आज का एक्सप्लेनर: फाइटर जेट्स तैयार, बॉर्डर अलर्ट, सर्वदलीय बैठक और PM मोदी का बयान; क्या कुछ बड़ा करने की तैयारी कर रहा भारत h3>
भारत ने अपने राफेल विमान युद्धाभ्यास में उतार दिए हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है। सरकार ने सभी दलों की बैठक बुलाकर चर्चा की है। रूस की मीडिया का कहना है कि दो न्यूक्लियर देशों के बीच कुछ बड़ा होने वाला है।
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क्या पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारत कुछ बड़ा करेगा, अगर हां तो विकल्प क्या हैं और उनका संभावित असर क्या होगा; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में…
सवाल-1: पहलगाम हमले के बाद शुरुआती 72 घंटों में क्या-क्या हुआ? जवाबः 22 अप्रैल की दोपहर 2:45 बजे जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 4 आतंकियों ने हमला किया। इसमें 26 लोगों की मौत हो गई। हमले के बाद शुरुआती 72 घंटों में भारत में ऐसा क्या-क्या हुआ, जो किसी बड़े एक्शन का संकेत दे रहा है…
हमले के 7 घंटे बादः गृहमंत्री अमित श्रीनगर पहुंच गए हमले के वक्त PM नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के दौरे पर थे। उन्होंने ट्वीट किया- इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। पीएम ने गृहमंत्री को कश्मीर जाने को कहा। 7 घंटे के भीतर अमित शाह श्रीनगर पहुंचे और उच्च स्तरीय बैठक की। PM मोदी भी दौरा छोटा करके देश लौट आए।
हमले के 33 घंटे बाद: CCS मीटिंग में 5 बड़े फैसले लिए PM मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) ने 5 पॉइंट एक्शन लागू किया। इसमें सिंधु जल संधि स्थगित करना, अटारी-वाघा चेक पोस्ट को बंद करना और SAARC वीजा छूट योजना को बंद करना शामिल था। सिंधु जल प्रणाली पर पाकिस्तान की 90% खेती निर्भर है। पीने का पानी और बिजली उत्पादन के लिए भी ये पानी बेहद जरूरी है। पाकिस्तान ने कहा, ‘अगर भारत सिंधु जल समझौते को रोकता है तो इसे एक्ट ऑफ वॉर यानी जंग की तरह माना जाएगा।’
पहलगाम हमले को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक के बाद बाहर निकलते राजनाथ सिंह, अमित शाह समेत कई नेता।
हमले के 50 घंटे बाद: भारत ने सैन्य अभ्यास शुरू किया भारतीय वायुसेना ने सैन्य अभ्यास ‘आक्रमण’ शुरू किया, जिसमें पहाड़ी और जमीनी ठिकानों पर हवाई हमलों का अभ्यास किया गया। इसमें राफेल लड़ाकू विमान भी शामिल हैं। इसके अलावा भारत ने अरब सागर में नई मिसाइल का परीक्षण भी किया।
हमले के 52 घंटे बाद: शाह ने राष्ट्रपति से मुलाकात की अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर राष्ट्रपति भवन पहुंचे। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। बताया गया कि पहलगाम हमले का ब्रीफ देने गए थे, लेकिन अंदरखाने की बात सामने नहीं आई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर।
हमले के 54 घंटे बाद: सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार ने माना कि पहलगाम हमले में सुरक्षा में चूक हुई। आतंकियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग हुई। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा- ‘हम हर एक्शन पर सरकार के साथ हैं।’
