‘कनाडा की PM बनी तो अवैध प्रवासियों को बाहर करूंगी’: भारतवंशी रूबी ढल्ला बोलीं- इंडिया से रिश्ते सुधारूंगी, ट्रम्प से डील करना जानती हूं h3>
‘कनाडा में जो भी गलत रास्ते से आते हैं, मैंने हमेशा उन्हें डिपोर्ट करने की बात कही है। हम उन्हें डिपोर्ट करेंगे। यहां आने के बहुत सारे लीगल रास्ते हैं।’
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डॉ. रूबी ढल्ला भारतीय मूल की कनाडाई सिटिजन हैं। प्रधानमंत्री पद की दावेदार हैं। अगर जीतीं, तो कनाडा में भारतीय मूल की पहली प्रधानमंत्री होंगी। रूबी ढल्ला भी अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की तरह अवैध प्रवासियों के खिलाफ हैं। वे ऐलान भी कर चुकी हैं, ‘मैं चुनी गई, तो अवैध अप्रवासियों को देश से निकाल बाहर करूंगी।’
रूबी ढल्ला आंत्रप्रेन्योर हैं। तीन बार सांसद रह चुकी हैं। मौजूदा प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी से हैं। दैनिक NEWS4SOCIALने उनसे बात की। पढ़िए पूरा इंटरव्यू…
सवाल: कितना भरोसा है कि आप PM पद की रेस जीत जाएंगी? जवाब: PM पद के लिए हमारी लिबरल पार्टी के अंदर चुनाव हो रहा है। ये ऐतिहासिक है। कनाडा में रहने वाले लोग भी मेरे चुनाव को लेकर बहुत उत्सुक हैं। बाकी कैंडिडेट में से कोई ट्रूडो सरकार में एडवाइजर था, कोई मिनिस्टर या सांसद था। मैं सरकार से किसी भी तरह नहीं जुड़ी हूं।
मैंने बिजनेस फील्ड में बहुत काम किया है। मेरे पास लीडरशिप का अनुभव है। देश की मौजूदा दिक्कतों को दुरुस्त करने के लिए क्या करना चाहिए, मुझे इसकी पूरी समझ है। इसके लिए मेरे पास प्लान भी है। उम्मीद है कि 9 मार्च को मैं PM पद का चुनाव जीतूंगी और कनाडा की पहली भारतीय मूल की प्रधानमंत्री बनूंगी।
सवाल: अभी भारत-कनाडा के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। आप PM बनीं या सरकार में शामिल हुईं, तो बेहतर रिश्तों के लिए क्या करेंगी? जवाब: मेरी पहली प्राथमिकता कनाडा के नागरिकों की सुरक्षा होगी। मैं ये जरूर मानती हूं कि भारत की इकोनॉमी बड़ी है। भारत-कनाडा के रिश्तों की अपनी अहमियत है। कनाडा में रहने वाले भारतवंशियों के दिल भारत से जुड़े हैं।
हम भारत, चीन, सऊदी अरब जैसे देशों के साथ इकोनॉमी और ट्रेड के स्तर पर काम करेंगे। इसमें कनाडा में रहने वाले लोगों का भी फायदा है और इन देशों का भी। मुझे लगता है कि हमें ट्रेड और इकोनॉमी पर फोकस करना चाहिए।
सवाल: आपके कैंपेनिंग की पिच है- ‘कनाडा कमबैक स्टार्ट्स नाऊ’। ये ट्रम्प के ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन‘ जैसी लगती है। आपको लोग ‘लेडी ट्रम्प’ कहते हैं, इस पर क्या कहेंगी? जवाब: कनाडा में सारी मीडिया कह रही है कि ट्रम्प साहब के साथ अगर कोई डील कर सकता है तो वो सिर्फ रूबी ढल्ला हैं। डोनाल्ड ट्रम्प कारोबारी हैं, मैं भी कारोबारी हूं। हमें पता है कि डील कैसे फाइनल की जाती है। हम चाहते हैं कि हमारे वर्कर्स, नागरिक और आम लोगों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो। ट्रम्प भी अपने देश के लिए वही चाहते हैं।
‘कनाडा कमबैक स्टार्ट्स नाऊ’ का नारा मैंने इसलिए दिया है क्योंकि आज से कुछ साल पहले हम कहते थे कि हम कनाडा से हैं, तो ये सुनकर लोग बहुत खुश होते थे। कनाडा जब बोलता था, तो दुनिया सुनती थी। अब कनाडा का नाम लेने पर लोग मजाक उड़ाते हैं, हंसते हैं। अगर मैं प्रधानमंत्री बनती हूं तो कनाडा को फिर नंबर वन देश बनाएंगे। फिर से जब कनाडा बोलेगा तो दुनिया सुनेगी।
