आज का एक्सप्लेनर: हजारों करोड़ की मदद करने वाले भारत को ही आंखें दिखा रहा बांग्लादेश; रिश्तों में आई दरार, क्या मोदी सिखाएंगे सबक

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आज का एक्सप्लेनर:  हजारों करोड़ की मदद करने वाले भारत को ही आंखें दिखा रहा बांग्लादेश; रिश्तों में आई दरार, क्या मोदी सिखाएंगे सबक

आज का एक्सप्लेनर: हजारों करोड़ की मदद करने वाले भारत को ही आंखें दिखा रहा बांग्लादेश; रिश्तों में आई दरार, क्या मोदी सिखाएंगे सबक

बांग्लादेश ने अपनी हरकतों से इन दिनों भारत को हैरान किया है। भारत से लैंड पोर्ट के जरिए सूत के आयात पर पाबंदी लगा दी। मुर्शिदाबाद हिंसा पर मुस्लिमों की सुरक्षा का लेक्चर दे दिया। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने चीन जाकर कह दिया

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क्या भारत के लिए सिरदर्द बन गया है बांग्लादेश और उससे कैसे निपटा जा सकता है; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में…

सवाल-1: बीते 5 दशकों में भारत ने बांग्लादेश की किस तरह से मदद की है? जवाब: आज का बांग्लादेश कभी पूर्वी पाकिस्तान था। पाकिस्तानी आर्मी के जुल्मो-सितम और वहां की सरकार के भेदभाव से त्रस्त होकर विद्रोह शुरू हुआ। भारतीय सेना की मदद से 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान को हराकर बांग्लादेश बना। पिछले 7 दशकों में भारत अपने नए पड़ोसी की मदद के लिए हमेशा तैयार रहा। कई बार अपना नुकसान सहकर भी…

  1. 1996 में दोनों देशों ने गंगा नदी के लिए ‘गंगा जल बंटवारा’ संधि की, जो बांग्लादेश के लिए खेती और पानी की जरूरतों के लिए जरूरी था।
  2. 2006 में भारत ने एकतरफा फैसला किया जिसके बाद सिगरेट और शराब को छोड़कर बांग्लादेश से सारी चीजें भारत में जीरो टैरिफ पर आती हैं।
  3. बांग्लादेश के लोग चीन से फैब्रिक खरीदते हैं और भारत को कपड़े बनाकर भेज देते हैं। इससे भारत की लोकल इंडस्ट्री को परेशानी होती है। इसके बावजूद उसे यह सुविधा मिली हुई है।
  4. 2010 से 2020 तक भारत ने करीब 8 बिलियन डॉलर यानी करीब 68 हजार करोड़ रुपए की लाइन ऑफ क्रेडिट दी। सड़क, रेल और बंदरगाह जैसे 17 प्रोजेक्ट्स में निवेश किया।
  5. 2015 में लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट के तहत दोनों देशों ने 162 छोटे-छोटे इलाकों का बंटवारा किया, जिससे सीमा विवाद खत्म हुआ। इसमें भारत ने बांग्लादेश को 10 हजार एकड़ ज्यादा जमीन दी।
  6. भारत 2023 से बांग्लादेश को रोजाना 2 हजार मेगावाट बिजली भेजता है। इसके अलावा, 2023 से इंडिया-बांग्लादेश फ्रेंडशिप पाइपलाइन के जरिए बांग्लादेश को डीजल देना शुरू किया।
  7. 2021 में कोविड के दौरान भारत ने बांग्लादेश को 33 लाख कोवीशील्ड वैक्सीन मुफ्त दीं और अस्पतालों के लिए दवाइयां और उपकरण भी भेजे।
  8. 2022-23 में दोनों देशों के बीच 12.2 बिलियन डॉलर यानी करीब 1.4 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हुआ। इसमें ज्यादा रोजमर्रा की जरूरत की चीजें हैं।

सवाल-2: शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश का रवैया कैसे बदला है? जवाब: अगस्त 2024 में बांग्लादेश में हुए विद्रोह के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। उन्होंने भारत में शरण ली। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनाई गई और मोहम्मद यूनुस उसके मुखिया बने। शेख हसीना के समय भारत-बांग्लादेश के रिश्ते काफी मजबूत थे, लेकिन उसके बाद बांग्लादेश की एंटी-इंडिया गतिविधियां बढ़ती गईं…

