क्या नेपाल में कोई भारतीय सिम चलेगा?

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मोबाइल सिम कार्डों के फर्जीवाड़े पर शिकंजा कसना आसान नहीं है, क्योंकि नेपाल सीमा से बिहार बॉर्डर तक फैला यह अवैध कारोबार पूरी तरह पांव पसार चुका है। पुलिस कई बार इस अवैध कारोबार से जुड़े लोगों को गिरफ्तार कर इस बात का खुलासा भी कर चुकी है, लेकिन इसके बाद भी अंकुश नहीं लग सका है। पुलिस जब भी सक्रिय हुई जालसाजों ने उसकी काट खोज निकाली है। इस बार भी वह संवेदनशील दिख रही है, लेकिन फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाना बड़ी चुनौती होगी।नेपाल सीमा पर सिम का फर्जीवाड़ा सुरक्षा में सेंध माना जाता है।

फर्जी नाम पते पर जारी सिमकार्डों की डिमाण्ड सबसे अधिक सीमावर्ती इलाकों में ही है। आलम यह है कि भारतीय नेटवर्क के सिम कार्ड व रीचार्ज कूपन नेपाल के सीमावर्ती बाजारों में बिकते हैं। नेपाल के बढ़नी, खुनुवा और अलीगढ़वा, ककरहवा, ठोठरी बॉर्डर के रास्ते से इसकी खेप पहुंचाई जाती है। लगभग तीन वर्ष पूर्व जनपद के तत्कालीन एसओजी प्रभारी लाल जी यादव ने बिहार निवासी एक सिम सरगना के साथ जिला मुख्यालय के दो अन्य कारोबारियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 3500 सिम कार्ड व भारी संख्या में फर्जी आईडी प्रूफ व डब्लू एलएल फोन बरामद किया था। पुलिस टीम ने इस बरामदगी के बाद दावा किया था कि सरहद पर फर्जी सिमकार्डों का बड़ा बाजार है।

नेपाल सीमा पर बीएसएनएल के टावर हैं। यहां पर टावर पहाड़ के ऊंचे स्थल पर लगे हैं, लेकिन सामने नेपाल होने के कारण इनकी क्षमता बहुत कम रखी गई है। भारतीय गांव घाटियों में हैं, जहां तक सिग्नल पहुंचते ही नहीं हैं, ऐसे में लोगों को मोबाइल पर बात करने के लिए गांव से दूर किसी ऊंचे स्थान की तलाश करनी पड़ती है। वहीं, नेपाल की सरकारी संचार एजेंसी स्काई इंसेट के टावर के सिग्नल शक्तिशाली हैं। भारत में ये 40 किलोमीटर का दायरा कवर कर रहे हैं। यही वजह है पंचेश्वर से लेकर कालापानी तक सीमा पर स्थित गांवों और कस्बों के ज्यादातर लोग नेपाल के सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन सिम की अवैध रूप से खरीद-फरोख्त होती है। वहीं, महाराजगंज में भी करीब आठ किलोमीटर के भारतीय इलाके में नेपाली नेटवर्क काम करता है।

सीमा पर नेपाल की सरकारी संचार एजेंसी के अलावा वहां की दो निजी कंपनियों ‘नमस्ते’ और ‘एनसेल’ ने भी टावर लगाए हैं। इन टावर की रेंज भी भारत में 15-16 किलोमीटर तक है।

सीमा पर नेपाली सिम की कालाबाजारी

नेपाल की तीनों संचार कंपनियों के सिम भारत में अवैध रूप से मिलते हैं। नेपाल में संचार कंपनियों को सिम का टारगेट दिया जाता है और सीमावर्ती क्षेत्रों में मांग होने के कारण इन्हें आसानी से यहां ग्राहक मिल जाते हैं। सामान्यतया नेपाल के सिम भारत में डेढ़ सौ रुपये में मिलते हैं।

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