भगवान राम और मां सीता की कहानी जिस महाकाव्य में है, उसे रामायण कहा जाता है. रामायण हिंदू रघुवंश के राजा राम की कहानी है. जिसकी रचना आदि कवि वाल्मीकि द्वारा की गई थी. जिसमें भगवान राम को जिस दिन राज सिंहासन मिलने वाला था. उसे वनवास का आदेश दिया गया. जिसके साथ में माता सीता और लक्ष्मण भी जाते हैं. वहां सीता माता को लंकापति रावण ले जाता है.
भगवान श्रीराम रावण से युद्ध कर हराकर सीता माता को घर लाते हैं. रामायण के बारे में ये तो आपने पढ़ा होगा. इसमें बहुत से रहस्य भी हैं. आज मुख्य तीन रहस्यों की चर्चा करते हैं. जिनके बारें में शायद आप नहीं जानते होगें.
गायत्री मंत्र में 24 अक्षर होते हैं. वहीं वाल्कमिकी की रामायण में 24000 श्लोक हैं. रामायण के हर एक हजार श्लोक के बाद आने वाले पहले अक्षर से गायत्री मंत्र बनता है. यह मंत्र इस पवित्र महाकाव्य का सार है. अगर हम बात करें कि गायत्री मंत्र का सबसे पहले उल्लेख कहां हुआ था. तो वैदिक साहित्य में ऋग्वेद में हमें गायत्री मंत्र का सबसे पहले उल्लेख मिलता है.
आपने सुना होगा कि राम के तीन भाई और थे. लेकिन आपको बता दें राजा दशरथ को एक पुत्री भी थी. जिसका नाम शांता था. वो चारों भाईयों में सबसे बड़ी थी तथा उसकी माता का नाम कौशल्या था. ऐसा बताया जाता है कि अंक देश के राजा रोमपद और उसकी रानी वर्षणी को कोई संतान नहीं थी. जब राजा दशरथ को यह बात पता चली तो उन्होनें अपनी पुत्री शांता को राजा रोमपद और रानी वर्षणी को गोद दे दिया था. इसके बाद उन्होने की शांता के माता पिता होने के सारे कर्तव्य निभाए.
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भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण का भ्रातृ प्रेम तो आप जानते ही होगें. जो अपने भाई के साथ 14 वर्षों के लिए वनवास में आ गया. ऐसा माना जाता है कि वनवास के 14 वर्षों के दौरान लक्ष्मण अपने बड़े भाई राम और भाभी सीता की रक्षा के लिए कभी नहीं सोते थे. इसी कारण उनका नाम गुदाकेश रखा गया.