दिल्ली-NCR में लू से राहत दिलाने वाली बारिश कब आ रही है, मॉनसून पर क्या अपडेट है? जानिए
Curated by दीपक वर्मा | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Jun 6, 2022, 8:54 AM
Delhi-NCR Weather Forecast By IMD: फिलहाल लू के थपेड़ों का सामना कर रहे दिल्ली-एनसीआर को 10 जून तक राहत मिलने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार, 11 जून से दिल्ली-एनसीआर के मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।
राजधानी और आसपास के कई इलाकों में ‘लू’ चल रही है। बाहर निकलने पर ऐसा महसूस होता है कि भट्ठी के पास खड़े हों। सफदरजंग बेस स्टेशन पर रविवार का अधिकतम तापमान 44.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सड़क पर मौजूद किसी शख्स से पूछिए। कहेगा कि कम से कम 50 डिग्री टेम्प्रेचर होगा! मौसम विज्ञानी समझाते हैं कि कुछ जगह ‘हीट आइलैंड’ इफेक्ट की वजह से ज्यादा गर्मी लगती है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी बताती है कि फिलहाल गर्मी के प्रकोप से राहत नहीं मिलने वाली। अगले तीन-चार दिन दिन के वक्त झुलसाने वाली हवाएं चलती रहेंगी।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का पूर्वानुमान है कि 11 जून से दिल्ली-एनसीआर में गरज के साथ हल्की बारिश होगी। मॉनसून का इंतजार है मगर मौसम विभाग बता रहा है कि केरल के ऊपर अभी तक यह कमजोर रहा है। वहां अनुमान से 50% कम बारिश दर्ज की जा रही है। मॉनसून के दिल्ली-एनसीआर तक 25-30 जून तक पहुंचने की संभावना है।
10 जून तक राहत के आसार नहीं: IMD
दिल्ली के कई हिस्सों में पिछले दो दिन से लू चल रही है। रविवार को दिल्ली के 11 में से 6 वेदर स्टेशंस का तापमान 44.8 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहा। पूर्वानुमान में कहा गया है कि ताजा परिस्थितियों से 10 जून तक राहत मिलने के आसार नहीं हैं।
दिल्ली ने मई में भयानक लू का दौर देखा है। 15 मई को सफदरजंग में अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री दर्ज हुआ था। मुंगेशपुर का अधिकतम तापमान तो 49.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। 15 मई का दिन 2022 का सबसे गर्म दिन साबित हुआ।
दिल्ली-एनसीआर में आज मौसम कैसा रहेगा?
मौसम विभाग ने सोमवार के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। IMD के पूर्वानुमान में दिन के वक्त 20-30 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गर्म हवाएं चलने की बात कही गई है। सफदरजंग स्टेशन का अधिकतम तापमान 43°C के आसपास रहने का अनुमान है। बाकी जगह मैक्सिमम टेम्प्रेचर 46°C तक जा सकता है।न्यूनतम तापमान के 27°C के आसपास रहने के आसार हैं।
‘पुरवाई का असर खत्म, झुलसा रही पछुआ हवाएं’
मई के दूसरे हाफ में हमने दो एक्टिव वेस्टर्न डिस्टरबेंस देखे जिसकी वजह से राजधानी में पर्याप्त बारिश हुई। पिछले तीन दिन से पूर्वी हवाओं का असर पूरी तरह से खत्म हो चुका है और पछुवा फिर से चलने लगी है। नतीजा उत्तर-पश्चिमी भारत में शुष्क और धूलभरा मौसम है। ऐसा मौसम 10 जून तक रहने के आसार हैं, तब तक सभी स्टेशंस पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ज्यादा ही रहेगा।
IMD
मॉनसून पर क्या लेटेस्ट अपडेट है?
मई में जारी पूर्वानुमान के अनुसार, मॉनसून के दिल्ली और आसपास के इलाकों तक 30 जून तक पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि, फिलहाल मॉनसून की रफ्तार बेहद धीमी है। केरल में मॉनसून समय से तीन दिन पहले पहुंच गया था मगर वहां बारिश कम हुई है। रविवार को तिरुवनंतपुरम में स्थानीय मौसम विभाग ने कहा कि शुरुआती कुछ दिनों में औसत से 50% कम बारिश दर्ज की गई। IMD के एक अधिकारी ने कहा कि ‘मॉनसून अभी एक्टिव मोड में नहीं आया है।’
बारिश कब तक? हुई तो कितनी तैयार है दिल्ली?