सवाल: आपने कहा है कि ट्रम्प की तरह अवैध प्रवासियों पर सख्ती करेंगी। ये कैसे करेंगी और क्या ये करना जरूरी है? जवाब: ट्रम्प ने जिस तरह से लोगों को डिपोर्ट किया है, वो उनकी नीति है। उनकी सरकार का फैसला है। मेरी मां 1972 में भारत से अपना घर-बार छोड़कर कनाडा आई थीं। तब वो भी प्रवासी थीं। मेरी मां ने कभी नहीं सोचा होगा कि उनकी बेटी कभी कनाडा में PM पद की रेस में होगी। कनाडा ने हमेशा प्रवासियों को आगे बढ़ने का मौका दिया है।
हम लोगों ने कनाडा में रहकर बहुत मेहनत की है। यहां आने के बहुत सारे लीगल रास्ते हैं। मैंने हमेशा उन्हें डिपोर्ट करने की बात कही है, जो गलत रास्ते से कनाडा आते हैं। ये इसलिए जरूरी है ताकि ह्यूमन ट्रैफिकिंग करने वालों को सबक मिल सके। इन तस्करों की वजह से लोगों की जिंदगियां खतरे में पड़ती हैं और उनके परिवार बर्बाद होते हैं।
सवाल: क्या आप PM जस्टिन ट्रूडो के काम से खुश हैं, उन्होंने जैसे भारत से रिश्ते खराब किए, क्या ये आपको सही लगता है? जवाब: जस्टिन ट्रूडो ने हमारी पार्टी और देश का लीडर होने के नाते जो फैसले किए हैं, उसके बारे में वही जानते हैं। उन्होंने चीजें बेहतर करने की कोशिशें की होंगी। पिछले कुछ साल में दुनिया कई बदलावों से गुजरी है। कनाडा में महंगाई बढ़ रही है। लोग घर नहीं खरीद पा रहे। ग्रॉसरी की कीमतें बढ़ रही हैं, फूड और गैस सबकी कीमतें बढ़ रही हैं।
अब हमें ऐसा मजबूत लीडर चाहिए, जो इसे हल करने के लिए मजबूत फैसले ले सके। मैं डॉक्टर रही हूं। बिजनेस करती हूं और 3 बार की सांसद रही हूं। मुझे ऐसे फैसले लेने का पूरा अनुभव है। लोगों की दिक्कतें समझकर काम करने की जरूरत है और मैं इसके लिए तैयार हूं।
सवाल: ट्रम्प ने ऐलान किया है कि वे कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाना चाहते हैं। इस पर क्या सोचती हैं? जवाब: मेरा सीधा जवाब है कि ऐसा कभी नहीं होगा। हम एकजुट और मजबूत देश हैं। स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र हैं और हमेशा ऐसे ही रहेंगे। ट्रम्प ने जब से कनाडा को लेकर ये बयान दिया है, तब से हमारे देश में एकजुटता और राष्ट्रवाद की भावना बढ़ी है।
उदाहरण के तौर पर आपको बताऊं तो कनाडा में अमेरिकी ब्रांड का जूस आता है। लोग अब उसकी जगह अपने देश में तैयार जूस खरीद रहे हैं। वो अपने देश में बनी गाड़ियां खरीदेंगे। साफ है कि लोग अमेरिका के साथ नहीं जाना चाहते हैं। मैं हमेशा कनाडाई लोगों के हित के लिए लड़ाई लड़ती रहूंगी।
सवाल: कनाडा में तिरंगा जलाने की फोटो आती है, तो भारतीयों का दिल दुखता है। आप PM बनीं, तो खालिस्तानियों का क्या करेंगी? जवाब: कनाडा में कानून का राज है। देश इसी से चलता है। बतौर PM मैं कभी कानून के राज से समझौता नहीं करूंगी कि किसी को ठेस पहुंचे या किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों। हमारी सोच है कि हम शांति के साथ रहें। हम कनाडा के आम लोगों की दिक्कतों पर फोकस कर रहे हैं और उसे सुलझाने के लिए काम करना चाहते हैं।
सवाल: PM मोदी आपको कैसे लगते हैं। आप उनके बारे में क्या सोचती हैं? जवाब: मैं PM मोदी से पहली बार दिल्ली में हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन में मिली थी। तब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने मुझे वडोदरा बुलाया था। मैं वहां गई, तो मुझे चीफ गेस्ट बनाया। कनाडा के लोगों को भारत जैसे देशों से बहुत उम्मीदें हैं। वे भारत की मदद कर सकते हैं। इससे हमारे रिश्ते अच्छे होंगे और दोनों देशों का फायदा होगा।
