WHO ने बच्चों की जिन खांसी की दवाओं को बताया जानलेवा, उनकी भारत में कहाँ है सप्लाई, भारत सरकार ने उठाए कौन से कदम? | Where is Supply in India of deadly cough Syrup, as per the WHO | Patrika News h3>
Central govt officials are gathering complete information. Sample to be sent to Central Drug Lab in Kolkata. After reports come, stern action to be taken if anything wrong is found: Haryana HM Anil Vij, on WHO issuing product alert of cough syrup of India’s Maiden Pharmaceuticals pic.twitter.com/tFgCbeeQ3c
— ANI (@ANI) October 6, 2022
Correction | There is no supply of Maiden Pharmaceuticals Limited drugs in India, they only export their products, still, if any guideline is issued by the Drugs Controller General of India we will follow those guidelines: All India Organisation of Chemists and Druggists*— ANI (@ANI) October 6, 2022
भारत में जांच शुरू
इस मामले में केंद्र सरकार का भी बयान आ गया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि केंद्र सरकार ने कहा, “CDSCO ने डब्ल्यूएचओ को जवाब देते हुए डेढ़ घंटे के भीतर संबंधित राज्य नियामक प्राधिकरण के साथ मामला उठाया था, जिसके अधिकार क्षेत्र में दवा निर्माण इकाई स्थित है। हरिणाणा स्थित राज्य औषधि नियंत्रक के सहयोग से मामले में तथ्यों या विवरणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू की गई है।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा इस मामले पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि डब्ल्यूएचओ द्वारा भारत की मेडेन कंपनी की कफ सीरप के बारे में उत्पाद अलर्ट जारी करके बाद इस बारे में केंद्र सरकार के अधिकारी पूरी जानकारी जुटा रहे हैं। सैंपल लिए गए हैं और इनको अब सेंट्रल ड्रग लैब को भेजा जाएगा। कोलकाता स्थित लैब की रिपोर्ट आने के बाद कुछ भी गलत पाए जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भारत में नहीं है दवी का आपूर्ति वहीं अखिल भारतीय केमिस्ट और ड्रगिस्ट संगठन ने कहा है कि, भारत में मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड दवाओं की कोई आपूर्ति नहीं है। संगठन ने बताया है कि वे केवल अपने उत्पादों का भारत से बाहर निर्यात करते हैं। फिर भी, यदि भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोई दिशानिर्देश जारी किया जाता है तो हम उन दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।
“WHO has today issued a medical product alert for four contaminated medicines identified in #Gambia that have been potentially linked with acute kidney injuries and 66 deaths among children. The loss of these young lives is beyond heartbreaking for their families”-@DrTedros
— World Health Organization (WHO) (@WHO) October 5, 2022
“The four medicines are cough and cold syrups produced by Maiden Pharmaceuticals Limited, in India. WHO is conducting further investigation with the company and regulatory authorities in India”-@DrTedros https://t.co/PceTWc836t— World Health Organization (WHO) (@WHO) October 5, 2022
दवाओं के बारे में WHO ने क्या कहा था
खांसी-जुकाम के इन चार कफ सीरप को लेकर एक चेतावनी जारी कर करते हुए WHO ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इन कोल्ड-कफ सीरप को अफ्रीकी देश गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत से जोड़ा जा सकता है। इन कफ सीरप के कारण इन बच्चों में गुर्दे की गंभीर समस्या पैदा हुई, जिसके कारण इनकी मौत हो गई।
वैश्विक जोखिम संभव
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी आगाह किया है कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि ये दूषित दवाएं पश्चिम अफ्रीकी देश के बाहर भी वितरित की गई हों, इसलिए इनसे वैश्विक जोखिम की भी “आशंका” बनी हुई है।
WHO कर रहा है कंपनी की जांच डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडोनम घेब्रेसियस ने संवाददाताओं से कहा कि विचाराधीन चार सर्दी और खांसी के सिरप से हुई इन मौतों से जो जीवन का नुकसान हुआ वो उनके परिवारों के लिए असहयनीय और अनुमान से परे है। टेड्रोस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ “भारत में कंपनी और नियामक अधिकारियों के साथ आगे की जांच कर रहा है।”