दिल्ली में पिछले दिनों झमाझम बारिश हुई और इंतजामों की पोल खुल गई। कई सड़कें पानी से लबालब हो गईं नतीजा ट्रैफिक रेंगने लगा। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, पीडब्ल्यूडी और नगर निगम ने मिलकर 200 ऐसे हॉटस्पॉट चिन्हित किए हैं जहां पानी भर जाता है। IMD के मुताबिक, 11 जून के बाद फिर बारिश आ सकती है। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया का एनालिसिस बतात है कि अधिकतर हॉटस्पॉट्स मॉनसून वाली बारिश के लिए तैयार नहीं हैं।
कहीं ज्यादा कहीं कम क्यों लगती है गर्मी?
दिल्ली में कहीं गर्मी ज्यादा तो कहीं जरा कम महसूस होती है। आईएमडी के सीनियर साइंटिस्ट आरके जेनामणि ने बताया कि ऐसा ‘हीट आइलैंड’ इफेक्ट के चलते होता है। ‘हीट आइलैंड’ इफेक्ट के चलते ही सबसे ज्यादा ग्रीन कवरेज वाले लोधी रोड इलाके का तापमान पीतमपुरा जैसे इलाके से कम रहता है।
क्या होता है ‘हीट आइलैंड’ इफेक्ट?
दिल्ली में कम से कम 60 अर्बन हीट आइलैंड्स हैं। तापमान में यह अंतर शहरीकरण, ग्रीन कवर और यमुना से करीबी के चलते आता है। आईआईटी दिल्ली में वायुमंडलीय विज्ञान केंद्र की प्रफेसर मंजू मोहन के अनुसार, ‘बीते कुछ सालों में कंक्रीट स्ट्रक्चर्स में इजाफे और लैंड यूज में बदलाव की वजह से तापमान बढ़ा है। अर्बन हीट आइलैंड वह एरिया होता है जहां अगल-बगल के इलाकों से ज्यादा तापमान दर्ज होता है। कुछ जगहों पर ज्यादा गर्मी होने के पीछे अपर्याप्त हरियाली, ज्यादा आबादी, घने बसे घर और इंसानी गतिविधियां जैसे गाड़ियों और गैजेट्स से निकलने वाली हीट हो सकती है। कार्बन डाई ऑक्साइड और मीथेन जैसी ग्रीनहाउस गैसें और कूड़ा जलाने से भी गर्मी बढ़ती है।’
Curated by दीपक वर्मा | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Jun 6, 2022, 8:54 AM
Delhi-NCR Weather Forecast By IMD: फिलहाल लू के थपेड़ों का सामना कर रहे दिल्ली-एनसीआर को 10 जून तक राहत मिलने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार, 11 जून से दिल्ली-एनसीआर के मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का पूर्वानुमान है कि 11 जून से दिल्ली-एनसीआर में गरज के साथ हल्की बारिश होगी। मॉनसून का इंतजार है मगर मौसम विभाग बता रहा है कि केरल के ऊपर अभी तक यह कमजोर रहा है। वहां अनुमान से 50% कम बारिश दर्ज की जा रही है। मॉनसून के दिल्ली-एनसीआर तक 25-30 जून तक पहुंचने की संभावना है।
10 जून तक राहत के आसार नहीं: IMD
दिल्ली के कई हिस्सों में पिछले दो दिन से लू चल रही है। रविवार को दिल्ली के 11 में से 6 वेदर स्टेशंस का तापमान 44.8 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहा। पूर्वानुमान में कहा गया है कि ताजा परिस्थितियों से 10 जून तक राहत मिलने के आसार नहीं हैं।
दिल्ली ने मई में भयानक लू का दौर देखा है। 15 मई को सफदरजंग में अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री दर्ज हुआ था। मुंगेशपुर का अधिकतम तापमान तो 49.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। 15 मई का दिन 2022 का सबसे गर्म दिन साबित हुआ।
दिल्ली-एनसीआर में आज मौसम कैसा रहेगा?
