कॉन्स्टेबल बना बजरंगी भाईजानः 10 साल पहले बिहार से लापता हुआ मूक-बधिर युवक, पुलिसकर्मी ने परिवार से मिलाया

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कॉन्स्टेबल बना बजरंगी भाईजानः 10 साल पहले बिहार से लापता हुआ मूक-बधिर युवक, पुलिसकर्मी ने परिवार से मिलाया


कॉन्स्टेबल बना बजरंगी भाईजानः 10 साल पहले बिहार से लापता हुआ मूक-बधिर युवक, पुलिसकर्मी ने परिवार से मिलाया

हाइलाइट्स:

  • दस वर्ष पहले बिहार से लापता हुआ था मूक-बधिर युवक
  • एमपी पुलिस के कॉन्स्टेबल की मेहनत से परिजनों से मिला
  • कॉन्स्टेबल को 8 माह पहले मिला था युवक, अपने घर पर रखकर परिजनों की तलाश की
  • दस साल पहले घूम हुए बेटे को पाकर मां और परिजनों ने लगाया गले

राजगढ़

मध्य प्रदेश के राजगढ़ में बजरंगी भाईजान फिल्म की तरह एक रियल मामला सामने आया है। करीब 8 महीने पहले ड्यूटी कर रहे एक कॉन्स्टेबल को मूक-बधिर युवक मिला तो वह उसे अपने घर ले आया। वह उसके परिजनों की तलाश में जुट गया और अंततः उसे परिवार से मिला कर ही दम लिया। बिहार के सीवान से आए युवक के माता-पिता ने जब 10 साल बाद अपने बेटे को देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अब पूरे इलाके में बजरंगी भाईजान कॉन्स्टेबल की चर्चा हो रही है।

मूक-बधिर अवधेश 10 वर्ष पहले अपने परिवार से बिछड़ गया था। वह इधर-उधर सड़कों पर भटकते हुए किसी तरह अपना जीवनयापन कर रहा था। आठ माह पहले अवधेश राजगढ़ जिले के ब्यावरा में पहुंच गया और उसके बाद यह कहानी पूरी तरह बजरंगी भाईजान फिल्म में तब्दील हो गई।

मध्य प्रदेश के ब्यावरा सिटी पुलिस थाने के कॉन्स्टेबल कैलाश नायक आठ महीने पीपल चौराहे पर ड्यूटी कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने एक मूक-बधिर युवक को देखा जो अकेले भूखा-प्यासा बैठा हुआ था। कैलाश नायक युवक को लेकर थाने पर आए, लेकिन वह अपना कुछ अता-पता नहीं बता सका। कैलाश युवक को अपने घर ले गए और पत्नी और बच्चों को पूरा मामला बताया। युवक बुधवार के दिन उनके घर पहुंचा था। इसलिए कॉन्स्टेबल की पत्नी ने उसका नाम गजानंद रख दिया और उसे अपने परिवार का हिस्सा मानकर उसकी देकभाल करने लगी।

इधर, कॉन्स्टेबल युवक के घरवालों को ढूंढ़ने में लग गए। वे युवक के फोटो को हाईवे से गुजरने वाले वाहन चालकों को दिखाकर उसके बारे में पता करने की कोशिश करते। उन्होंने सभी पुलिस थानों में उसकी तस्वीर भेजी।

इसी बीच बिहार के सीवान जिले की पुलिस से पता चला कि बिलासपुर का एक मूक-बधिर युवक गायब है। युवक का फोटो वहां भेजा गया तो माता पिता ने अपने बच्चे को पहचान लिया। पहचान के बाद युवक के परिजन ब्यावरा आए। बेटे को सामने देख उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। वे कॉन्स्टेबल कैलाश नायक को धन्यवाद देते नहीं थक रहे थे। युवक तो अपने परिजनों के साथ बिहार पहुंच गया, लेकिन कैलाश नायक को लोग अब बजरंगी भाईजान के नाम से पुकारने लगे हैं।



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