कहानी यश चोपड़ा की सिमरन पामेला चोपड़ा की, जिनके लिए कमरे में बिछाए गए गद्दे और जमती थी महफिल

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कहानी यश चोपड़ा की सिमरन पामेला चोपड़ा की, जिनके लिए कमरे में बिछाए गए गद्दे और जमती थी महफिल

कहानी यश चोपड़ा की सिमरन पामेला चोपड़ा की, जिनके लिए कमरे में बिछाए गए गद्दे और जमती थी महफिल

शाहरुख खान अगर हिंदी सिनेमा के रोमांस किंग हैं तो यश चोपड़ा किंगमेकर। सिनेमाई पर्दे पर सरसों के खेत, बर्फ के सुंदर नजारे, स्विजरलैंड के घास वाले मैदान और ट्यूलिप के बाग में जिस इंसान ने इश्क का रंग पहचाना वो यश चोपड़ा ही थे। फिल्मों को लेकर उनकी रूहानियत ही थीं जिसने बॉलीवुड पर ये इश्क का रंग चढ़ाया। जो इंसान फिल्मों में इतना प्यार और खूबसूरती बिखेरता था वो असल जिंदगी में कितना रोमांटिक होगा। जी हां, यश चोपड़ा असल जिंदगी में भी उतने ही प्यारे थे जितनी उनकी फिल्में हुआ करती थीं। जिस यश चोपड़ा ने हमारी जिंदगी में इतनी सारी रोमांटिक फिल्में दीं उनकी जिंदगी की ‘सिमरन’ को जानते हैं आप? आइए आज आपको पामेला चोपड़ा से मिलवाते हैं। विमेंस डे (International Women’s Day 2023) के मौके पर उस महिला की कहानी से रूबरू करवाते हैं जिन्होंने पर्दे के पीछे रहकर वो सभी किया जिससे यश चोपड़ा को हिम्मत मिलती रही।

रानी मुखर्जी (Rani Mukherjee) की सास, आदित्य चोपड़ा-उदय चोपड़ा की मां और यश चोपड़ा की पत्नी पामेला चोपड़ा। जिन्हें इंडस्ट्री में सब प्यार से पैम बुलाते हैं। उन्होंने न सिर्फ यश चोपड़ा की फिल्मों में योगदान दिया बल्कि उन्हें कभी टूटने नहीं दिया। यश चोपड़ा ने जब जब कोई बड़ा कदम उठाया तो उन्हें हिम्मत देने वालीं पामेला (Pamela Chopra) ही थीं। दिल्ली की रहने वालीं पामेला से शादी के बाद यश चोपड़ा (Yash Chopra Wife) की फिल्मों में महिलाओं को लेकर सोफ्टनेस देखने को मिली। महिला के किरदारों को समझदार दिखाया गया। जो खुद अपने फैसले ले सकती हैं। समझदार है। लंबे चौड़े रोल गड़े गए।

कौन हैं पामेला चोपड़ा, कामकाज और गद्दे वाला कमरा

पामेला पढ़ी लिखीं, खूबसूरत और इंटीलीजेंट महिला रहीं। जिन्होंने परिवार के साथ साथ पति के कामकाज में हमेशा अपनी राय रखी। वो बेशक पर्दे पर नहीं आईं लेकिन उन्होंने पर्दे के पीछे रहकर वो सब किया जो चोपड़ा परिवार के लिए कोई न कर पाता। बहुत कम लोग जानते हैं कि अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की ‘कभी कभी’ की कहानी पामेला ने ही लिखी थी। उन्हें म्यूजिक से काफी लगाव रहा है। यश चोपड़ा (Yash Chopra) भी उनके इस टेलेंट की कद्र करते थे। पैम ने ‘सिलसिला’ (Pamela Chopra Song) से लेकर कई फिल्मों के गाने भी गाए। कहते हैं कि पामेला और यश चोपड़ा के घर में एक गद्दे वाला कमरा भी है। जहां बातें होती है सिर्फ गाने और बजाने की।

