world earth day: शहर के युवाओं का अनूठा प्रयास, धरती के प्रति अपने फर्ज को निभा रहे | earth day | Patrika News h3>
world earth day: कोई सिंगल यूज प्लास्टिक छोड़ने के लिए लोगों को मना रहा है तो कोई स्टार्टअप के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है
भोपाल
Updated: April 22, 2022 12:34:34 am
भोपाल। क्लाइमेट चेंज को लेकर हम सभी बातें तो करते हैं, लेकिन अपने जीवन में बदलाव लाकर प्रकृति-पर्यावरण को बचाने के लिए आगे नहीं आते। शहर में कुछ युवा ऐसे भी हैं जिन्होंने पृथ्वी को सुरक्षित रखने के लिए अपने स्तर पर मुहिम चला रखी है। कोई सिंगल यूज प्लास्टिक छोड़ के लिए लोगों को मना रहा है तो कोई स्टार्टअप के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है। विश्व पृथ्वी दिवस(world earth day) के मौके पर शहर के ऐसे लोगों से बात की, जो प्रकृति में सुधार लाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।
सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रति जागरूक करने शुरू की मुहिम
समता अग्रवाल ने बताया कि मैं पेशे से टीचर हूं। पर्यावरण को सिंगल यूज प्लास्टिक से सबसे ज्यादा नुकसान होता है। मैंने करीब आठ साल पहले लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रति जागरूक करने के लिए मुहिम शुरू की थी। हम बाजार दर बाजार दुकानदार और ग्राहकों को जागरूक करते थे। फिर मुझे लगा कि हम सारे शहर में एक साथ काम नहीं कर सकते। इसके बाद 10 नंबर मार्केट और बिट्टन मार्केट हाट बाजार में आने वाले लोगों को जागरूक करना शुरू किया। कई बार लोग नाराज हो जाते हैं। वे कहते हैं हमारा समय क्यों वेस्ट कर रही हैं, इनका उत्पादन बंद कराइये। हम उन्हें समझाते हैं कि धरती के प्रति हमारी भी कोई जिम्मेदारी है। हम अपने स्तर पर तो फर्ज निभा ही सकते हैं। कई बार दुकानदार भी हमसे झगड़ा करने लगते हैं, लेकिन हम उनकी बातों का बुरा नहीं मानते और अपनी मुहिम शांति के साथ जारी रखते हैं। हम हफ्ते में पांच दिन बिट्टन मार्केट हाट बाजार में शाम के समय जाकर खड़े हो जाते हैं और वहां आने वाले लोगों को समझाते हैं। हमारा मकसद है कि यदि हम एक मार्केट को भी प्लास्टिक फ्री कर पाएं तो हमारा परिश्रम सार्थक हो जाएगा।
शहर में 7 हजार पौधे रोपे, ग्रुप से 100 लोग जुड़ गए
प्रो. मनोज गौड़ का कहना है कि मैं और पत्नी मॉर्निंग वॉक के लिए मनुआभान टेकरी पर जाते थे। दूर से देखने पर ये क्षेत्र बहुत हरा-भरा दिखता है, लेकिन अंदर की तरफ पेड़ काफी कम हैं। नगर निगम, सीपीए और वन विभाग यहां काम तो करती हैं, लेकिन उस स्तर पर काम नहीं हो पा रहा। हमने यहां पौधे लगाना शुरू किया। शुरुआत में 100 पेड़ लगाए। जमीन पथरीली होने से यहां गड्ढे खोदना ही बड़ा मुश्किल काम था। यहां पानी पहुंचाना भी आसान नहीं था। एक डॉक्टर दंपत्ति ने यहां पानी का टैंक रखवाया। धीरे-धीरे ग्रीन भोपाल अभियान से लोग जुड़ते गए। अब ग्रुप के 100 लोग 7 हजार पौधे लगा चुके हैं। कई स्थानों पर मटके में छेदकर लटका देते हैं। जिस क्षेत्र में पौधे लगाए जाते हैं, आस-पास के लोगों को भी जोड़ लेते हैं।
स्टार्टअप के जरिए पेड़ बचाने का प्रयास
वहीं, पीयूष कनकने ने बताया कि लोग महंगे इंविटेशन कार्ड छपवाते हैं, इन्हें पढ़ने के बाद हर कोई फेंक देता है। इससे कहीं ना कहीं पर्यावरण को ही नुकसान पहुंचता है। मैंने अपने घर और आसपास लोगों को ऐसे करते देखा तो सोचा क्यों ना कुछ ऐसा किया जाए जिससे पेड़ भी बचें और लोगों को संदेश भी पहुंच जाए। हमने द अर्बन ग्रीन नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया। एक पौधे के साथ इको फ्रेंडली कार्ड तैयार किए। सीड से बने इस कार्ड को लोग पढ़कर मिट्टी में डाल पौधा उगा सकते हैं। वहीं, पौधा हमेशा ये याद दिलाता है कि आपको किसी ने ये गिफ्ट किया है। इंडोर प्लांट हवा साफ करने के साथ ही ऑक्सीजन भी जनरेट करते हैं। हमारी इस पहल से अब कई लोग जुड़ने लगे हैं।
