भगवान शनि देव की महिमा के बारे में तो आपने सुना ही होगा. भगवान शनि देव की पूजा शनिवार को की जाती है. शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि शनिदेव जिसका साथ देते हैं, उनके वारे के न्यारें हो जाता हैं तथा जिस पर भगवान शनि देव की कूदृष्टि पड़ती है. वो इंसान बर्बाद हो जाता है. ये तो आपने सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान शनि देव के भाई का नाम क्या था? आज आपको इसकी जानकारी मिल जाएगी.
भगवान शनि देव को सूर्य पूत्र कहा जाता है. सूर्य देवता को उनका पिता माना जाता है. महाभारत में आपने कुंति पुत्र कर्ण के बारे में सुना होगा. कर्ण भी सूर्य पुत्र था. सूर्य पुत्र होनें के कारण भगवान शनि देव तथा कर्ण को भाई माना जाता है. कर्ण का वर्णन महाभारत में मिलता है, वह एक महान् योद्धा था. कुंति को कर्ण की प्राप्ति सूर्य देव की कृपा से हुई थी.
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, शनि को न्यायधीश या दंडाधिकारी माना गया है. इसके कारण के पीछे ये मान्यता है कि शनि देव किसी भी तरह के अन्याय या गलत बात को बर्दाश्त नहीं करते और ऐसा करने वाले को उनके गुस्से का शिकार होना पड़ता है.
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ऐसा माना जाता है कि सूर्य की पत्नी संज्ञा की छाया के गर्भ से शनि देव का जन्म हुआ, जब शनि देव छाया के गर्भ में थे तब छाया भगवान शंकर की भक्ति में इतनी ध्यान मग्न थी कि उसने अपने खाने-पीने तक का ध्यान नहीं था. जिसका प्रभाव उसके पुत्र पर पड़ा और उसका वर्ण श्याम हो गया. शनि के श्यामवर्ण को देखकर सूर्य ने अपनी पत्नी छाया पर आरोप लगाया की शनि मेरा पुत्र नहीं हैं. तभी से शनि अपने पिता से शत्रु भाव रखते थे.