यांकन व नियंत्रण पदाधिकारी राजेश झा,विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ आनंद और अस्पताल प्रबंधक धनंजय कुमार ठाकुर भी थे। जांच में देखा गया कि एक ही ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहा है। प्रभारी सीएस ने ऑक्सीजन प्लांट का प्रेशर चेक किया गया। प्रेशर 92 प्वाइंट बता रहा था। इसके बाद एमसीएच में बने कोरोना वार्ड की में लगे वेंटिलेटर की जांच हुई। जांच के दौरान वेंटिंलेटर को चला कर देखा गया। वेंटिलेटर चलाने पर वहां ऑक्सीजन का पूरा प्रेशर नहीं आ रहा था। वेंटिलेटर के मॉनिटर पर लगातार इसका मैसेज चल रहा था। 

हादसे रोकने के लिए रेलवे का नया प्लान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कैमरों से ट्रेनों पर रहेगी नजर

इसके बाद बेड के पास लगे ऑक्सीजन का नॉब भी चेक किया गया। कुछ बेड के पास नॉब जाम हो गए थे। वे ठीक से काम नहीं कर रहे थे। सिविल सर्जन ने ऑक्सीजन पाइप सर्विस करने का निर्देश दिया गया। प्रभारी सीएस ने कहा कि कोविड को लेकर पूरी तैयारी है। ऑक्सीजन प्लांट चल रहे हैं और वेंटिलेटर भी ठीक हैं। प्रभारी सीएस ने कहा कि बिहार बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में जो कोविड केयर सेंटर है उसे लेकर विभाग से दिशा निर्देश लिया जाएगा। 

 लोकसभा-राज्यसभा सांसद कोटे पर रेल  टिकट का खेल, मुजफ्फरपुर से सैंकड़ों फर्जी लेटरपैड बरामद; आंध्रप्रदेश में केस 

गायघाट में ऑक्सीजन बंद, कंसंट्रेटर निष्क्रिय

इसके बाद गायघाट स्वास्थ्य केंद्र में जाकर कोविड वार्ड का निरीक्षण किया गया। वहां ऑक्सीजन सप्लाई चालू नहीं था और कंसंट्रेटर भी काम नहीं कर रहा था। सीएस ने ऑक्सीजन चालू करने और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को सक्रिय करने का निर्देश दिया। सदर अस्पताल के अलावा एसकेएमसीएच में भी कोरोना को लेकर मॉक ड्रिल किया गया। एसकेएमसीएच में एक नंबर वार्ड को कोरोना वार्ड बनाया गया है। अधीक्षक डॉ दीपक कुमार ने बताया कि कोरेाना को लेकर 30 सामान्य बेड और 30 आईसीयू बेड रिजर्व हैं।

बंदरा में पांच बेड का बनाया कोरोना वार्ड

बंदरा के सीएचसी प्रभारी डॉ. नौशाद अहमद ने बताया कि विभागीय निर्देशानुसार मॉक ड्रिल से तैयारियों की समीक्षा की गई। इसमें कोरोना संक्रमण से गंभीर मरीजों को एंबुलेंस से लाने, कोरोना वार्ड में शिफ्ट करने, जांच करने, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर लगाने आदि की विस्तृत जानकारी स्वास्थ्यकर्मियों को दी गई है। यहां सभी सुविधाओं से लैस पांच बेड का कोरोना वार्ड बनाया गया है।

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News