24 अप्रैल को रशियन टुडे (RT) ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा- ‘पाकिस्तान ने इंडियन एयरक्राफ्ट वाले रास्ते को नो-फ्लाई जोन घोषित किया। दो न्यूक्लियर देशों के बीच कुछ बड़ा होने वाला है। भारत ने अपने एयरक्राफ्ट कैरियर को अरब सागर में आगे बढ़ाया है, जो युद्ध की तैयारियों का संकेत हो सकता है।’
सवाल-2: क्या भारत कुछ बड़ा करने वाला है? जवाबः ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के स्ट्रैटेजिक स्टडीज प्रोग्राम के डिप्टी डायरेक्टर विवेक मिश्र कहते हैं कि भारत बदले में कार्रवाई जरूर करेगा। ये एक छिपा मिशन या खुली लड़ाई भी हो सकती है। जिसका मकसद आतंकियों को खत्म करना, पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव और आतंकी नेटवर्क को नष्ट करना होगा। हमला बालाकोट एयरस्ट्राइक से भी ज्यादा बड़े स्तर का हो सकता है।
लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) सतीश दुआ कहते हैं कि इस तरह के कायराना हमले के बाद सरकार को तीन स्तर पर कार्रवाई करनी चाहिए- डिप्लोमैटिक, इकोनॉमिक और मिलिट्री एक्शन। सरकार ने CCS की मीटिंग में डिप्लोमैटिक स्तर पर अटारी बॉर्डर बंद करने, दूतावास में ऑफिसर्स की संख्या घटाने जैसे कदम उठाने के अलावा सिंधु जल समझौते को रोकने का फैसला किया है, इनका असर तो आएगा ही। साथ ही अब जल्द ही मिलिट्री एक्शन भी होने की संभावना है। मिलिट्री एक्शन पहले किया जाता है, बाद में उसकी घोषणा की जाती है।
पाकिस्तान में भारत के राजदूत रहे अजय बिसारिया के मुताबिक, ‘भारत निश्चित रूप से जवाबी कार्रवाई करेगा, लेकिन अभी कार्रवाई जंग का मोर्चा खोलने जैसी नहीं होगी। ऐसी स्थिति में देश एक सब-कन्वेंशनल यानी सीमित मिलिट्री ऑपरेशन करते हैं और जंग की नौबत आने से रोकने की कोशिश करते हैं।’
सवाल-3: ऐसे में भारत के पास क्या-क्या विकल्प हैं? जवाबः एक्सपर्ट्स के मुताबिक भारत के पास कुछ बड़ा करने के 3 उपयुक्त विकल्प हैं…
1. मिसाइल से एयरस्ट्राइक: भारत की बदले की कार्रवाई हवाई रास्ते से होने की उम्मीद है। हो सकता है भारत के मिसाइल लॉन्च पैड से पाकिस्तान के अंदर मिसाइल अटैक किए जाएं। ORF के विवेक मिश्र कहते हैं, ‘सीमा पार आतंकी ठिकानों और सैन्य कैंपों के सटीक को-ऑर्डिनेट्स यानी लोकेशन तय करके मिसाइल हमले किए जा सकते हैं। इससे पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई से कोई नुकसान नहीं होगा।’
2. ड्रोन अटैक: विवेक मिश्र कहते हैं कि अब देश अपने सैनिकों को सीधे जंग के मैदान में तभी उतारते हैं, जब मैदान पर उनकी जीत पक्की होती है। उससे पहले तक ताकतवर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज और मानवरहित ड्रोन की मदद से दुश्मन के ठिकानों पर हमले किए जाते हैं। भारत भी सीमा पार आतंकियों के ठिकाने चुनकर मानवरहित ड्रोन के हमले कर सकता है।