इन दवाओं से बताया खतरा डब्ल्यूएचओ द्वारा बुधवार 5 अक्टूबर को जारी मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट के अनुसार, जिन चार उत्पादों में ये शिकायत पाई गई है उनके नाम हैं – प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन (Promethazine Oral Solution), कोफेक्समेलिन बेबी कफ सीरप (Kofexmalin Baby Cough Syrup), मैकॉफ बेबी कफ सीरप (Makoff Baby Cough Syrup) और मैग्रिप एन कोल्ड सीरप (Magrip N Cold Syrup) हैं। चेतावनी में कहा गया है, कि इंगित किए गए निर्माता ने अब तक प्रदूषित उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को कोई गारंटी नहीं दी है।
अस्वीयकार्य मात्रा में मिले निषिद्ध कैमिकल
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इन सीरप में डाइथीलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल की अस्वीकार्य मात्रा की पुष्टि हुई है, जो इंसानों के लिए बेहद खतरनाक है। एक मेडिकल प्रॉडक्ट अलर्ट जारी करते हुए WHO ने कहा, ‘चारों कफ सीरप के सैंपल के लैबोरेटरी टेस्ट में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा पाई गई है। ये पदार्थ मनुष्यों के लिए जहरीले होते हैं और घातक हो सकते हैं, यह कहते हुए कि इनसे “पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब करने में असमर्थता, सिरदर्द, मेंटल समस्या और गुर्दे को नुकसान हो सकता है।”
बच्चों के लिए ये दवाएं बेहद असुरक्षित
WHO ने जारी बयान में सर्दी और खांसी की शिकायत पर दिए जाने वाले इन उत्पादों का प्रयोग असुरक्षित बताया है, खासतौर से ये दवाएं बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं, इससे लोगों को गंभीर इंजरी हो सकती है, यहां तक कि उनकी मौत भी हो सकती है, इसलिए ऐसी किसी दवा का उपयोग न करें, ये कफ सीरप सर्दी की शिकायत होने पर या खांसी, जुकाम की दिक्कत होने पर दिए जाते हैं।
पिछले महीने गाम्बिया में किया गया था प्रतिबंधित गाम्बिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने अस्पतालों को एक पेरासिटामोल सिरप का उपयोग बंद करने के लिए कहा था। यहां गुर्दे की विफलता से कम से कम 28 बच्चों की मौत हो गई थी और इस पर जांच के परिणाम आना शेष थे। मामले में जांचकर्ताओं द्वारा गुर्दे की भारी विफलता से पांच महीने से चार साल की उम्र के कम से कम 28 बच्चों की मौत की सूचना के एक महीने बाद, पेरासिटामोल सीरप पर 9 सितंबर को गैम्बियन स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवायजरी जारी की गई थी। मामले में 19 जुलाई को जांच शुरू की गई थी। बच्चों की मृत्यु कब हुई, इसके बारे में कोई विवरण नहीं दिया गया है।
केवल गांबिया में ही आपूर्ति
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन से प्राप्त जानकारी से संकेत मिलता है कि निर्माता ने केवल गांबिया को ही इन दूषित दवाओं की आपूर्ति की थी। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने एक ईमेल में कहा, “हालांकि, अफ्रीका के अन्य देशों में अनौपचारिक या अनियमित बाजारों के माध्यम से इन उत्पादों की आपूर्ति से इंकार नहीं किया जा सकता है।”
टेड्रोस ने सावधानी बरतने का आग्रह किया है, और सभी देशों से “रोगियों को और नुकसान से बचाने के लिए इन उत्पादों का पता लगाने और उन्हें प्रचलन से हटाने” के लिए काम करने का आह्वान किया।
Central govt officials are gathering complete information. Sample to be sent to Central Drug Lab in Kolkata. After reports come, stern action to be taken if anything wrong is found: Haryana HM Anil Vij, on WHO issuing product alert of cough syrup of India’s Maiden Pharmaceuticals pic.twitter.com/tFgCbeeQ3c
— ANI (@ANI) October 6, 2022
Correction | There is no supply of Maiden Pharmaceuticals Limited drugs in India, they only export their products, still, if any guideline is issued by the Drugs Controller General of India we will follow those guidelines: All India Organisation of Chemists and Druggists*— ANI (@ANI) October 6, 2022
भारत में जांच शुरू
