राज्यपाल को पेंशन कौन देता है भारत सरकार या राज्य सरकार ? ( Who gives pension to the Governor, Government of India or State Government ? )
भारत में राज्यपाल का पद बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. जिस तरह से देश का प्रथम नागरिक भारत के राष्ट्रपति को माना जाता है. ठीक इसी तरह राज्य का पहला नागरिक राज्यपाल को माना जाता है. राज्यपाल का पद राज्य में बहुत ही सम्मानजनक होता है. राज्यपाल जब पद पर रहता है, तो उनको मानदेय तथा बहुत से भत्ते भी मिलते हैं. लोगों के मन में राज्यपाल के पद से संबंधित कई तरह के सवाल होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर लोगों के मन में होता है कि राज्यपाल को पेंशन कौन देता है भारत सरकार या राज्य सरकार. अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.
राज्यपाल के वेतन भत्ते और पेंशन-
जब राज्यपाल अपने पद पर होते हैं, तो उनको बहुत ही अच्छा मानदेय दिया जाता है. यह वेतन देश के प्रधानमंत्री से भी अधिक होता है. देश के राष्ट्रपति और उपऱाष्ट्रपति के बाद राज्यपाल को ही सबसे अधिक वेतन मिलता है. राज्यपाल का वेतन 3 लाख 50 हजार रूपये मासिक होता है. इसके साथ ही राज्यपालों को कई तरह के सरकारी भत्ते और सुविधाएं भी मुहैया कराई जाती हैं. 1982 के राज्यपाल (अनुमोदन भत्ते और विशेषाधिकार) अधिनियम के अनुसार 5 साल की कार्यकाल अवधि के दौरान उनकी सुविधाओं में कोई कटौती नहीं की जा सकती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि 1982 के अधिनियम के तरह राज्यपाल को पेंशन देने का कोई प्रावधान नहीं है. जब तक राज्यपाल अपने पद पर होता है, तब तक उस राज्य की संचित निधि से उसको वेतन और भत्ते दिए जाते हैं.
राज्यपाल पद के लिए योग्यताएं-
भारत में किसी राज्य का राज्यपाल बनने के लिए कुछ योग्यताओं का होना आवश्यक होता है. इसके लिए भारत का नागरिक होना तथा न्यूनतम 35 वर्ष की आयु होना अनिवार्य है. इसके साथ ही राज्यपाल उसे ही नियुक्त किया जा सकता है, जो किसी लाभ के पद पर नहीं होता है. इसके अलावा हम ये भी कह सकते हैं कि राज्यपाल बनने के लिए राज्यविधान सभा के सदस्य बनने की योग्यता पूरी करता हो. उसे ही राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है.
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राज्यपाल को सैलरी के अलावा इलाज की सुविधा, निवास की सुविधा, यात्रा की सुविधा, फोन कॉल का बिल और बिजली का बिल जैसी कई विशेष सुविधाएं मिलती है. अगर साधारण या आम भाषा में राज्यपाल के कार्य को समझे, तो राज्यपाल राज्य में केंद्र का प्रतिनिधि होता है. वह मुख्यमंत्री द्वारा किए गए कार्यों की निगरानी करता है तथा केंद्र को राज्य में होने वाली गतिविधियों से अवगत कराता है.
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