3. जमीनी या समुद्री हमला: भारत ने पाकिस्तान से लगे बॉर्डर पर निगरानी बढ़ा दी है। राजस्थान में भी सीमावर्ती इलाकों में अलर्ट है। बॉर्डर वाले इलाकों में हथियार बंद जवान तैनात किए गए हैं। यानी भारत के पास उरी की तरह सर्जिकल स्ट्राइक करने का ऑप्शन है। उरी स्ट्राइक में भारत ने LoC पार कर आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था। ऐसा ही कुछ इस बार भी हो सकता है। इसके अलावा भारत ने अरब सागर में युद्धपोत भेजकर मिसाइल परीक्षण भी किया।
अरब महासागर में भारतीय नौसेना ने नई मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
हालांकि लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सतीश दुआ कहते हैं,
इस वक्त पाकिस्तान को भी पता है कि पहलगाम हमले के बाद भारत कार्रवाई जरूर करेगा। वो सर्जिकल और एयर स्ट्राइक जैसे जवाबों से निपटने के लिए हर तरह की तैयारियां कर रहा होगा, लेकिन भारत वही पहले जैसे रिस्पॉन्स नहीं देगा। इस बार हमारी कार्रवाई भी अलग होगी।
सवाल-4: इस तरह के हमलों के लिए भारत की ताकत कितनी है? जवाबः भारत के पास मिसाइल अटैक, ड्रोन अटैक या समुद्री, जमीनी लड़ाई के लिए हथियारों का बड़ा जखीरा और हर तरह के युद्धपोत हैं-
1. हवा, जमीन, पानी से मिसाइल अटैक
- भारत के पास अग्नि-1 (700 किलोमीटर रेंज) से लेकर अग्नि-5 (5000 किलोमीटर रेंज) तक नई जनरेशन की बैलिस्टिक मिसाइल्स हैं।
- पृथ्वी-2 और पृथ्वी-3 जैसी कम दूरी की शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल्स यानी SRBM हैं। जो करीब 300 किलोमीटर से 750 किलोमीटर दूरी तक के टारगेट्स पर सटीक निशाना साध सकती हैं। इन्हें जमीन से मोबाइल लॉन्चर के जरिए लॉन्च किया जा सकता है।
- ब्रह्मोस जैसी सुपरसोनिक मिसाइल्स (रेंज 1000 किलोमीटर) और निर्भय जैसी सबसोनिक मिसाइल्स तेज गति से सटीक हमला कर सकने में सक्षम हैं। इन्हें सुखोई और राफेल जैसे फाइटर जेट्स की मदद से दागा जा सकता है।
- वहीं K-सीरीज की K-4 और K-15 सागरिका जैसी मिसाइल्स को पनडुब्बी से लॉन्च किया जा सकता है।
- वहीं भारत के पास S-400 एयर डिफेंस सिस्टम है जो पाकिस्तान की दागी हुई मिसाइल्स को ट्रैक करके हवा में ही खत्म कर सकता है।
2. इजराइल और अमेरिका से आए ड्रोन बरसा सकते हैं बारूद
- अगर भारत ड्रोन अटैक करता है तो उसके पास हेरॉन, हारोप और हर्मीस जैसे इजराइली ड्रोन हैं।
- सैटेलाइट से सिग्नल लेकर सटीक हमला करने वाला हेरॉन ड्रोन लगातार 36 घंटे उड़ सकता है, जबकि इसकी रेंज 450 किलोमीटर है। भारत के पास अभी 4 हेरॉन-2 ड्रोन हैं।
- भारत के पास 1000 किलोमीटर की रेंज वाले 160 से ज्यादा हारोप ड्रोन हैं। ये अपने साथ 20 किलो से ज्यादा विस्फोटक ले जाकर टारगेट पर हमला कर सकते हैं।
- भारत ने अमेरिका से 2 MQ-9B रीपर ड्रोन ड्रोन लिए हैं। सी-गार्जियन कहे जाने वाले इन ड्रोन की रेंज 6000 नॉटिकल मील है, जबकि ये अपने साथ 2 टन तक विस्फोटक ले जा सकते हैं। बड़े आकार के सी-गार्जियन ड्रोन को INS विक्रांत जैसे विमानवाहक युद्धपोतों से भी लॉन्च किया जा सकता है।
- भारत के पास स्वार्म, रुस्तम-2 और तपस जैसे निगरानी और हमला कर सकने वाले स्वदेशी ड्रोन भी हैं। इन ड्रोनों को जमीन पर मोबाइल लॉन्चर, हवा में राफेल जैसे फाइटर जेट्स से लॉन्च किया जा सकता है।
- इनमें से कई ड्रोन लॉइटरिंग म्यूनिशन हैं, यानी ऐसे ड्रोन हैं जो किसी टारगेट को लॉक करने, तबाह करने से पहले हवा में मंडरा सकते हैं। इससे टारगेट पर सटीक हमला करना आसान हो जाता है।