मौसम विभाग ने सोमवार के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। IMD के पूर्वानुमान में दिन के वक्त 20-30 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गर्म हवाएं चलने की बात कही गई है। सफदरजंग स्टेशन का अधिकतम तापमान 43°C के आसपास रहने का अनुमान है। बाकी जगह मैक्सिमम टेम्प्रेचर 46°C तक जा सकता है।न्यूनतम तापमान के 27°C के आसपास रहने के आसार हैं।
‘पुरवाई का असर खत्म, झुलसा रही पछुआ हवाएं’
मई के दूसरे हाफ में हमने दो एक्टिव वेस्टर्न डिस्टरबेंस देखे जिसकी वजह से राजधानी में पर्याप्त बारिश हुई। पिछले तीन दिन से पूर्वी हवाओं का असर पूरी तरह से खत्म हो चुका है और पछुवा फिर से चलने लगी है। नतीजा उत्तर-पश्चिमी भारत में शुष्क और धूलभरा मौसम है। ऐसा मौसम 10 जून तक रहने के आसार हैं, तब तक सभी स्टेशंस पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ज्यादा ही रहेगा।
IMD
मॉनसून पर क्या लेटेस्ट अपडेट है?
मई में जारी पूर्वानुमान के अनुसार, मॉनसून के दिल्ली और आसपास के इलाकों तक 30 जून तक पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि, फिलहाल मॉनसून की रफ्तार बेहद धीमी है। केरल में मॉनसून समय से तीन दिन पहले पहुंच गया था मगर वहां बारिश कम हुई है। रविवार को तिरुवनंतपुरम में स्थानीय मौसम विभाग ने कहा कि शुरुआती कुछ दिनों में औसत से 50% कम बारिश दर्ज की गई। IMD के एक अधिकारी ने कहा कि ‘मॉनसून अभी एक्टिव मोड में नहीं आया है।’
बारिश कब तक? हुई तो कितनी तैयार है दिल्ली?
दिल्ली में पिछले दिनों झमाझम बारिश हुई और इंतजामों की पोल खुल गई। कई सड़कें पानी से लबालब हो गईं नतीजा ट्रैफिक रेंगने लगा। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, पीडब्ल्यूडी और नगर निगम ने मिलकर 200 ऐसे हॉटस्पॉट चिन्हित किए हैं जहां पानी भर जाता है। IMD के मुताबिक, 11 जून के बाद फिर बारिश आ सकती है। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया का एनालिसिस बतात है कि अधिकतर हॉटस्पॉट्स मॉनसून वाली बारिश के लिए तैयार नहीं हैं।
कहीं ज्यादा कहीं कम क्यों लगती है गर्मी?
दिल्ली में कहीं गर्मी ज्यादा तो कहीं जरा कम महसूस होती है। आईएमडी के सीनियर साइंटिस्ट आरके जेनामणि ने बताया कि ऐसा ‘हीट आइलैंड’ इफेक्ट के चलते होता है। ‘हीट आइलैंड’ इफेक्ट के चलते ही सबसे ज्यादा ग्रीन कवरेज वाले लोधी रोड इलाके का तापमान पीतमपुरा जैसे इलाके से कम रहता है।
क्या होता है ‘हीट आइलैंड’ इफेक्ट?
दिल्ली में कम से कम 60 अर्बन हीट आइलैंड्स हैं। तापमान में यह अंतर शहरीकरण, ग्रीन कवर और यमुना से करीबी के चलते आता है। आईआईटी दिल्ली में वायुमंडलीय विज्ञान केंद्र की प्रफेसर मंजू मोहन के अनुसार, ‘बीते कुछ सालों में कंक्रीट स्ट्रक्चर्स में इजाफे और लैंड यूज में बदलाव की वजह से तापमान बढ़ा है। अर्बन हीट आइलैंड वह एरिया होता है जहां अगल-बगल के इलाकों से ज्यादा तापमान दर्ज होता है। कुछ जगहों पर ज्यादा गर्मी होने के पीछे अपर्याप्त हरियाली, ज्यादा आबादी, घने बसे घर और इंसानी गतिविधियां जैसे गाड़ियों और गैजेट्स से निकलने वाली हीट हो सकती है। कार्बन डाई ऑक्साइड और मीथेन जैसी ग्रीनहाउस गैसें और कूड़ा जलाने से भी गर्मी बढ़ती है।’
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