कोरोना वायरस में फीवर कैसा होता है?

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कोरोना वायरस में बुखार सबसे प्रमुख लक्षणों में से एक है। बुखार के लिए जाँच भी सबसे सरल में से एक है, और बीमार लोगों को एक भीड़ में स्क्रीन करने के सबसे लोकप्रिय तरीके अभी।कार्यालयों, ट्रेनों, उड़ानों, मॉल और रेस्तरां से, संपर्क रहित थर्मामीटर का उपयोग किसी व्यक्ति के माथे, या कलाई को स्कैन करके बुखार की जांच के लिए किया जा रहा है।सामान्य वायरल फीवर में हमारे खून के अंदर लिंफोसाइड्स बढ़ते हैं जबकि कोरोना से होने वाले फीवर में यह कम होते हैं । सामान्य लोगों के खून में ईएसआर सामान्य रहेगा लेकिन कोरोना से उत्पन्न फीवर में यह ईएसआर बढ़ता है ।

इसके अलावा सी-रिएक्टिव प्रोटिन भी सामान्य वायरल फीवर में सामान्य स्थिति में रहता है जबकि कोरोना वायरस के मामले में यहां सी-रिएक्टिव बढ़ जाएगा । इसका सीधा मतलब क्या है ?इसका अर्थ यह है कि कोरोना वायरस एक्यूट इन्फ्लामेशन करता है, यहां तक की बाकि वायरस के मुकाबले यह अधिक इन्फ्लामेशन करता है, जिसके कारण से शरीर में ऑक्सीज़न की कमी होती है और व्यक्ति को अचानक निमोनिया हो जाता है ।

कहने का तात्पर्य यह है कि बाकि वायरस अभी इतने गंभीर नहीं हैं, वह शरीर को प्रभावित अवश्य करेंगे लेकिन सिर्फ एक निश्चित समय अवधि के लिए परंतु कोरोना वायरस का कोविड 19 का वायरस अब सामान्य नहीं है । इसने स्वंय को परिवर्तित कर लिया है और अब इस वजह से लोगों में 3 प्रतिशत अधिक मृत्यु दर बढ़ गया है ।कोरोना पॉजीटिव व्‍यक्ति को एक हफ्ते के अंदर-अंदर निमोनिया हो जाता है । रेस्पिरेटरी फेलियर यानि दम घुटना और सेप्टिक शॉक यानि शरीर में जहर फैलना इसकी अलग स्‍टेज हैं । इसका अर्थ यही निकलता है कि अधिकतर कोरोना पॉजीटिव व्‍यक्तियों की मौत या तो दम घुटने से होती है या शरीर में वायरस के फैलाव से होती है । उन्‍होंने यह भी बताया कि सामान्य फ्लू या वायरल में हल्का इनफेक्‍शन होता है, जिसका उपचारगरम पानी पीने और ऐसे ही घरेलू उपायों से हो जाता है, परंतु कोविड-19 के केस मेंऐसा नहीं होता ।

हालांकि डॉक्‍टरों ने यह परामर्श भी दिया है कि यदि गले में खराश या बलगम है, तो यह कोरोना वायरस का लक्षण नहीं हो सकता । पेट साफ न होने से, तली हुई चीजें खाने से या दूषित पानी पीने से भी गले में खराश हो सकती है । ऐसे में आपको परेशान होने की कोई ज़रुरत नहीं है । डॉक्टर से समय-समय पर संपर्क करते रहें । स्वास्थ्य विभाग और सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पालन करते रहें ।हालांकि, जैसा कि नए अध्ययनों ने बताया है, यह कोरोनोवायरस बुखार की जांच करने का सबसे अच्छा तरीका नहीं हो सकता है।

जबकि अवरक्त बंदूकें, थर्मामीटर और स्कैनर संपर्क को कम करते हैं, बहुत से विशेषज्ञों ने इसकी उच्च अशुद्धि दर और गलत परिणामों की भविष्यवाणी करने की स्पष्ट क्षमता पर चिकित्सा उपकरण की आलोचना की है।दूसरे, यदि गलत दूरी पर आयोजित किए गए या अनुपयुक्त वातावरण में उपयोग किए जाते हैं, तो स्कैनर दोषपूर्ण परिणामों को भी फेंक सकते हैं।इसलिए, थर्मल स्कैनर पर पूरी तरह से भरोसा करना काम नहीं कर सकता है।

इसके बजाय, बेहतर उपाय के लिए, विशेषज्ञों का सुझाव है कि आपके शरीर पर दो स्थानों पर तापमान की जांच की जानी चाहिए।एस्क्यूटर्स का मानना ​​है कि इन मुख्य शरीर के हिस्सों में स्कैनिंग तापमान लोगों को शरीर के तापमान में एक मिनट की वृद्धि या भड़कने के बारे में सचेत कर सकता है। वास्तव में, यहां तक ​​कि कोर शरीर के तापमान में एक डिग्री की वृद्धि एक बढ़ते वायरल संक्रमण का संकेतक हो सकता है।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें

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साभार-www.medtalks.in