3. जमीनी और समुद्री वॉरफेयर में भारत कहीं आगे
- ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के मुताबिक, सैन्य क्षमता के मामले में भारत दुनिया भर में चौथे नंबर पर है, जबकि पाकिस्तान बारहवें नंबर पर है।
- भारत के पास टी-90 भीष्म और अर्जुन जैसे ताकतवर टैंक हैं। हालांकि, स्वचालित आर्टिलरी यानी तोपों के मामले में पाकिस्तान के पास बढ़त है, लेकिन मोबाइल आर्टिलरी यानी एक जगह से दूसरी जगह ले जाई जा सकने वाली तोपें भारत के पास ज्यादा हैं।
- डिजिटल वॉरफेयर के मामले में भारत कहीं आगे है। रात में लड़ाई करने के लिए उसके पास अपग्रेडेड हथियार हैं।
- भारत के पास INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत जैसे भारी विमानवाहक युद्धपोत हैं, जबकि पाकिस्तान के पास कोई विमानवाहक युद्धपोत नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच लंबी कोस्टल लाइन यानी समुद्री तटरेखा है, ऐसे में ये युद्धपोत भारत के लिए समुद्र से फाइटर जेट्स लॉन्च करने में मददगार होंगे।
सवाल-5: अगर भारत कुछ बड़ा करता है, तो उसके संभावित नुकसान क्या हो सकते हैं? जवाबः सैन्य इतिहासकार श्रीनाथ राघवन के मुताबिक, भारत पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति में हमेशा की तरह इस बात का जोखिम है कि दोनों देश एक-दूसरे की कार्रवाई का गलत अनुमान न लगा लें।’
दक्षिण एशिया के मामलों के जानकार माइकल कुगेलमैन भी कहते हैं, ‘अगर भारत ने आतंकी ठिकानों पर हमले किए तो गंभीर संकट और जंग की नौबत भी आ सकती है।’
अमेरिका की अल्बानी यूनिवर्सिटी के क्रिस्टोफर क्लैरी के मुताबिक, ‘भारत सीमापार गोलीबारी शुरू करने का विकल्प अपनाए या मिसाइल हमले करे, दोनों में बहुत जोखिम है। अमेरिका शायद इस संकट की स्थिति को मैनेज नहीं करना चाहता या करने में सक्षम नहीं है।’
श्रीनाथ राघवन के मुताबिक, ‘सबसे बड़ा खतरा ये है कि दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं। इससे कूटनीति और राजनीति दोनों ही तरह के कैलकुलेशन करना मुश्किल हो जाता है। परमाणु हथियार खतरा तो हैं ही, कार्रवाई में रुकावट भी हैं। भारत की तरफ से कोई भी कार्रवाई सटीक तरह से ही होगी, क्योंकि पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई के अलावा कोई दूसरा रास्ता भी अपना सकता है।’
राघवन के मुताबिक, ‘ये पैटर्न हमने इजराइल-ईरान के बीच जंग के दौरान देखा है। पहले सोच-समझकर हमले किए गए और उसके बाद तनाव कम करने की कोशिश की गई। इसमें भी जोखिम ये है कि हर बार चीजें स्क्रिप्ट के मुताबिक नहीं होती हैं।’
सवाल-6: न्यूक्लियर पावर में भारत, पाकिस्तान में किसका पलड़ा भारी? जवाब: न्यूक्लियर पावर के मामले में भारत और पाकिस्तान लगभग एक जैसी ताकत रखते हैं। भारत के पास करीब 160 परमाणु हथियार हैं। वहीं पाकिस्तान के पास 170 से 200 तक न्यूक्लियर वेपन बताए जाते हैं। हालांकि, असली संख्या की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।
