थामकर नीतीश विरोधी पतवार, क्या शरद यादव बनेंगे विपक्ष के खेवनहार?

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कहानी की शुरूआत बिहार विधानसभा चुनाव के दिनों से होती है। देश में शक्ति बनकर उभरती भाजपा को बिहार में बने ‘जदयू-राजद-कांग्रेस’ महागठबंधन ने जबरदस्‍त पटखनी दी। इसके बाद सीएम बने नीतीश कुमार की छवि राष्‍ट्रीय नेता के रूप में उभरती दिखी। उनमें भविष्‍य का पीएम देखने वालों की भी कमी नहीं रही।
लेकिन, करवट बदलती राजनीति में नीतीश के इर्द-गिर्द आकार लेता एकीकृत विपक्ष का सपना बिखर गया। अब इस सपने के केंद्र में शरद यादव हैं। अपनी ही पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सत्ताधारी गठबंधन के खिलाफ खुलकर सामने आ चुके शरद भाजपा विरोध की धुरी बनकर उभरते दिख रहे हैं।
नीतीश के विरोध में खुलकर आए सामने

जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव बिहार में महागठबंधन के टूटने से नाखुश तो काफी पहले से हैं, लेकिन उन्‍होंने वक्‍त की नजाकत समझकर लंबे समय तक चुप्‍पी साधे रखी। बकौल शरद, जब पार्टी ने बिना उनसे पूछे ही जनता से विश्‍वासघात का बड़ा फैसला ले लिया तो वे चुप नहीं रह सकते थे। उनके अनुसार बिहार में जनता का मैंडेट भाजपा के खिलाफ बने महागठबंधन को था। ऐसे में महागठबंधन को तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बनाना जदयू का गलत फैसला है। इससे जनता के विश्वास को जो चोट पहुंची है।
समाजवादी एकीकरण की कोशिश होगी
शरद यादव इन दिनों बिहार में बनी एनडीए की नई सरकार पर जनता की राज जानने के लिए यात्रा कर रहे हैं। बकौल शरद, वे जनता के टूटे विश्‍वास को जोड़ने के लिए बिहार आए हैं। इसके बाद 17 अगस्‍त को शरद की अगुआई में समाजवादी शक्तियों की बड़ी जुटान में समाजवादी एकीकरण की कोशिश होगी। संभव है कि किसी एकीकृत बड़े समाजवादी दल पर भी मंथन हो। इसमें बिहार के हालात की चर्चा भी तय है।
पार्टी का सख्‍त रूख
यह स्‍पष्‍ट तौर पर पार्टी के भीतर नीतीश कुमार का विरोध है। शरद का दावा है कि पार्टी में उनसे सहमत लोगों की बड़ी तादाद है। गुरुवार को पटना पहुंचने पर उनके साथ खुलकर आए रमई राम ऐसे ही बड़े चेहरा रहे। उधर, पार्टी ने शरद की बिहार यात्रा के खिलाफ स्‍टैंड को जाहिर कर दिया है। शरद का साथ देने वालों पर कार्रवाई आरंभ है। पार्टी की बिहार  ईकाई ने तो खुद शरद को भी पार्टी से निलंबित करने की अनुशंसा कर दी है।
विरोध से दिख रहे अडिग 

लेकिन, शरद इस विरोध से अडिग दिख रहे हैं। कहते हैं, ”मैं किसी के विरोध या बयानबाज़ी का जवाब नहीं देता। मैं अकेले ही निकला हूं और जनता सबसे बड़ी मास्टर है। मैं जनता के बीच अकेले आया हूं, मैंने तो पहले से ऐसा कोई प्रोग्राम भी नहीं बनाया था।” शरद स्‍पष्‍ट तौर पर कहते हैं, ”महागठबंधन में सबसे सक्रिय भूमिका तीन लोगों ने निभाई- नीतीश जी ने, लालू जी ने और मैंने। इसलिए लोगों का भरोसा टूटना मुझे तकलीफ़ देता है।” उनकी घोषणा इसके खिलाफ आवाज बुलंद करने की है।
लालू का मिला खुला साथ
बिहार में बनी एनडीए सरकार के खिलाफ शरद को लालू प्रसाद का खुला साथ मिल रहा है। नई सरकार के खिलाफ मुखर नेताओं में लालू प्रसाद पहले दिन से ही आगे हैं। उन्‍होंने इसके लिए नीतीश कुमार को जिम्‍मेदार ठहराया है। लालू अपने अंदाज में तंज कसते हुए नई सरकार को ”हड़बड़ी का बियाह” बताते हुए इसके अधिक दिनों तक नहीं चलने की घोषणा कर चुके हैं। लालू के पुत्र व पूर्व डिप्‍टी सीएम तेजस्‍वी यादव नीतीश के खिलाफ विरोध का बिगुल फूंक चुके हैं।
विपक्ष के पास चेहरा नहीं है
अगामी 27 अगस्‍त को पटना के गांधी मैदान में राजद की ”भाजपा भगाओ देश बचाओ रैली में भाजपा के विरोध में शक्ति प्रदर्शन भी तय है। इसमें विपक्ष की बड़ी जुटान होने जा रही है। लालू के भाजपा विरोधी अभियान को कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी व समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव सहित तमाम विपक्षी नेताओं का समर्थन मिलता दिख रहा है। लेकिन, बात भाजपा विरोधी किसी चेहरे की तलाश पर जा अटकती है।
भ्रष्‍टाचार के आरोपों से चौतरफा घिरे लालू पीएम मोदी व भाजपा के खिलाफ जनमत तैयार करने में भले ही उपयोगी हों, वे एकीकृत विपक्ष का चेहरा नहीं बन सकते। उत्‍तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के पूर्व सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव अभी अपनी ही पार्टी के भीतर घिरे हुए हैं तो बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती की विवादित छवि उनके खिलाफ जाती है।
शरद ही बनेगें खेवनहार
समाजवादी विपक्ष की बात करें तो फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनके हमकदम हो चुके बिहार के सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ शरद यादव चेहरा बनते दिख रहे हैं। जहां तक कांग्रेस की बात है, वह राष्‍ट्रीय पार्टी है, लेकिन फिलहाल वह विपक्ष को नेतृत्‍व देने में सक्षम नहीं दिख रही। राजनीतिक गुरूओं की मानें तो कांग्रेस की भूमिका एकीकृत विपक्ष में एक बड़े सहयोगी के रूप में दिख रही है। उसके पास राहुल गांधी का चेहरा जरूर है, लेकिन उनके इर्द-गिर्द विपक्षी एकीकरण होता नहीं दिख रहा।