अखिलेश के लिए सियासी चक्रव्यूह, भाजपा में जाने से पहले सपा को बड़ा झटका देना चाहते हैं शिवपाल यादव | Shivpal Yadav Meets Azam Khan Akhilesh Mulayam Yadav furious 1st time | Patrika News h3>
Shivpal Yadav Angry Mulayam Yadav शिवपाल सपा में उपेक्षित चल रहे आजम खान से सीतापुर जेल में मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद शिवपाल ने पहली बार आजम की अनदेखी पर आक्रामक रुख अपनाते हुए मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया। अखिलेश यादव उनके निशाने पर पहले से ही हैं।
लखनऊ
Published: April 23, 2022 06:11:41 pm
First Time Shivpal Yadav Angry Mulayam Yadav विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को करारी शिकस्त देने के बाद भाजपा अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव के जरिए पूर्व सीएम को सियासी चक्रव्यूह में घेरने की रणनीति पर काम कर रही है। शिवपाल के प्रति भाजपा ने नरमी का रुख अपनाते हुए उन्हें भाजपा में शामिल होने का लालच दिया। इसीलिए शिवपाल सपा में उपेक्षित चल रहे आजम खान से सीतापुर जेल में मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद शिवपाल ने पहली बार आजम की अनदेखी पर आक्रामक रुख अपनाते हुए मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया। अखिलेश यादव उनके निशाने पर पहले से ही हैं। शिवपाल ने सीएम योगी से मुलाकात कर आजम के प्रति नरमी बरतने की अपील भी करेंगे।
अखिलेश के लिए सियासी चक्रव्यूह : भाजपा में जाने से पहले सपा को बड़ा झटका देना चाहते हैं शिवपाल यादव
छोटे-छोटे मुकदमों में आजम को भेजा जेल सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खान से मुलाकात के बाद शिवपाल ने कहा, मुलायम सिंह और अखिलेश यादव चाहते तो आजम जेल से बाहर होते हैं। उन्होंने कहा, यदि सपा गंभीर होती तो परिणाम कुछ और होते। नेता जी ने कुछ नहीं किया, लोकसभा में भी मामला नहीं उठाया, उनके नेतृत्व में पार्टी इस मामले पर धरना कर सकती थी। यदि मुलायम आजम के लिए धरना प्रदर्शन करते तो प्रधानमंत्री इस मामले का संज्ञान जरूर लेते। छोटे-छोटे मुकदमों में आजम को जेल भेजा गया है।
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सपा में बन गए हैं दो धड़े आजम खान भी खुलेआम कह चुके हैं कि सपा प्रमुख अखिलेश उनके मामले में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। उनके ही इशारे पर कई मुस्लिम नेता और विधायक अखिलेश पर आरोप लगा चुके हैं कि सपा मुस्लिमों के हितों को लेकर संजीदा नहीं है। शिवपाल यादव इस धड़े को प्रत्यक्ष रूप से सहयोग दे रहे हैं। माना जा रहा है सपा के 111 विधायकों में से दो दर्जन से अधिक विधायक अखिलेश की कार्यशैली से नाराज हैं। भाजपा इन्हें अप्रत्यक्ष रूप से हवा दे रही है। यह काम शिवपाल के जरिए और आसान हो गया है।
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2017 से जारी है अनबन विधानसभा चुनाव 2017 में पारिवारिक कलह के चलते शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी से अलग हो गए थे और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया था। 2022 में समझौते के तहत सपा के सिंबल पर चुनाव लड़े और जीते। शिवपाल को उम्मीद थी कि उन्हें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया जाएगा। लेकिन अखिलेश खुद नेता प्रतिपक्ष बन गए। इसलिए शिवपाल सिंह यादव ने अब बगावती तेवर अपना लिए हैं।
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Shivpal Yadav Angry Mulayam Yadav शिवपाल सपा में उपेक्षित चल रहे आजम खान से सीतापुर जेल में मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद शिवपाल ने पहली बार आजम की अनदेखी पर आक्रामक रुख अपनाते हुए मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया। अखिलेश यादव उनके निशाने पर पहले से ही हैं।
लखनऊ
Published: April 23, 2022 06:11:41 pm
First Time Shivpal Yadav Angry Mulayam Yadav विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को करारी शिकस्त देने के बाद भाजपा अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव के जरिए पूर्व सीएम को सियासी चक्रव्यूह में घेरने की रणनीति पर काम कर रही है। शिवपाल के प्रति भाजपा ने नरमी का रुख अपनाते हुए उन्हें भाजपा में शामिल होने का लालच दिया। इसीलिए शिवपाल सपा में उपेक्षित चल रहे आजम खान से सीतापुर जेल में मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद शिवपाल ने पहली बार आजम की अनदेखी पर आक्रामक रुख अपनाते हुए मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया। अखिलेश यादव उनके निशाने पर पहले से ही हैं। शिवपाल ने सीएम योगी से मुलाकात कर आजम के प्रति नरमी बरतने की अपील भी करेंगे।
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छोटे-छोटे मुकदमों में आजम को भेजा जेल सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खान से मुलाकात के बाद शिवपाल ने कहा, मुलायम सिंह और अखिलेश यादव चाहते तो आजम जेल से बाहर होते हैं। उन्होंने कहा, यदि सपा गंभीर होती तो परिणाम कुछ और होते। नेता जी ने कुछ नहीं किया, लोकसभा में भी मामला नहीं उठाया, उनके नेतृत्व में पार्टी इस मामले पर धरना कर सकती थी। यदि मुलायम आजम के लिए धरना प्रदर्शन करते तो प्रधानमंत्री इस मामले का संज्ञान जरूर लेते। छोटे-छोटे मुकदमों में आजम को जेल भेजा गया है।
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सपा में बन गए हैं दो धड़े आजम खान भी खुलेआम कह चुके हैं कि सपा प्रमुख अखिलेश उनके मामले में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। उनके ही इशारे पर कई मुस्लिम नेता और विधायक अखिलेश पर आरोप लगा चुके हैं कि सपा मुस्लिमों के हितों को लेकर संजीदा नहीं है। शिवपाल यादव इस धड़े को प्रत्यक्ष रूप से सहयोग दे रहे हैं। माना जा रहा है सपा के 111 विधायकों में से दो दर्जन से अधिक विधायक अखिलेश की कार्यशैली से नाराज हैं। भाजपा इन्हें अप्रत्यक्ष रूप से हवा दे रही है। यह काम शिवपाल के जरिए और आसान हो गया है।
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2017 से जारी है अनबन विधानसभा चुनाव 2017 में पारिवारिक कलह के चलते शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी से अलग हो गए थे और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया था। 2022 में समझौते के तहत सपा के सिंबल पर चुनाव लड़े और जीते। शिवपाल को उम्मीद थी कि उन्हें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया जाएगा। लेकिन अखिलेश खुद नेता प्रतिपक्ष बन गए। इसलिए शिवपाल सिंह यादव ने अब बगावती तेवर अपना लिए हैं।
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