कैंसर रोगियों के लिए आयुर्वेद उम्मीद की एक किरण | Ayurveda a ray of hope for cancer patients | Patrika News h3>
विश्वव्यापी महामारी ने लोगों की आयुर्वेद में रुचि बढ़ा दी है। लोगों ने अब बीमारियों से निपटने के लिए इसके प्रयोग पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। सेहत के मोर्चे पर हर व्यक्ति की प्राथमिकता बिना किसी दुष्प्रभाव के प्राकृतिक रूप से ठीक होने की है। यह समझना जरूरी है कि शरीर में ही वह सब है, जिन पर सभी तरह की उपचार पद्धतियां निर्भर करती हैं। क्यूरेटफॉर्मूला आयुर्वेद के अथाह ज्ञान के साथ-साथ इम्यूनोथैरेपी और सेल पुनर्जनन के सिद्धांत पर आधारित है। इसका उद्देश्य कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से…
जयपुर
Published: April 09, 2022 12:22:38 am
जयपुर। विश्वव्यापी महामारी ने लोगों की आयुर्वेद में रुचि बढ़ा दी है। लोगों ने अब बीमारियों से निपटने के लिए इसके प्रयोग पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। सेहत के मोर्चे पर हर व्यक्ति की प्राथमिकता बिना किसी दुष्प्रभाव के प्राकृतिक रूप से ठीक होने की है। यह समझना जरूरी है कि शरीर में ही वह सब है, जिन पर सभी तरह की उपचार पद्धतियां निर्भर करती हैं।
कैंसर रोगियों के लिए आयुर्वेद उम्मीद की एक किरण
दरअसल, शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति पर सब निर्भर करता है, जिसे विज्ञान की भाषा में ‘इम्युनिटी’ कहते हैं। इस ‘इम्युनिटी’ के इर्द-गिर्द ही उपचार की सभी पद्धतियां केंद्रित हैं। यदि शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति मजबूत हो तो व्यक्ति बीमारियों से स्वयं ही लडऩे और जीतने में समर्थ होता है। वैज्ञानिक व आविष्कारक मुनीर खान (Munir Khan) ने इस तथ्य को केंद्र पर रखते हुए लंबा शोध किया है।
रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत करना
मुनीर खान ने इस मिशन के साथ शोध कार्य शुरू किया कि मानव जाति को बीमारियों और इससे होने वाले कष्टों से मुक्त करना है। 25 साल पहले बॉडीरिवाइवल के रूप में इसका नतीजा सबके सामने आया। यह इम्यूनोथैरेपी और सेल रिजनरेशन पर आधारित है। यह एक क्यूरेटफॉर्मूला है, जो आयुर्वेद के अथाह ज्ञान के साथ-साथ इम्यूनोथैरेपी और सेल पुनर्जनन के सिद्धांत पर आधारित है। इसका उद्देश्य कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लडऩे के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत करना है।
यह उत्सर्जन के माध्यम से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, स्वस्थ ऊतकों और कोशिकाओं के पुनर्जनन को बढ़ावा देता है। शरीर से विषहरण, रक्त शोधन और रोगग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करता है। पश्चिम बंगाल सरकार के पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रिसर्च इंस्टीट््यूट में ‘बॉडीरिवाइवल’ का चिकित्सकीय परीक्षण किया है।
कीमोथैरेपी के साइडइफेक्ट को दूर करने में भी यह मददगार है। इसमें आयुर्वेद की अच्छाई और इम्यूनोथैरेपी की प्रभावशीलता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद का अर्थ है- जीवन का विज्ञान। यदि इम्यूनोथैरेपी की बात करें तो यह एक उपचार पद्धति है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्राकृतिक रूप से बढ़ाती है। इम्यूनोथैरेपी शरीर में कहीं भी कैंसर कोशिकाओं को पहचानने, लक्षित करने और समाप्त करने का काम करती है। इस प्रक्रिया में स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं होता है और कैंसर से ग्रस्त कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं।
