आयुर्वेद में एलर्जी ब्रोंकाइटिस का उपचार क्या है ? ( What is the treatment for Allergic Bronchitis in Ayurveda? )
वर्तमान समय में हमें अपने स्वास्थ्य से संबंधित अनेंक तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वैसे तो इन समस्याओं के लिए बाजार में कई तरह की दवाएं उपलब्ध हो जाती हैं. लेकिन एक तो ये दवाएं बहुत महंगी होती हैं तथा दूसरी इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. इसी कारण लोगों अपनी स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को ठीक करने के लिए घरेलू या आयुर्वेदिक उपचार ढूँढ़ते हैं. इसी लिए अनेंक स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के घरेलू या आयुर्वेदिक उपचार से संबंधित सवाल हमारे सामने आते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर पूछा जाता है कि आयुर्वेद में एलर्जी ब्रोंकाइटिस का उपचार क्या है ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.
क्या होता है एलर्जी ब्रोंकाइटिस –
ब्रोंकाइटिस ऐसी बीमारी है, जिसमें हमारी श्वास नली पर सूजन आ जाती है. ब्रोंकाइटिस के कारण हमें खांसी की शिकायत होने लगती है. अगर इस बीमारी के लक्षणों की बात करें, तो इसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. इसके साथ ही हल्का बुखार , गला सूखना , थकान , सिरदर्द , सीने में जकड़न इत्यादी ब्रोंकाइटिस के लक्षण हो सकते हैं. एलर्जी ब्रोंकाइटिस का कारण बैक्टीरिया भी हो सकते हैं तथा एलर्जी भी हो सकती है. वैसे तो यह कुछ समय बाद ठीक हो जाती है, लेकिन इसके बाद भी खांसी की समस्या कुछ दिनों तक बनी रहती है. हालांकि इस बीमारी को हमें इग्नोर नहीं करना चाहिएं.
ब्रोंकाइटिस का उपचार –
इसके उपचार की बात करें, तो सबसे पहले तो हमें इससे बचाव या इलाज के तौर पर कुछ सावधानियां बरतनी चाहिएं. जैसे कि धूम्रपान बंद कर देना चाहिएं तथा प्रदूषित हवा में सांस लेने से बचना चाहिएं. अगर इसके उपचार की बात करें, तो हल्दी आयुर्वेदिक दृष्टि से एक बहुत ही उपयोगी औषधि है. हल्दी को दूध में मिलाकर पीने से श्वास नली की सूजन कम होती है. यह ब्रोंकाइटिस के इलाज में उपयोगी सिद्ध हो सकती है. लेकिन यहाँ यह ध्यान देने योग्य बात है कि कुछ बीमारियां जैसे- पीलिया , पथरी , हाइपर एसिडिटी इत्यादी के मरीजों को इसका प्रयोग नहीं करना चाहिएं. इसके अलावा लहसुन को बारीक काटकर उसे शहद में मिलाकर निगलने से भी सूजन कम होती है तथा इससे बहुत अधिक फायदा मिलता है. इसके साथ ही लैवेंडर तेल, दालचीनी के तेल, अजवायन के तेल और जैतून का तेल को अच्छी तरह से मिलाकर हल्का गर्म कर लें. इस गर्म तेल से छाती और पीठ की मालिश करें. ब्रोंकाइटिस से राहत पाने के लिए रोजाना सोने से पहले इसकी मालिश करें.
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आमतौर पर आपने देखा होगा कि डॅाक्टर भाप लेने की सलाह देते हैं. यह नाक से सीने की जकड़न को दूर करने का कारगर तरीका है. इससे हमें सांस लेने में आसानी होती है. इसके साथ ही श्वास नहीं की सूजन भी इससे कम होती है. इसके अलावा अदरक की काली चाय पीने से भी हमें लाभ मिलता है.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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