1. बांग्लादेश ने पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ाई

  • सितंबर और दिसंबर 2024 में मुहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने 1971 के गिले-शिकवे भुलाकर संबंधों को मजबूत करने की बात कही।
  • पाकिस्तानी नागरिकों को बांग्लादेश जाने के लिए नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना जरूरी था। मोहम्मद यूनुस सरकार ने वीजा सिक्योरिटी क्लियरेंस को खत्म कर दिया।
  • नवंबर 2024 में पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच सीधे समुद्री संपर्क की शुरुआत हुई थी। कराची से एक कार्गो शिप बंगाल की खाड़ी होते हुए चटगांव पोर्ट पर पहुंचा।
  • द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना के इस्तीफे के 3 हफ्ते बाद ही केयरटेकर सरकार ने पाकिस्तान को गोला-बारूद का ऑर्डर किया था। इस ऑर्डर में 40 हजार से ज्यादा राउंड गोला-बारूद, 40 टन के 2,900 आरडीएक्स शामिल हैं।
  • 14 जनवरी 2025 को बांग्लादेशी आर्मी के नंबर-2 लेफ्टिनेंट जनरल एसएम कमरुल हसन और पाक आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर के बीच हाई लेवल मीटिंग हुई। मेज पर दोनों देशों के फ्लैग के बीच जिन्ना की तस्वीर रखी थी।
  • पाकिस्तान की विदेश सचिव आमना बलोच 17 अप्रैल से बांग्लादेश की राजधानी ढाका के दौरे पर हैं और विदेश मंत्री इशाक डार अगले सप्ताह वहां जाएंगे।

पाकिस्तान की विदेश सचिव आमना बलोच से बातचीत करते मुहम्मद यूनुस।

2. बांग्लादेश ने चीन से नजदीकी बढ़ाई

  • 26-29 मार्च 2025 को मुहम्मद यूनुस ने चीन का दौरा किया और बोआओ फोरम फॉर एशिया में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने चीनी नेताओं से मुलाकात की और कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
  • 2025 में चीन ने बांग्लादेश में 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश किया, जिसमें मोंगला बंदरगाह का डेवलपमेंट शामिल है। यह बंदरगाह कोलकाता से करीब 200 किमी. दूर है, जिससे भारत की चिंताएं बढ़ीं।
  • चीन ने बांग्लादेश में 4 अस्पताल, रोबोट फिजियोथेरेपी सेंटर और कार्डियक सर्जरी व्हीकल दान करने का ऐलान किया।
  • चीन ने औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र (CEIZ) की स्थापना और मोंगला बंदरगाह के लिए 400 मिलियन डॉलर यानी लगभग 3400 करोड़ रुपए की फंडिंग की घोषणा की।

3. भारत को आंखे दिखाने लगा बांग्लादेश

  • बांग्लादेश के नेशनल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (NBR) ने 13 अप्रैल को बेनापोले, भोमरा, बांग्लाबंधा, बरीमारी और सोना मस्जिद लैंड पोर्ट के जरिए भारत से आयात होने वाले सूत पर पाबंदी लगा दी है।
  • बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार आसिफ नजरुल ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजय दिवस ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, ’16 दिसंबर 1971 बांग्लादेश का विजय दिवस था। भारत सिर्फ सहयोगी था, इससे ज्यादा नहीं।’

सवाल-3: क्या बांग्लादेश भारत के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है? जवाबः पाकिस्तान में भारत के हाई कमिश्नर रहे अजय बिसारिया का कहते हैं,

बांग्लादेश चीन और पाकिस्तान से रिश्ते मजबूत करके भारत के लिए मुसीबतें खड़ी कर रहा है। पाकिस्तान काफी समय से बांग्लादेश के जरिए भारत पर दबाव बनाना चाहता था। लेकिन शेख हसीना की सरकार की वजह से पाकिस्तान को यह मौका नहीं मिल सका। अब पाकिस्तान ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के सहारे बांग्लादेश में अपनी मजबूत पकड़ बनाना शुरू कर दी है। जिस भारत ने बांग्लादेश को जमीन वापस दिलाई, वही बांग्लादेश अब भारत के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है।

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विदेश मामलों की स्टडी करने वाले अमेरिका के विल्सन सेंटर के साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर माइकल कुगेलमैन ने एक इंटरव्यू में बताया…

  • भारत और बांग्लादेश एक खुली सीमा साझा करते हैं। इसके जरिए सामान और लोगों का आसानी से आना-जाना लगा रहता है। यही वजह भारत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।
  • बांग्लादेश अपने नए दोस्त पाकिस्तान की मदद से भारत में आतंकवाद और तस्करी को बढ़ावा दे सकता है।
  • कुगेलमैन ने 2004 का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत ने तब इसी रास्ते पर चीनी गोला-बारूद के लगभग 1,500 बक्से जब्त किए थे। इन बक्सों की कीमत लगभग 4.5 से 7 मिलियन डॉलर थी। यह गोला-बारूद उल्फा के लिए थे। इसके पीछे पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) का हाथ था।

सवाल-4: बांग्लादेश के बदलते रुख पर भारत ने अब तक क्या किया है?

