कांग्रेस के शासन काल में एक बार भी फंड के लिए स्ट्राइक की नौबत नहीं आई: अभिषेक दत्त
एमसीडी के वर्तमान हालात पर उन्होंने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि मिड डे मील एक बड़ा स्कैम है। कागजों पर तो हर साल एक लाख बच्चे बढ़ जाने के दावे तो किए जाते तो हैं, लेकिन न तो स्कूल बढ़ते हैं और न ही कमरे। इसी प्रकार लैंड फील्ड माफिया का सवाल है, कानून के बाद भी आज तक किसी को जुर्माना नहीं लगा है। ऊपर से सिस्टम भी सही नहीं है, एक फिक्स अमाउंट कूड़ा हर इलाके से तय कर दिया गया है, जबकि यह जरूरत के अनुसार होना चाहिए था, क्योंकि कहीं पर आबादी ज्यादा है तो कहीं पर रहने वाले लोग कम हैं। मैक्सिम कूड़ा कमर्शियल सेंटरों से निकलता है, लेकिन रेजिडेंशियल और कमर्शियल की रेट एक ही हैं।
वहीं, अभिषेक ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि अब आप की सरकार नहीं रही, यह अब केजरीवाल की सरकार रह गई है। टिकट बंटवारे में दिखा और कोविड के दौरान भी देखा गया। कोविड के दौरान किसी भी सफाई सैनिक को मुआवजा नहीं मिला। खासकर जो लोग सड़कों पर सफाई करते हुए शहीद हुए लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं मिला। आरोप लगाया कि बुजुर्गों की पेंशन रुक जाती है, जबकि बड़े-बड़े अधिकारियों को लाखों रुपये की सैलरी मिलती रहती है। यह सिर्फ नियत का फर्क है। उन्होंने कहा कि एक लिफ्ट ऑपरेटर की कागज पर सैलरी 18 हजार है, उसे मिलती है सिर्फ 8 हजार, वो भी 500 रुपये खर्च करने के बाद।
कांग्रेस पोस्टर में भी नहीं दिख रही है के सवाल पर अभिषेक ने कहा कि केवल होर्डिंग पोस्टर से समाधान नहीं निकलता, अगर सीएम केजरीवाल की सोच दिल्ली की होती तो आज यह स्थिति नहीं होती। शीला दीक्षित के कार्यकाल में सोच दिल्ली की थी, न कि कांग्रेस की। पूरे कार्यकाल में ऐसा कभी नहीं हुआ कि फंड के लिए स्ट्राइक की नौबत आई हो। फंड की समस्या का हल निकालने के लिए बीजेपी ने पिछले चुनाव में अपने मेनिफेस्टो में डायरेक्ट फंडिंग का दावा किया था, केंद्र से बजट दिलाने का वादा किया था। लेकिन जीत के बाद भी यह समस्या बनी रही। उन्होंने कहा कि बसें नहीं हैं लेकिन पोस्टर में दिखती जरूर हैं। ग्रीन दिल्ली नहीं है, छठ पूजा के लिए यमुना साफ नहीं है लेकिन होर्डिंग-पोस्टर सज जाते हैं। आईआईटी ने भी कहा कि कूड़े का पहाड़ कम नहीं होगा, इनके अपने रिसर्च ने भी बताया कि दिल्ली में 44 पर्सेंट प्रदूषण की वजह गाड़ियां हैं, लेकिन पोस्टर में इसका समाधान वो जरूरत बता रहे हैं। कांग्रेस पोस्टर से नहीं, जमीन पर काम करने में यकीन रखती है।
किस वॉर्ड में कौन-सी कॉलोनियां, जानें MCD वॉर्डों की ABC…