शनि देव की पूजा के समय तेल क्यों चढाया जाता है ?

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शनि देव
शनि देव

शनि देव की महिमा के बारे में आपने सुना होगा. शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है. ऐसा भी माना जाता है कि शनि देव को अन्याय करने वालों पर बहुत गुस्सा भी आता है. इसके साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि जिस पर शनि देव की कुदृष्टि पड़ती है, उसका सबकुछ बर्बाद हो जाता है. शनि देव की पूजा के लिए शनिवार का दिन निर्धारित किया जाता है. शनिवार को शनि देव की पूजा करते हुए उनपर तेल भी चढ़ाया जाता है. शनि देव की मूर्ति पर तेल चढ़ाने के पीछे एक पौराणिक कथा है.

शनि देव

रामायण में आपने रावण के बारे में तो सुना ही होगा. ऐसा माना जाता है कि रावण ने अपने अहंकार में आकर सभी 9 ग्रहों को बंदी बना रखा था. जिसमें शनि देव भी शामिल थे. रावण ने बंदी घर में शनि देव को उल्टा लटका रखा था. जिसके बाद हनुमान जी लंका में राम के दुत बनकर आते हैं. जब हनुमान जी की पूँछ को आग लगाई जाती है, तो वे पूरी लंका को जला देते हैं. जिससे शनि देव को छोड़कर बाकी ग्रह आजाद हो जाते हैं.

शनि देव

उल्टे लटकाने के कारण शनि देव को बहुत पीड़ा हो रही थी. ऐसी मान्यता है कि उनकी पीड़ा को कम करने के लिए हनुमान जी ने शनि देव के शरीर पर तेल की मालिश की जिसके कारण उनको दर्द से मुक्ति मिली. इसके बाद शनि देव ने कहा था कि जो भी उनको तेल चढाएगा उनको जीवन की सारी समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी. तब से शनि देव की मूर्ति पर तेल चढाने का प्रचलन शुरू हुआ.

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ऐसी मान्यता है कि शनिवार के दिन कोई शनि देव को तेल चढाता है तथा पूजा करता है, तो शनि देव की दया से उसकी सभी समस्याओं का हल हो जाता है.