World Drug Day: 12 साल की उम्र में शुरु किया शराब पीना, नशे के लिए मांगी भीख, अब संवार रहे लोगों का जीवन | School-college students are becoming victims of drug addiction in the | Patrika News

515
World Drug Day: 12 साल की उम्र में शुरु किया शराब पीना, नशे के लिए मांगी भीख, अब संवार रहे लोगों का जीवन | School-college students are becoming victims of drug addiction in the | Patrika News

World Drug Day: 12 साल की उम्र में शुरु किया शराब पीना, नशे के लिए मांगी भीख, अब संवार रहे लोगों का जीवन | School-college students are becoming victims of drug addiction in the | Patrika News

इसके चलते प्रेमिका ने छोड़ा

निक्की वाध्वा ने बताया कि मात्र 12 साल की उम्र से नशे की लत हो गई थी। उन्होंने बताया कि नशे के चक्कर में उनके घर परिवार में सबसे झगड़े हुए, उनकी प्रेमिका ने भी उन्हें छोड़ दिया और उनके पिता की जब मृत्यु हुई तब वे नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती थे। उसके बाद उन्होंने नशा मुक्ति केंद्र से निकलने के बाद खुद को नशे से दूर रखा। आज सात साल हो गए हैं और वो नशे से पूरी तरह से दूर हैं।

अध्यात्म, खेलकूद और नियमित व्यायाम बदल देगा जीवन

भोपाल के राजीव तिवारी बताते हैं कि जब वो 10वीं कक्षा में थे, तब उन्होंने पहली बार शराब पी थी। उसके कुछ टाइम बाद शराब छोड़ने के लिए उन्होंने गांजा पीना शुरू किया, ऐसे ही एक नशे को छोड़ने के लिए अन्य नशों की ओर बढ़ते गए। एक समय ऐसा आया जब वे शराब, गांजा, अफीम, हेरोइन जैसे कई ड्रग्स के आदी हो गए। इस दौरान वो माता-पिता से झगड़े और घर में चोरी करने लगे, इसके बाद उनके बड़े भाई ने उन्हें नशा मुक्ति केंद्र भेजा। वहां से लौटने के बाद वो दो-ढाई साल बिना नशे के रहे, इसी दौरान उनकी शादी हो गई। फिर करीब दो साल बाद उन्होंने दोबारा ड्रग्स लेना शुरू कर दिया। वो घर में चोरी से लेकर पत्नी और बच्चों पर पैसों के लिए हाथ तक उठाने लगे।

इसके बाद बंद पड़े घरों में चोरी की, भीख मांगी, अनजान लोगों से मार पीट की, इतना ही नहीं कहीं से कोई भी बिकने लायक चीज मिल जाए तो उसको चुरा कर नशे किए। इस दौरान उन पर 20 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हुए, ऐसे ही एक मामले में उनको जेल भी हुई। जहां से उनको नशा मुक्ति केंद्र भेजा गया और उनकी मां और पत्नी उनको समझाने पहुंचे। इसके बाद उन्होंने अपने नशे पर काबू पाया और तब से आज तक दोबारा कभी किसी भी तरह का नशा नहीं किया। उन्होंने अध्यात्म के साथ, खेलकूद और लोगों ने साथ मेलजोल बढ़ाया और धीरे-धीरे नशा पीछे छूटता गया। आठ साल से खुद नशा मुक्ति केंद्र का चला कर लोगों को इसके प्रति जागरूक कर रहे हैं।

इस साल पुलिस ने 160 किलो गांजा पकड़ा

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इस साल राजधानी में पुलिस द्वारा 29 मामलों में लगभग 160 किलो गांजा पकड़ा गया। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा गैर कानूनी अफीम की खेती होती है, साथ ही प्रदेश में गांजा भी भारी मात्रा में उगाया जाता है। कुछ संगठनों के अध्ययन में यह सामने आया कि स्ट्रीट चाइल्ड से लेकर रईस घरों के बच्चों तक नशे का जाल फैला हुआ है। नशा करने वाले स्ट्रीट चाइल्ड की औसतन उम्र मात्र 10 साल होती है, इनमे अक्सर बच्चों को जूते और लकड़ी चिपकाने वाले सॉलुशन सूंघते पाया गया। वहीं बड़े घरों के बच्चे अक्सर शराब और गांजे से नशे की शुरुआत करते देखा गया। इनकी औसतन आयु 14 से 16 साल है।



उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News