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world earth day: कोई सिंगल यूज प्लास्टिक छोड़ने के लिए लोगों को मना रहा है तो कोई स्टार्टअप के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है
भोपाल
Updated: April 22, 2022 12:34:34 am
भोपाल। क्लाइमेट चेंज को लेकर हम सभी बातें तो करते हैं, लेकिन अपने जीवन में बदलाव लाकर प्रकृति-पर्यावरण को बचाने के लिए आगे नहीं आते। शहर में कुछ युवा ऐसे भी हैं जिन्होंने पृथ्वी को सुरक्षित रखने के लिए अपने स्तर पर मुहिम चला रखी है। कोई सिंगल यूज प्लास्टिक छोड़ के लिए लोगों को मना रहा है तो कोई स्टार्टअप के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है। विश्व पृथ्वी दिवस(world earth day) के मौके पर शहर के ऐसे लोगों से बात की, जो प्रकृति में सुधार लाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।
सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रति जागरूक करने शुरू की मुहिम
समता अग्रवाल ने बताया कि मैं पेशे से टीचर हूं। पर्यावरण को सिंगल यूज प्लास्टिक से सबसे ज्यादा नुकसान होता है। मैंने करीब आठ साल पहले लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रति जागरूक करने के लिए मुहिम शुरू की थी। हम बाजार दर बाजार दुकानदार और ग्राहकों को जागरूक करते थे। फिर मुझे लगा कि हम सारे शहर में एक साथ काम नहीं कर सकते। इसके बाद 10 नंबर मार्केट और बिट्टन मार्केट हाट बाजार में आने वाले लोगों को जागरूक करना शुरू किया। कई बार लोग नाराज हो जाते हैं। वे कहते हैं हमारा समय क्यों वेस्ट कर रही हैं, इनका उत्पादन बंद कराइये। हम उन्हें समझाते हैं कि धरती के प्रति हमारी भी कोई जिम्मेदारी है। हम अपने स्तर पर तो फर्ज निभा ही सकते हैं। कई बार दुकानदार भी हमसे झगड़ा करने लगते हैं, लेकिन हम उनकी बातों का बुरा नहीं मानते और अपनी मुहिम शांति के साथ जारी रखते हैं। हम हफ्ते में पांच दिन बिट्टन मार्केट हाट बाजार में शाम के समय जाकर खड़े हो जाते हैं और वहां आने वाले लोगों को समझाते हैं। हमारा मकसद है कि यदि हम एक मार्केट को भी प्लास्टिक फ्री कर पाएं तो हमारा परिश्रम सार्थक हो जाएगा।
शहर में 7 हजार पौधे रोपे, ग्रुप से 100 लोग जुड़ गए
प्रो. मनोज गौड़ का कहना है कि मैं और पत्नी मॉर्निंग वॉक के लिए मनुआभान टेकरी पर जाते थे। दूर से देखने पर ये क्षेत्र बहुत हरा-भरा दिखता है, लेकिन अंदर की तरफ पेड़ काफी कम हैं। नगर निगम, सीपीए और वन विभाग यहां काम तो करती हैं, लेकिन उस स्तर पर काम नहीं हो पा रहा। हमने यहां पौधे लगाना शुरू किया। शुरुआत में 100 पेड़ लगाए। जमीन पथरीली होने से यहां गड्ढे खोदना ही बड़ा मुश्किल काम था। यहां पानी पहुंचाना भी आसान नहीं था। एक डॉक्टर दंपत्ति ने यहां पानी का टैंक रखवाया। धीरे-धीरे ग्रीन भोपाल अभियान से लोग जुड़ते गए। अब ग्रुप के 100 लोग 7 हजार पौधे लगा चुके हैं। कई स्थानों पर मटके में छेदकर लटका देते हैं। जिस क्षेत्र में पौधे लगाए जाते हैं, आस-पास के लोगों को भी जोड़ लेते हैं।
वहीं, पीयूष कनकने ने बताया कि लोग महंगे इंविटेशन कार्ड छपवाते हैं, इन्हें पढ़ने के बाद हर कोई फेंक देता है। इससे कहीं ना कहीं पर्यावरण को ही नुकसान पहुंचता है। मैंने अपने घर और आसपास लोगों को ऐसे करते देखा तो सोचा क्यों ना कुछ ऐसा किया जाए जिससे पेड़ भी बचें और लोगों को संदेश भी पहुंच जाए। हमने द अर्बन ग्रीन नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया। एक पौधे के साथ इको फ्रेंडली कार्ड तैयार किए। सीड से बने इस कार्ड को लोग पढ़कर मिट्टी में डाल पौधा उगा सकते हैं। वहीं, पौधा हमेशा ये याद दिलाता है कि आपको किसी ने ये गिफ्ट किया है। इंडोर प्लांट हवा साफ करने के साथ ही ऑक्सीजन भी जनरेट करते हैं। हमारी इस पहल से अब कई लोग जुड़ने लगे हैं।
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