राजा चंवरसेन कौन थे उनका इतिहास ?

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राजा चंवरसेन कौन थे उनका इतिहास ? ( Who was Raja Chanvarsen, his history? )
राजा चंवरसेन कौन थे उनका इतिहास ? ( Who was Raja Chanvarsen, his history? )

राजा चंवरसेन कौन थे उनका इतिहास ? ( Who was Raja Chanvarsen, his history? )

भारत देश का इतिहास बहुत ही विस्तृत है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि भारत देश अपनी विविधता के कारण प्रसिद्ध है. इसी कारण इतिहास के बारे में कितनी भी जानकारी हासिल कर लें, लेकिन कुछ ना कुछ छूट ही जाता है. इसी कारण इतिहास में रूचि रखने वाले लोगों के मन में इतिहास से संबंधित कई तरह के सवाल होते हैं. जिनके जवाब आमतौर पर बहुत ही कम लोग जानते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर पूछा जाता है कि राजा चंवरसेन कौन थे उनका इतिहास ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है , तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते है.

इतिहास

राजा चंवरसेन कौन थे –

कुछ इतिहासकारों का मानना है कि भारत में चंवर वंश होता है. ऐसा माना जाता है कि यह राजवंश सूर्यवंशी क्षत्रिय कुल से संबंध रखता था. गुजरात में चंवरावती नगर इस वंश की प्रतापी राजधानी होती थी. यहां पर चंवरसेन राज करते थे. इनके कई पुत्र भी थे. जिनके नाम कमलसेन , ब्रह्मसेन , रतिसेन इत्यादी थे. ऐसा कहा जाता है कि बप्पा रावल ने गजनी के सुल्तान को हराकर चंवर वंश के सरदार को वहां का शासक बनाया था. कर्नल टाड महोदय द्वारा लिखी गई उनकी पुस्तक “राजस्थान का इतिहास ” में इस वंश के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है.

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ऐसा माना जाता है कि जब भारत पर तुर्क आक्रमम हुए थे. उस काल में इस राजवंश का शासन भारत के पश्चिमी भाग में था और इसके प्रतापी राजा चंवरसेन थे. इस क्षत्रिय वंश के राज परिवार का वैवाहिक संबंध बाप्‍पा रावल वंश के साथ था. उस समय के प्रसिद्ध राजा राणा सांगा व उनकी पत्‍नी झाली रानी ने चंवर वंश से संबंध रखने वाले संत रैदासजी को अपना गुरु बनाकर उनको अपने मेवाड़ के राजगुरु की उपाधि दी थी.

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कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि चंवरसेन जोकि चंवर वंश के प्रतापी शासक होते थे, ये वर्तमान में चमार कही जाने वाली जाति से संबंध रखते थे. हालांकि इसके विषय में विभिन्न इतिहासकारों में मतभेद भी है. पुराने समय में तथा संकीण मानसिकता रखने वालों के अनुसार चमार जाति को अछूत समझा जाता था. कुछ इतिहासकारों को मानना है कि इसी चमार जाति से राजा चंवर सेन संबंध रखते थे तथा उनका गौरवशाली इतिहास मिटाया गया है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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