इस मामले में केंद्र सरकार का भी बयान आ गया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि केंद्र सरकार ने कहा, “CDSCO ने डब्ल्यूएचओ को जवाब देते हुए डेढ़ घंटे के भीतर संबंधित राज्य नियामक प्राधिकरण के साथ मामला उठाया था, जिसके अधिकार क्षेत्र में दवा निर्माण इकाई स्थित है। हरिणाणा स्थित राज्य औषधि नियंत्रक के सहयोग से मामले में तथ्यों या विवरणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू की गई है।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा इस मामले पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि डब्ल्यूएचओ द्वारा भारत की मेडेन कंपनी की कफ सीरप के बारे में उत्पाद अलर्ट जारी करके बाद इस बारे में केंद्र सरकार के अधिकारी पूरी जानकारी जुटा रहे हैं। सैंपल लिए गए हैं और इनको अब सेंट्रल ड्रग लैब को भेजा जाएगा। कोलकाता स्थित लैब की रिपोर्ट आने के बाद कुछ भी गलत पाए जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
“WHO has today issued a medical product alert for four contaminated medicines identified in #Gambia that have been potentially linked with acute kidney injuries and 66 deaths among children. The loss of these young lives is beyond heartbreaking for their families”-@DrTedros
— World Health Organization (WHO) (@WHO) October 5, 2022
“The four medicines are cough and cold syrups produced by Maiden Pharmaceuticals Limited, in India. WHO is conducting further investigation with the company and regulatory authorities in India”-@DrTedros https://t.co/PceTWc836t— World Health Organization (WHO) (@WHO) October 5, 2022
दवाओं के बारे में WHO ने क्या कहा था
वैश्विक जोखिम संभव
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी आगाह किया है कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि ये दूषित दवाएं पश्चिम अफ्रीकी देश के बाहर भी वितरित की गई हों, इसलिए इनसे वैश्विक जोखिम की भी “आशंका” बनी हुई है।
WHO कर रहा है कंपनी की जांच डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडोनम घेब्रेसियस ने संवाददाताओं से कहा कि विचाराधीन चार सर्दी और खांसी के सिरप से हुई इन मौतों से जो जीवन का नुकसान हुआ वो उनके परिवारों के लिए असहयनीय और अनुमान से परे है। टेड्रोस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ “भारत में कंपनी और नियामक अधिकारियों के साथ आगे की जांच कर रहा है।”
अस्वीयकार्य मात्रा में मिले निषिद्ध कैमिकल
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इन सीरप में डाइथीलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल की अस्वीकार्य मात्रा की पुष्टि हुई है, जो इंसानों के लिए बेहद खतरनाक है। एक मेडिकल प्रॉडक्ट अलर्ट जारी करते हुए WHO ने कहा, ‘चारों कफ सीरप के सैंपल के लैबोरेटरी टेस्ट में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा पाई गई है। ये पदार्थ मनुष्यों के लिए जहरीले होते हैं और घातक हो सकते हैं, यह कहते हुए कि इनसे “पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब करने में असमर्थता, सिरदर्द, मेंटल समस्या और गुर्दे को नुकसान हो सकता है।”
बच्चों के लिए ये दवाएं बेहद असुरक्षित
WHO ने जारी बयान में सर्दी और खांसी की शिकायत पर दिए जाने वाले इन उत्पादों का प्रयोग असुरक्षित बताया है, खासतौर से ये दवाएं बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं, इससे लोगों को गंभीर इंजरी हो सकती है, यहां तक कि उनकी मौत भी हो सकती है, इसलिए ऐसी किसी दवा का उपयोग न करें, ये कफ सीरप सर्दी की शिकायत होने पर या खांसी, जुकाम की दिक्कत होने पर दिए जाते हैं।
केवल गांबिया में ही आपूर्ति
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन से प्राप्त जानकारी से संकेत मिलता है कि निर्माता ने केवल गांबिया को ही इन दूषित दवाओं की आपूर्ति की थी। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने एक ईमेल में कहा, “हालांकि, अफ्रीका के अन्य देशों में अनौपचारिक या अनियमित बाजारों के माध्यम से इन उत्पादों की आपूर्ति से इंकार नहीं किया जा सकता है।”
टेड्रोस ने सावधानी बरतने का आग्रह किया है, और सभी देशों से “रोगियों को और नुकसान से बचाने के लिए इन उत्पादों का पता लगाने और उन्हें प्रचलन से हटाने” के लिए काम करने का आह्वान किया।