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विश्वव्यापी महामारी ने लोगों की आयुर्वेद में रुचि बढ़ा दी है। लोगों ने अब बीमारियों से निपटने के लिए इसके प्रयोग पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। सेहत के मोर्चे पर हर व्यक्ति की प्राथमिकता बिना किसी दुष्प्रभाव के प्राकृतिक रूप से ठीक होने की है। यह समझना जरूरी है कि शरीर में ही वह सब है, जिन पर सभी तरह की उपचार पद्धतियां निर्भर करती हैं। क्यूरेटफॉर्मूला आयुर्वेद के अथाह ज्ञान के साथ-साथ इम्यूनोथैरेपी और सेल पुनर्जनन के सिद्धांत पर आधारित है। इसका उद्देश्य कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से…
जयपुर
Published: April 09, 2022 12:22:38 am
जयपुर। विश्वव्यापी महामारी ने लोगों की आयुर्वेद में रुचि बढ़ा दी है। लोगों ने अब बीमारियों से निपटने के लिए इसके प्रयोग पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। सेहत के मोर्चे पर हर व्यक्ति की प्राथमिकता बिना किसी दुष्प्रभाव के प्राकृतिक रूप से ठीक होने की है। यह समझना जरूरी है कि शरीर में ही वह सब है, जिन पर सभी तरह की उपचार पद्धतियां निर्भर करती हैं।
कैंसर रोगियों के लिए आयुर्वेद उम्मीद की एक किरण
दरअसल, शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति पर सब निर्भर करता है, जिसे विज्ञान की भाषा में ‘इम्युनिटी’ कहते हैं। इस ‘इम्युनिटी’ के इर्द-गिर्द ही उपचार की सभी पद्धतियां केंद्रित हैं। यदि शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति मजबूत हो तो व्यक्ति बीमारियों से स्वयं ही लडऩे और जीतने में समर्थ होता है। वैज्ञानिक व आविष्कारक मुनीर खान (Munir Khan) ने इस तथ्य को केंद्र पर रखते हुए लंबा शोध किया है।
रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत करना
मुनीर खान ने इस मिशन के साथ शोध कार्य शुरू किया कि मानव जाति को बीमारियों और इससे होने वाले कष्टों से मुक्त करना है। 25 साल पहले बॉडीरिवाइवल के रूप में इसका नतीजा सबके सामने आया। यह इम्यूनोथैरेपी और सेल रिजनरेशन पर आधारित है। यह एक क्यूरेटफॉर्मूला है, जो आयुर्वेद के अथाह ज्ञान के साथ-साथ इम्यूनोथैरेपी और सेल पुनर्जनन के सिद्धांत पर आधारित है। इसका उद्देश्य कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लडऩे के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत करना है।
यह उत्सर्जन के माध्यम से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, स्वस्थ ऊतकों और कोशिकाओं के पुनर्जनन को बढ़ावा देता है। शरीर से विषहरण, रक्त शोधन और रोगग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करता है। पश्चिम बंगाल सरकार के पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रिसर्च इंस्टीट््यूट में ‘बॉडीरिवाइवल’ का चिकित्सकीय परीक्षण किया है।
कीमोथैरेपी के साइडइफेक्ट को दूर करने में भी यह मददगार है। इसमें आयुर्वेद की अच्छाई और इम्यूनोथैरेपी की प्रभावशीलता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद का अर्थ है- जीवन का विज्ञान। यदि इम्यूनोथैरेपी की बात करें तो यह एक उपचार पद्धति है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्राकृतिक रूप से बढ़ाती है। इम्यूनोथैरेपी शरीर में कहीं भी कैंसर कोशिकाओं को पहचानने, लक्षित करने और समाप्त करने का काम करती है। इस प्रक्रिया में स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं होता है और कैंसर से ग्रस्त कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं।
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