एसओजी ने फर्जी डिग्री मामले में जेएस-विश्वविद्यालय पर कसा शिकंजा: चांसलर, रजिस्ट्रार और दलाल को किया अरेस्ट, फर्जी डिग्री से 245 अभ्यर्थी बने पीटीआई – Jaipur News

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एसओजी ने फर्जी डिग्री मामले में जेएस-विश्वविद्यालय पर कसा शिकंजा:  चांसलर, रजिस्ट्रार और दलाल को किया अरेस्ट, फर्जी डिग्री से 245 अभ्यर्थी बने पीटीआई – Jaipur News

एसओजी ने फर्जी डिग्री मामले में जेएस-विश्वविद्यालय पर कसा शिकंजा: चांसलर, रजिस्ट्रार और दलाल को किया अरेस्ट, फर्जी डिग्री से 245 अभ्यर्थी बने पीटीआई – Jaipur News

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की ओर से फर्जी ​डिग्री से सरकारी नौकरी लगने के मामले में जेएस विश्वविद्यालय पर शिकंजा कसा है। शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा—2022 मामले में एसओजी ने ​बैक डेट में फर्जी डिग्री जारी करने वाली जेएस विश्वविद्यालय के चांसलर, रजिस्ट

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एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने शनिवार को विश्वविद्यालय के चांसलर सुकेश कुमार, रजिस्ट्रार नन्दन मिश्रा और जयपुर निवासी दलाल अजय भारद्वाज को गिरफ्तार किया है। फर्जीवाडे में एसओजी पूर्व में ओपीजेएस विश्वविद्यालय के चांसलर-संचालक और पूर्व रजिस्ट्रार को गिरफ्तार कर चुकी है। सुकेश कुमार एसओजी की कार्रवाई का अंदेशा होने पर विदेश भागने की फिराक में था, जिसको दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। चांसलर सुकेश कुमार वर्तमान में राजकीय कॉलेज आगरा में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत है। इसने जेएस विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार नन्दन मिश्रा दलाल अजय भारद्वाज व अन्य के मार्फत यूनिवर्सिटी की बीपीएड कोर्स की फर्जी तरीके बैंक डेट में डिग्रियां जारी की। संचालक सुकेश कुमार ने अपने पिता जगदीश सिंह के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नाम जेएस विश्वविद्यालय रखा है। दलाल अजय भारद्वाज ओपीजेएस विश्वविद्यालय से भी हजारों छात्रों को विभिन्न कोर्सेज की फर्जी तरीके से बैक डेट में डिग्रियां दिलवा चुका है। पेपर माफिया भूपेन्द्र सारण के घर से फर्जी डिग्रियां जप्त होने के मामले में भी यह जयपुर में गिरफ्तार हो चुका है। अपने साथियों के साथ मिलकर अजय एकलव्य ट्राईबल यूनिवर्सिटी (पूर्व सुधासागर विश्वविद्यालय) डूंगरपुर व अनन्त इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, मेघालय स्थापित करने जा रहा है।

एसओजी की जांच में सामने आया कि एक ही शिक्षा सत्र में प्रवेश लेने वाले सभी अभ्यर्थियों का चयन इस परीक्षा में हुआ था। यह सभी राजस्थान के निवासी थे। पीटीआई परीक्षा में अनेक विद्यार्थियों ने आवेदन के समय अलग-अलग विश्वविद्यालय का उल्लेख किया। जबकि चयन के बाद जेएस विश्वविद्यालय की डिग्री प्रस्तुत की। इस परीक्षा में आवेदन के समय कुल 2067 अभ्यर्थियों ने अपनी बीपीएड की डिग्री जेएस विश्वविद्यालय से उतीर्ण/अध्ययनरत होने का उल्लेख किया, जो निर्धारित सीटों से कई गुना अधिक है।

एडीजी सिंह ने बताया कि पूर्व की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक माफियाओं ने अयोग्य अभ्यर्थियों के लिए निजी विश्वविद्यालयों से पैसे देकर बडी संख्या में बैंक डेट में डिग्रियां उपलब्ध करवाई थी। परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी फॉर्म भरते समय जान-बूझकर ऐसे निजी विश्वविद्यालय का नाम उल्लेख करते थे। ताकि चयनित होने पर आसानी से पैसे देकर बैंक डेट में डिग्री का इन्तजाम किया जा सके। इस काम के लिए जेएस विश्वविद्यालय शिकोहाबाद पेपर लीक गैंग के सदस्यों के बीच में कुख्यात था। इस परीक्षा में 2067 अभ्यर्थियों ने परीक्षा का फॉर्म भरते समय खुद को जेएस विश्वविद्यालय का विद्यार्थी होना और डिग्री प्राप्त होने का उल्लेख किया था जो कि इस विश्वविधालय के इस कोर्स के लिए स्वीकृत संख्या के कई गुना है।

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