जवाबः भारत ने बांग्लादेश की आर्थिक निर्भरता को कमजोर करना शुरू किया। बांग्लादेश कई तरह से भारत पर निर्भर है। भारत ने इसे बांग्लादेश की कमजोरी बनाते हुए टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी और सीमा सुरक्षा भी बढ़ा दी। भारत ने पाकिस्तान की मेंबरशिप वाले SARC की जगह BIMSTEK को बढ़ावा दिया…

  • 15 जनवरी 2025: भारत ने बांग्लादेश की करीब 800 किमी. बिना बाड़ वाली बॉर्डर पर बाड़ लगाने का काम तेज कर दिया। बांग्लादेश के साथ कुल 4,096 किमी. बॉर्डर पर निगरानी बढ़ाई।
  • 25 फरवरी 2025: केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश को चेतावनी दी कि वह भारत के खिलाफ ‘हास्यास्पद’ आरोप लगाना बंद करे।
  • 4 अप्रैल 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BIMSTEC सम्मेलन में मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की। PM मोदी ने आपसी सम्मान और रिश्तों को सुधारने की बात कही। उन्होंने हिंदुओं की सुरक्षा पर भी जोर दिया।
  • 8 अप्रैल 2025: सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स यानी CBIC ने एक सर्कुलर जारी बांग्लादेश से ट्रांस शिपमेंट सुविधा वापस ली। इसके तहत बांग्लादेश भारत के बंदरगाहों और एयरपोर्ट्स से दूसरे देशों में निर्यात करता था।

सवाल-5: बांग्लादेश को भारत कैसे सबक सिखा सकता है? जवाबः भारत ने बांग्लादेश पर जवाबी कार्रवाई करते हुए ट्रांस शिपमेंट सुविधा तो बंद कर ही दी। जिससे बांग्लादेश को करीब 14 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम एक समावेशी बांग्लादेश चाहते हैं, लेकिन व्यापार में बाधा डालने का जवाब देना जरूरी था। इसी तरह भारत 4 तरीकों से बांग्लादेश को सबक सिखा सकता है…

  • कृषि प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाना: भारत ने बांग्लादेश के जूट, मछली और तंबाकू जैसे कृषि उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी है। टैरिफ बढ़ने से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा, क्योंकि बांग्लादेश की GDP का 16% निर्यात से आता है और भारत दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार है।
  • बिजली आपूर्ति पर कंट्रोल: भारत बांग्लादेश को 2 मेगावाट बिजली सप्लाई करता है, जो बांग्लादेश की ऊर्जा जरूरतों का बड़ा हिस्सा है। भारत आपूर्ति कम कर सकता है या भुगतान की शर्तें कड़ी कर सकता है। इससे बांग्लादेश की इंडस्ट्रियल एक्टिविटीज और जनजीवन प्रभावित हो सकते हैं।

हालांकि, BHU में यूनेस्को चेयर फॉर पीस के प्रोफेसर प्रियंकर उपाध्याय कहते हैं,

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भारत इस समय बांग्लादेश को सबक सिखाना नहीं चाहता और न ही भारत की ऐसी रणनीति रही है। भारत ने अभी तक शांत रवैया बनाए रखा, जो आगे भी कायम रह सकता है। इससे भारत को भी खतरा है क्योंकि अगर बांग्लादेश को सबक सिखाने के फॉर्म में आए, तो वह पाकिस्तान और चीन के पास चला जाएगा। जो भारत के लिए ठीक नहीं।

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विदेश मामलों के जानकार और NEHU के प्रोफेसर प्रसेनजीत बिस्वास कहते हैं, ‘भारत बांग्लादेश पर सख्ती बढ़ाकर सिर्फ इतना दिखाना चाहता है कि वह भारत के साथ रिश्ते सुधार ले। भारत कोई जंग नहीं चाहता और न ही बांग्लादेश को चीन-पाकिस्तान का सगा होने देना चाहता। कुल मिलाकर भारत की बांग्लादेश से इतनी ही चाहत है कि तुम भले हमसे प्यार न करो, लेकिन किसी और को भी न चाहो।’

बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने थाईलैंड BIMSTEC के दौरान PM नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।

सवाल-6: भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में आगे क्या होगा, तनातनी बढ़ेगी या रिश्ते सामान्य होने की उम्मीद? जवाब: प्रसेनजीत बिस्वास कहते हैं, ‘हाल ही में बांग्लादेश BIMSTEC का चेयरमैन बना है। भारत ने साउथ एशिया में कई सारे इन्वेस्टमेंट करने का ऐलान किया है, जिससे भारत-बांग्लादेश में तनातनी के बीच डिप्लोमेटिक रिश्ता बना हुआ है। अगले 2 सालों में बांग्लादेश में इलेक्शन होने के बाद दोनों देशों के रिश्ते सुधरने की उम्मीद है।’

वहीं, प्रियंकर उपाध्याय का कहना है, ‘भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्ते तभी सुधर सकते हैं, जब मोहम्मद यूनुस के खिलाफ ही आंदोलन शुरू हो जाएं। जिस तरह छात्रों ने आंदोलन करके शेख हसीना की सरकार गिरा दी, इसी तरह यूनुस का विरोध हो। बांग्लादेश के अंदरखाने में यूनुस के खिलाफ भी विरोधी सुर तेज होने लगे हैं। जब भी बांग्लादेश में आंतरिक विरोध तेज होगा, तब दोनों के रिश्ते खुद ही सुधर जाएंगे। लेकिन अभी इसमें समय है।’

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