अब अघाड़ी सरकार की शराब नीति की होगी जांच! बीजेपी मुंबई प्रमुख ने की मांग
शेलार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि एमवीए सरकार के जरिए शराब निर्माताओं को तमाम सुविधाएं दी गईं। जिनमें कि उत्पाद प्रोत्साहन, विदेशी शराब के कर में छूट, बार-पब के लाइसेंस शुल्क में छूट और दुकानों और सुपरमार्केट के माध्यम से शराब की बिक्री की अनुमति जैसी चीजें शामिल हैं। शेलार ने एक ट्वीट में कहा, क्या सीबीआई की दिल्ली जांच के तार महाराष्ट्र तक फैले हुए हैं? महाराष्ट्र में क्या इनाम में दी जाने वाली रियायतों की फाइल खुलेगी? इसलिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल घूमने आए थे?
केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के 24 फरवरी को ठाकरे से मुलाकात करने के दो दिन बाद सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। जनवरी 2022 में तत्कालीन एमवीए सरकार एक नई शराब नीति लेकर आई थी। इसमें पड़ोस की दुकानों और सुपरमार्केट के माध्यम से शराब की बिक्री की अनुमति दी गई थी। महाराष्ट्र का यह कदम पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के जरिए अपने सभी हवाई अड्डों पर शराब की बिक्री की अनुमति देने के बाद आया था। जिसमें कि चार शहरों में चुनिंदा सुपरमार्केटों और सालाना 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक आय वालों को होम बार लाइसेंस की अनुमति दी गई थी। महाराष्ट्र में लगभग चार दर्जन वाइनरी हैं। इनमें ज्यादातर नासिक और उसके आसपास, पुणे, सांगली, अहमदनगर, सोलापुर में स्थित है। यहां भारत के शराब उत्पादन का 80 प्रतिशत उत्पादन होता है। वार्षिक 1,000 करोड़ रुपये के घरेलू राजस्व में दो तिहाई से अधिक का योगदान करते हैं।