सवाल: कनाडा सरकार ने विदेशियों को स्थायी नागरिकता देने में कटौती करने का फैसला किया था। कनाडा में करीब 4 लाख भारतीय छात्र हैं। हर साल भारत से लोग वहां जाते हैं। इसके लिए आपका क्या प्लान है? जवाब: मुझे गर्व है कि मैं भारतीय मूल की हूं, लेकिन हमें सारे देश के बारे में सोचना पड़ता है। कनाडा में पढ़ाई करने वाले सिर्फ भारत से नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से आए हैं। ये स्टूडेंट बहुत मुश्किल हालात में यहां रहते हैं। इमिग्रेशन की जो योजना है, उस पर फिर से सोचने की जरूरत है।
बतौर PM मैं सोचूंगी कि कनाडा के लिए सही क्या होगा और उसी हिसाब से फैसले लूंगी। जब हम कहते हैं कि आप भी आ जाओ- आप भी आ जाओ, तो यहां आकर खिचड़ी हो जाती है। इमिग्रेशन के लिए अच्छी पॉलिसी पर काम करने की जरूरत है।
सवाल: अगर PM बनीं, तो भारत से जुड़ा पहला फैसला क्या होगा? जवाब: कनाडा और भारत के रिश्तों में जो दिक्कतें आ रही हैं, हम उन्हें बैठकर ठीक करने की कोशिश करेंगे।
कनाडा में 18 लाख भारतीय, सबसे ज्यादा ब्रैम्पटन में 2021 की जनगणना के मुताबिक, कनाडा में करीब 18 लाख भारतीय हैं। इनमें 7 लाख सिख हैं। सबसे ज्यादा 1.59 लाख भारतीय ब्रैम्पटन में हैं। यहां पिछले साल 3 नवंबर को मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर दिया था। भारतीय कॉन्सुलेट उस वक्त कनाडा के मंदिरों और गुरुद्वारों में कैंप लगा रहा था। 3 नवंबर को ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में कैंप लगा। ये ब्रैम्पटन और आसपास के इलाके में सबसे बड़ा मंदिर है।
भारत कनाडा के रिश्ते सबसे खराब दौर में भारत और कनाडा के रिश्ते इस वक्त सबसे खराब दौर में हैं। वजह कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की बढ़ती एक्टिविटी है। 18 सितंबर 2022 को कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में 10 हजार से ज्यादा खालिस्तान समर्थक जुटे थे। यहां मौजूद लोगों से पूछा गया कि- ‘क्या आप भारत से अलग खालिस्तान देश चाहते हैं?’
भारत सरकार ने इस कार्यक्रम का विरोध किया, लेकिन कनाडा ने इसे विचार रखने की आजादी कहकर कार्यक्रम होने दिया।
18 जून, 2023 को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सितंबर, 2023 में कनाडा ने भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया। इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ने लगे। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने संसद में कहा कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल थे। इससे जुड़े सबूत भी हैं।
भारत ने ट्रूडो और उनकी पार्टी पर खालिस्तानियों को लुभाने के लिए वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। इसके बाद ट्रूडो सरकार ने भारत के एक सीनियर डिप्लोमैट को देश से निकाल दिया। हालांकि, बाद में ट्रूडो ने कई बार भारत से रिश्ते बनाए रखने की बात कही थी।
कनाडा के आरोपों के बाद भारत ने वहां के लोगों के लिए वीजा सेवाएं सस्पेंड कर दी थीं। 41 कनाडाई डिप्लोमैट्स को भी हटा दिया। बाद में डिप्लोमैटिक लेवल पर बातचीत हुई और कुछ महीनों बाद वीजा सेवाएं बहाल कर दी गई थीं।
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कनाडा में PM चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए 3 महिलाएं रेस में, 157 साल में कोई महिला लिबरल पार्टी की नेता नहीं बनीं
कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी 9 मार्च को अपना नया नेता और देश का प्रधानमंत्री चुनेगी। इस रेस में 5 नाम आगे चल रहे हैं, जिनमें 3 महिलाएं हैं। इनमें भारतीय मूल की रूबी ढल्ला, पूर्व डिप्टी पीएम क्रिस्टिया फ्रीलैंड और लिबरल पार्टी की सदन नेता करीना गुल्ड शामिल हैं। अगर वे पार्टी की प्रमुख बनती हैं, तो 157 साल में पहली बार ये जिम्मेदारी किसी महिला के पास होगी। पढ़िए पूरी खबर…