ऐसा क्या कारण है दुनिया चीन से युद्ध करने से बचती है?

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दुनिया की मौजूदा हालत काफी पस्त है. कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में भूचाल मचा हुआ है। आशंका यह जताई जा रही है की कोरोना जैसा घातक वायरस प्राकृति से नहीं बल्कि चीन के लैब से निकला है ताकि यह शक सचाई में धीरे -धीरे तब्दील होता जा रहा है क्योंकि चीन ने अमेरिका और अन्य देशों की रिसर्च टीम को वुहान लैब मे जांच पड़ताल करने की इजाजत नहीं दि, जैसे जैसे हालत गंभीर होती जा रही है कई देश चीन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बातें सामने आ रही है।

अमेरिका ने तो इसका जिम्मेदार चीन को ठहराते हुए कहा इस वायरस से हुए सारे खर्चे की भरपाई चीन करें और तो और कुछ बौखलाये नेता जंग छेड़ने की बातें करने लगे हैँ | कई देश चीन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की धमकी दे रहे हैं लेकिन उन्हें खुद पता है कि इस समय चीन की तरफ यह रवैया अपनाया नहीं जा सकता है।

इस वायरस को रोकने के लिए इसके बारे में और जानना और रिसर्च करना आवश्यक है, इसका अंतर ढूंढने के लिए इसका शुरुआत ढूंढना जरूरी है और वह तभी मुमकिन है जब चीन इसमें सहयोग करें। अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ से चीन दुनियाभर में एक बड़ा रोल प्ले करता है। अर्थव्यवस्था बहुत नीचे गिर जाएगी अगर चीन से दुश्मनी मोड़ी तो एयरट्रैवल बंद करने से कई कई सरकारी और निजी फैक्ट्री बंद हो जाएंगे जो कि ज्यादातर देशों की इकोनामि का बड़ा हिस्सा है और इससे कई देशों की इकॉनमी को बड़ा धक्का पहुंच सकता है।

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अधिकतम देश चीन के कर्जे में है. पिछले 20 सालों में चीन सबसे ज्यादा लोन देने वाला देश बन गया है, चीनी ग्लोबल जीडीपी से लगभग 5% ज्यादा लोन दुनियाभर को दे रखा है, और यह सारा लोन ऑफिशियल है इसका अंदाजा भी किसी को नहीं है कि चीन का किस देश पर कितना उधार है जब चीन के साथ ट्रेड बंद करने की बात होगी तो चीनी सारा पैसा अपना वापस मांगेगा जिसे करोना जैसी महामारी से लड़ते देश चूका में सक्षम नहीं होगा।