सवाल 116 – शनिदेव की दृष्टि किन लोगों पर पड़ने से सफलता मिलती है?

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सवाल 116 - शनिदेव की दृष्टि किन लोगों पर पड़ने से सफलता मिलती है?

कुंडली में शनिदेव का नाम आते ही लोगों के मन में भय बैठ जाता है. इतना ही नहीं साढ़ेसाती से हर कोई डर जाता है. शनि देव की साढ़ेसाती जब किसी को लगती है. तब वो चाहें राजा हो या फिर रंक कोई भी नहीं बचता है. इससे राजा नल, राजा रहीशचन्द्र और रावण भी नहीं बच पाएं थे. ऐसा कहा जाता है कि शनि की वक्र दृष्टि जिस पर पड़ जाती है. उसको बर्बाद करके छोड़ती है और साथ में यह भी कहा गया है कि जिस भाव से शनि देव देखते है उसी प्रकार के फल भी देते है.

वहीं ऐसा माना जाता हैं कि शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव शुरू होते ही कष्ट के दिन शुरू हो जाते हैं. सारे काम बिगड़ने लगते हैं. वहीं आपका जीवन कष्टमय होने लगता हैं, उनके जीवन में उन्हें कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं.

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अगर शनि देव एक राशि से दूसरी में गोचर करते हैं. तो मनुष्य की जन्मराशि से अगली और पिछली राशि में शुभ और अशुभ दोनों तरह के फल प्रदान करते हैं, लेकिन एक सच यह भी है कि शनि का गोचर हमेशा के लिए बूरा नहीं होता हैं. वही कुंडली की दशा के हिसाब से कुछ लोगो के लिए शनि की साढ़ेसाती शुभ भी होती हैं.

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कहा जाता है कि जिन लोगो पर भगवान शनि देव की कृपा होती है उन्हें किसी चीज की कोई कमी नहीं होती हैं. ऐसे लोगो पर जीवन में अपार धन दौलत, समृद्धि और मान सम्मान की प्राप्ति होती हैं. कुछ ऐसे भी लोग है जिन पर शनि देव अपनी दृष्टि कम रखते है. ऐसे लोगों को सफलता जरूर मिलती है, लेकिन ऐसे लोगों को थोड़ा मेहनत ज्यादा करनी पड़ती है. वहीं शनि अगर किसी जातक की कुंडली में तीसरे, छठे, आठवें और बारहवें घर में उच्च हैं. तो ऐसे मनुष्य पर शनि की साढ़ेसाती होने के बाद भी शुभ फल प्राप्त होता हैं.