इजरायली सेना की गोली से ऐक्ट्रेस मैसा अब्द इलाहदी घायल, सुनाई खूनी खेल की दर्द भरी कहानी

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इजरायली सेना की गोली से ऐक्ट्रेस मैसा अब्द इलाहदी घायल, सुनाई खूनी खेल की दर्द भरी कहानी


इजरायली सेना की गोली से ऐक्ट्रेस मैसा अब्द इलाहदी घायल, सुनाई खूनी खेल की दर्द भरी कहानी

इजरायल (Israel) और फिलिस्तीन (Palestine) के बीच खूनी जंग तेज होती जा रही है। इस बीच हाइफा शहर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल हुईं फिलिस्तीनी ऐक्ट्रेस मैसा अब्द इलाहदी (Maisa Abd Elhadi) को कथित तौर पर इजरायली पुलिस ने गोली मार दी। ऐक्‍ट्रेस ने खुद इस बात की जानकारी सोशल मीडिया पर दी। उन्होंने दावा किया कि इजरायली पुलिस ने उनके पैर में गोली मारी लेकिन अब वह रिकवर हो रही हैं। प्रदर्शन के कुछ समय बाद मैसा ने उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया जो उनकी मदद के लिए आगे आए और उनकी देखभाल की। ऐक्‍ट्रेस ने और क्‍या कहा, आइए जानते हैं…

बेहद कष्‍ट में हैं ​मैसा के अपने लोग

मैसा ने अपने पोस्ट में बताया कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह जिंदगी में वह कोई ऐसा पोस्ट लिखेंगी। उन्होंने बताया कि वह कितना खराब महसूस कर रही हैं। वह जानती हैं कि उनके अपने लोग इससे भी कहीं ज्यादा कष्ट में हैं और उसका सामना कर रहे हैं।

आवाज के दम पर जाहिर कर रहे थे गुस्‍सा

मैसा ने लिखा, ‘मैंने रविवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन में हिस्सा लिया था जहां हम सभी लोग मिलकर गा रहे थे, अपनी आवाज के दम पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे थे। मैं खुद वहां गुनगुना रही थी और वहां हो रहे इवेंट्स को शूट कर रही थी।’

किसी को डरा नहीं रही थी

मैसा के मुताबिक, ‘प्रदर्शन के कुछ देर बाद ही एक फौजी ने ग्रेनेड्स (बारूद के गोले) और गैस ग्रेनेड्स (गैस के गोले) छोड़ने शुरू कर दिए। उसके बाद मुझे एहसास हुआ कि चीजें बढ़ती जा रही हैं। मैं सड़क के किनारे खड़ी हुई जो मुझे सेफ लग रही थी। मैं अकेली थी और मेरी बैक, फौजी की बैक के सामने थी। बहाई गार्डन में फिलिस्तीनियन झंडे को शूट कर रही थी और मैं किसी को डरा नहीं रही थी।’

पैर से टपक रहा था खून, स्‍किन आ गई बाहर

मैसा ने आगे लिखा, ‘मैं अपनी गाड़ी की ओर बढ़ी और मैंने अपने बहुत नजदीक एक बम फटने की आवाज सुनी। मुझे लग गया था कि मेरी जींस फट गई है। यह पहली चीज थी जिसका मुझे एहसास हुआ। मैंने आगे वॉक करने की कोशिश की लेकिन मैं नहीं कर पाई। मैंने देखा कि खून मेरे पैर से टपक रहा है और मेरी स्किन बाहर आ चुकी है। एक यंग लड़का मेरे पास खड़ा था। वह मेरे पास आया जिसकी मदद से मैं चल सकी।’

दर्द से चीख रही थी

मैसा लिखती हैं, ‘मैं सोच रही थी कि अचानक मेरे साथ यह क्या हुआ? मुझे लगा कि उन्होंने मेरे पैर पर गोली मारी क्योंकि पैर की स्थिति काफी खराब नजर आ रही थी। मैं नहीं जान पा रही थी कि वह एक स्टंट ग्रेनेड था या कुछ और। मैं बस इतना जानती हूं कि मैं दर्द से चीख रही थी। पैर की हालत देखकर मैं परेशान हो रही थी। इजरायल फोर्स के सामने सभी जवान लड़के-लड़कियां चिल्ला रहे थे और मैं उनके सामने दर्द से कराह रही थी। लोग मुझे बचाने के लिए आए और प्रदर्शन से मुझे दूर किया।’

आधे घंटे बाद आई ऐंबुलेंस

मैसा ने लिखा, ‘पास के पार्क में मेरा इलाज किया गया। उन लोगों में एक पैरामेडिक भी था जिसने मेरे पैर का खून रोका। लड़के और लड़कियों ने ऐंबुलेंस बुलाई जो आधे घंटे बाद आई। पुलिस उस जगह किसी को अंदर आने नहीं दे रही थी और प्रदर्शन में जख्मी हुए लोगों की सेवा में जुटी थी। किसी भी फिलिस्तीनी को जान से मारने से पुलिस पीछे नहीं हटी।’

पहले भी पुलिस ने किया हमला

मैसा लिखती हैं, ‘मैंने नहीं देखा कि कौन उस प्रदर्शन में शामिल हुआ और कौन नहीं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन में पुलिस ने हम पर हमला किया हो।’

मौत से अलग रख रही सिर्फ किस्‍मत

मैसा ने अंत में लिखा, ‘मुझे कोई शक नहीं, एक फिलिस्तीनी होने के नाते मुझे कई बार धमकियां मिल चुकी हैं। हालांकि, इस बार साफ हो गया कि हम लड़ाई में हैं और हमें मौत से केवल एक ही चीज अलग रख रही है, वह है किस्मत।’



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