कानपुर: ऐसा कौन सा सवाल था… इरफान सोलंकी के वकील को दोबारा वादिनी से करनी पड़ी जिरह? कोर्ट से मांगी थी अनुमति h3>
नजीर फातिमा ने आरोप लगाया था कि सपा विधायक और उनके भाई प्लाट पर कब्जा करना चाहते थे। बीते 7 नवंबर 2022 (सोमवार) को परिवार के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गए थे। इसी बीच विधायक और उनके भाई ने झोपड़ी में आग लगा दी। पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 327, 427, 386, 504, 436, 506 और 120 के तहत मुकदमा किया था।
फाइल फोटो
सुमित शर्मा, कानपुरः यूपी के कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। जाजमऊ आगजनी मामले में मंगलवार को विधायक इरफान सोलंकी के वकील ने वादिनी नजीर फातिमा से दोबारा जिरह की। बचाव पक्ष के वकील ने एमपीएमएलए कोर्ट से अनुमति मांगी थी। ऐसे में सवाल उठता है कि केस से जुड़ा ऐसा कौन सा एक सवाल था, जिसके लिए बचाव पक्ष के वकीलों को अनुमति मांगनी पड़ी। आगजनी मामले में 14 गवाहों की गवाही हो चुकी है, 30 जुलाई तक फैसला आ सकता है। इस केस में 6 से 8 साल की सजा का प्रावधान है। सपा विधायक इरफान सोलंकी की विधायकी जानी तय मानी जा रही है।जाजमऊ थाना क्षेत्र स्थित डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली नजीर फातिमा का प्लाट है। नजीर फातिमा का परिवार प्लाट में ट्टर और छप्पर डालकर रहता है। नजीर फातिमा ने आरोप लगाया था कि सपा विधायक और उनके भाई प्लाट पर कब्जा करना चाहते थे। बीते 7 नवंबर 2022 (सोमवार) को परिवार के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गए थे। इसी बीच विधायक और उनके भाई ने झोपड़ी में आग लगा दी। पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 327, 427, 386, 504, 436, 506 और 120 के तहत मुकदमा किया था। इस मामले में इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान समेत आठ लोग जेल में हैं।
वादिनी से एक बार जिरह हो चुकी थी
आगजनी मामले में वादिनी नजीर फातिमा की गवाही कोर्ट में हो चुकी थी। बचाव पक्ष के वकील वादिनी से जिरह भी कर चुके थे। बीते सोमवार को एमपीएमएलए कोर्ट में आगजनी मामला समेत 6 मुकदमों की सुनवाई होनी थी। इरफान को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच महाराजगंज जेल से कानपुर लाया गया था। लेकिन आगजनी मामले में 15वां गवाह पेश नहीं हुआ था।
बचाव पक्ष ने दोबारा जिरह के लिए दी थी अर्जी
इसके साथ ही जून में मजिस्ट्रेट को दस-दस दिनों की छुट्टी मिलती है। इस वजह से किसी भी मामले की सुनवाई नहीं हो पाई थी। वचाव पक्ष के अधिवक्ता बचाव पक्ष की तरफ से कोर्ट में एक एप्लीकेशन दी गई थी। जिसमें कहा गया था कि वादिनी को तलब किया जाए, उससे एक सवाल पूछने को रह गया है, वो सवाल भी लिख कर दिया गया था। जिसपर मंगलवार को बचाव पक्ष के वकीलों ने वादिनी से दोबारा जिरह की।
वादिनी से पूछा गया सवाल
एडीजीसी भास्कर मिश्रा ने बताया कि वादिनी नजीर फतिमा कोर्ट के समक्ष पेश हुईं। बचावपक्ष के अधिवक्ता ने वादिनी से सवाल किया कि आगजनी मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए दी गई तहरीर पर उनके हस्ताक्षर थे या फिर उनकी बेटी के। वादिनी ने कहा कि तहरीर पर उसी ने हस्ताक्षर किए थे, बेटी ने नहीं। अब इस मामले में अब एक जुलाई को सुनवाई होनी है। बचाव पक्ष के वकीलों ने वादिनी से यह सवाल पूछने पर अभियोंजन पक्ष और पुलिस की चिंता बढ़ा दी है। पुलिस ने भी इसकी जानकारी जुटा रही है कि तहरीर पर किसने हस्ताक्षर किए थे।
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