शनि देव के अपने पिता सूर्य देव से झगड़े का क्या कारण था ?

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सूर्य देव
सूर्य देव

ऐसा माना जाता है कि भगवान सूर्य देव का विवाह राजा दक्ष की कन्या संज्ञा के साथ हुआ था. संज्ञा हमेशा सूर्य देव के तप से परेशान रहती थी. उसका कारण यह था कि भगवान सूर्य देव के तेज के कारण वह उनका चेहरा नहीं देख पाती थी.  वो हमेशा यही सोचती थी कि सूर्य देव के तप को कैसे कम किया जाए. जिसके बाद वह सूर्य देव का चेहरा देख पाएं.

शनि देव

संज्ञा ने सूर्य देव के तप को कम करने के लिए तपस्या करने का फैसला किया, लेकिन बच्चों को अकेले छोडकर  जाना संभव नहीं था. सूर्य देव से आज्ञा लेकर जाती तो उनको लगा सूर्यदेव इसके लिए अनुमति नहीं देगें. इस कारण से उन्होंने ऐसा तरीका निकाला जिसके कारण सूर्य देव को भनक भी ना लगे तथा उसकी तपस्या भी पूरी हो जाए.  इसके लिए उन्होंने अपने तप से छाया नाम की संवर्णा को पैदा किया तथा उसको सूर्यदेव और अपने बच्चों की जिम्मेदारी देकर वो तपस्या करने चली गई.

सूर्य देव

सूर्य देव के साथ रहने वाली सुवर्णा का छाया रूप होने के कारण सूर्यदेव के तप से उसे कोई परेशानी नहीं हुई और कुछ समय बाद संवर्णा और सूर्यदेव के मिलन से शनिदेव, मनु और भद्रा नाम की तीन संतानों ने जन्म लिया. ऐसा माना जाता है कि जब सूर्य देव ने शनि देव को देखा तो उसका रंग बहुत काला था. जिसके कारण सूर्य देव ने शनि को अपना पुत्र मानने से मना कर दिया. इस भ्रम के चलते ही उन्होंने अपनी पत्नी छाया को त्याग दिया. इस वजह से कालांतर में शनि अपने पिता सूर्य का कट्टर दुश्मन हो गया.

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ऐसा बताया जाता है कि उसके भाई भी शनि देव को पसंद नहीं करते थे तथा उसको अपना भाई नहीं मानते थे. उनका मानना था कि शनि की माँ छाया के कारण ही उनकी माँ उनसे दूर गई है.