स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे अधिक भारत बंद किस राजनैतिक दल ने किया है

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भारत बंद
भारत बंद

किसानों संगठनों द्वारा तीन कृषि कानूनों के विरोध में 8 दिसंबर,2020 को भारत बंद किया गया. सबसे पहले देखते हैं कि भारत बंद क्या होता है. बंद मूल रूप से एक संस्कृत भाषा का शब्द होता है, जिसका अर्थ होता है किसी चीज का बंध होना या ठप होना. अगर राजनीतिक भाषा में बंद शब्द के प्रयोग की बात करें तो यह एक तरह का विरोध प्रदर्शन होता है. राजनैतिक तौर पर भारत बंद का मतलब यह हुआ कि राजनैतिक पार्टियां सरकार के किसी विचार या बिल के विरोध में लोगों से आह्वान करते हैं कि इस दिन कोई काम नाम किया जाए. पूरा भारत बंद रहे. जिससे सरकार को लोगों की नाराजगी का अहसास हो.

भारत बंद

ऐसा नहीं है यह पहला भारत बंद है. इससे पहले जब भाजपा सरकार में नहीं थी. तब उनके द्वारा भी 5 जुलाई,2010 को ईधन की कीमतों की बढ़ोत्तरी के खिलाफ , 31 मई, 2012 को विपक्ष पार्टी एनडीए ने फिर से पेट्रोल की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी के विरोध में तथा 20 सितंबर ,2012 को आर्थिक सुधारों के जवाब में भारत बंद का आह्वान किया गया था.

भारत बंद

कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने भारत बंद का बहुत कड़े शब्दों में विरोध किया था. कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा बताया गया कि भारत बंद से आर्थिक तौर पर देश को कितना नुकसान होता है. 2019 चुनाव से पहले मोदी सरकार को तो मात्र 6 महिने में 3 भारत बंद का सामना करना पड़ा. जिसमें सबसे पहले SC/ ST एक्ट को लेकर था. दूसरा भारत बंद सवर्णों को 10 फिसदी आरक्षण के लिए था. तीसरा भारत बंद राजनैतिक पार्टीयों द्वारा बुलाया गया. जहाँ तक ज्यादा भारत बंद की बात की जाए तो राजनैतिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा मनमोहन सरकार के समय राजनैतिक तौर पर भारत बंद का आह्वान किया गया था.

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हर सरकार के समय में विपक्ष द्वारा भारत बंद का समर्थन किया जाता है, चाहे वो किसी भी संगठन द्वारा किया जाए. सरकार द्वारा भारत बंद के नुकसान गिनाए जाते हैं. सरकार वाली पार्टी जब विपक्ष में आती है, तो वह भी भारत बंद का समर्थन करती है.