भारत के पास ट्रायड न्यूक्लियर पावर है, यानी वह जमीन, आसमान और समुद्र तीनों जगह से परमाणु हमला कर सकता है। न्यूक्लियर वेपन्स को भारत पृथ्वी और अग्नि सीरीज की मिसाइल्स (रेंज 700 से 8000 किलोमीटर) से लॉन्च कर सकता है। इसके अलावा INS अरिहंत जैसी न्यूक्लियर सबमरीन से K-15 सागरिका और K-4 मिसाइल्स लॉन्च कर न्यूक्लियर अटैक किया जा सकता है। वहीं मिराज-2000, जगुआर और राफेल जैसे जहाज न्यूक्लियर मिसाइल लॉन्च कर सकते हैं।
24 अप्रैल को भारत ने सैन्य अभ्यास ‘आक्रमण’ किया।
वहीं पाकिस्तान के पास 2750 किलोमीटर रेंज की शाहीन-3 मिसाइल है। इसके अलावा बाबर (750 किलोमीटर) और राद (350 किलोमीटर) जैसी क्रूज मिसाइल्स हैं, जो न्यूक्लियर वेपन ले जा सकती हैं। उसके पास F-16 और JF-17 जैसे न्यूक्लियर वेपन ले जा सकने वाले जेट्स हैं। हालांकि, अभी पाकिस्तान के पास न्यूक्लियर अटैक सबमरीन नहीं हैं, वह बाबर जैसी मिसाइल्स को पनडुब्बियों से लॉन्च करने की तकनीक डेवलप कर रहा है।
सवाल-7: PM मोदी का बिहार में दिया गया बयान क्या संकेत दे रहा है? जवाबः तीन बड़े आतंकी हमलों के बाद PM मोदी के 3 बयान पढ़िए…
- 24 सितंबर 2016: उरी में आतंकी हमले के 6 दिन बाद PM मोदी ने केरल में एक सभा में कहा, ‘पाकिस्तान आतंकवाद का निर्यात करता है। उरी के शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हम आतंकवाद को कुचल देंगे।’ भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की।
- 15 फरवरी 2019: पुलवामा हमले के अगले दिन PM मोदी ने एक कार्यक्रम में पाकिस्तान को खुली चेतावनी दी। PM मोदी ने कहा, ‘मैं आतंकी संगठनों और उनके सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि वे बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं। बहुत बड़ी कीमत उनको चुकानी पड़ेगी। मैं देश को भरोसा दिलाता हूं कि हमले के पीछे जो ताकतें हैं, इस हमले के जो भी गुनहगार हैं, उन्हें उनके किए की सजा जरूर मिलेगी। सुरक्षाबलों को पूरी छूट दे दी गई है।’ भारत ने एयरस्ट्राइक की।
- 24 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद बिहार रैली में PM मोदी ने कहा,
पहलगाम के दोषियों को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। आतंकियों को कल्पना से भी बड़ी सजा मिलकर रहेगी। हम उन्हें धरती के अंतिम छोर तक खदेड़ेंगे। आतंकवाद से भारत की आत्मा कभी नहीं टूटेगी। आतंकवाद को सजा मिलेगी।
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि उरी और पुलवामा हमले के बाद PM मोदी ने सीधे तौर पर पाकिस्तान को चेतावनी दी थी और उसी तरह का मिलिट्री एक्शन भी लिया। पहलगाम हमले के बाद PM मोदी का बयान ज्यादा कूटनीतिक और लंबे समय तक चलने वाले खुफिया ऑपरेशन की तरफ इशारा कर रहा है। जैसे इजराइल ने अपने एथलीटों की मौत का बदला लेने के लिए आतंकियों को दशकों तक खोज-खोज के मारा था।
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पहलगाम हमले के बाद शक की सुई सीधे पाकिस्तान की मिलिट्री और उसके चीफ असीम मुनीर की तरफ घूम गई है। हमले से ठीक 6 दिन पहले असीम ने कश्मीर को पाकिस्तान के ‘गले की नस’ कहा था। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर का दिया बयान कहीं न कहीं इस हमले की ओर इशारा करता है और इसे डिकोड करने की जरूरत है। पूरी खबर पढ़ें…