पामेला चोपड़ा और यश चोपड़ा की प्रेम कहानी

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हाल में ही नेटफ्लिक्स पर ‘द रोमांटिक्स’ रिलीज हुई। इस सीरीज में यश चोपड़ा की फिल्मों, योगदान और पामेला का भी जिक्र होता है। वह खुद अपनी प्रेम कहानी के बारे में बताती हैं। पामेला (Yash Chopra And Pamela Chopra’s Love Story) ने बताया कि दोनों की शादी अरेंज मैरिज थी। वह कहती हैं-

यश चोपड़ा दिल्ली में एग्जाम देने के लिए आए थे। दोनों की मुलाकात मैचुअल दोस्त के जरिए हुई थी। उस दोस्त ने डिनर के लिए मेरे पिता से पूछा। वो समय वो था जब माता पिता से इजाजत ली जाती थी। पामेला ने यश को साफ इंकार कर दिया था। पामेला को तो यश बहुत अजीब लगे थे। क्योंकि वह कुछ कहते हुए हिचकते नहीं थे। बस दोनों के बीच सबकुछ वहीं सिमट गया। दोनों ने ही एक दूसरे में इंट्रस्ट नहीं दिखाया।

पामेला चोपड़ा

यश चोपड़ा के भैया भाभी रिश्ता लेकर पहुंचे

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फिर एक दिन यश चोपड़ा के बड़े भाई बीआर चोपड़ा और उनकी वाइफ दिल्ली आए। उन्होंने पामेला के पैरेंट्स से यश के लिए उनका हाथ मांगा। दोनों परिवार के बीच बातचीत हुई और फिर ये रिश्ता पक्का हो गया। दोनों परिवारों ने धूमधाम से सभी रीति रिवाज निभाते हुए इस शादी (Yash Chopra And Pamela Chopra Marriage) को किया।

हनीमून पर यश चोपड़ा ने लिया था ये बड़ा फैसला

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सब जानते हैं यश चोपड़ा के स्विजरलैंड बेहद खास डेस्टिनेशन रही है। वह हनीमून के लिए भी इस जगह पर ही पहुंचे थे। वाइफ के साथ जब वह हनीमून पर जा रहे थे तब उन्होंने सोचा कि अब वक्त आ गया है कि वह अपना खुद का कुछ शुरू करें। वह अब तक बड़े भाई बीआर चोपड़ा के प्रोडक्शन हाउस में रहकर 4-5 फिल्में बना चुके थे। जब वह हनीमून से लौटे तो उन्होंने खुद का प्रोडक्शन हाउस खोलने का मन बनाया।

पामेला ने हर कदम पर दिया साथ

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जब यश चोपड़ा ने प्रोडक्शन हाउस खोलने का तय किया तो कोई भी इस फैसले से खुश नहीं थे। बीआर चोपड़ा भी चाहते थे कि वह उन्हीं की प्रोडक्शन में फिल्में डायरेक्ट करें। वह नहीं चाहते थे कि इतना होनहार डायरेक्टर उनकी कंपनी छोड़ दें। खुद यश भी जोखिम उठाने से सकपका रहे थे। उन्होंने अब तक फिल्में तो कई डायरेक्ट कर ली थीं जो कि हिट भी साबित हुई थीं मगर उनके पास प्रोडक्शन का एक्सपीरियंस नहीं था। वह डर रहे थे कि क्या वह प्रड्यूसर की जिम्मेदारी संभाल पाएंगे। इस वक्त पामेला ही थीं जिन्होंने यश को समझाया। साथ दिया और विश्वास दिलाया कि वह इस काम को भी अच्छे से ही कर पाएंगे।

यशराज फिल्म्स की पहली फिल्म और वो टेंशन

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साल 1974 में 10*10 के कमरे में यश चोपड़ा प्रोडक्शन हाउस की शुरुआत हुई। उस जमाने के मशहूर डिस्ट्रीब्यूटर और फाइनेंस गुलशन राय ने उन्हें सपोर्ट किया। साल 1995 में उन्होंने पहली फिल्म दाग बनाई। जिस जिस ने इस फिल्म को देखा बहुत ही ठंडा रिएक्शन दिया। गुलशन तक ने कह दिया था कि ये फिल्म ज्यादा कामयाब नहीं होगी। ये सब सुनकर यश चोपड़ा तनाव में आ गए थे। मगर पामेला ने तब भी संभाला और उन्हें हिम्मत दी कि सब ठीक ही होगा। जब दाग पर्दे पर रिलीज हुई तो हिट साबित हुई।