उत्तर प्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव के बाद अब देश के सबसे बड़े और सियासी महत्व वाले प्रदेश में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक, दिसंबर में ये चुनाव हो जाने चाहिए थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण अब तक मतदान की तारीख तय नहीं हो सकी है। माना जा रहा है कि अगले साल मई जून में ये चुनाव करवाए जा सकते हैं। तारीख साफ नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश में 58,758 ग्राम पंचायतें, 821 क्षेत्र पंचायतें और 75 जिला पंचायतें हैं, जहां चुनाव होना है। मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इससे पहले पांच साल पहले यानी 2015 में चुनाव हुए थे। तब चुनाव मतदान के पहला चरण 9 अक्टूबर को था और 9 दिसंबर को परिणाम घोषित हो गया था।
यूपी चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियों की जांच का काम शुरू कर दिया है। साथ ही नए नाम जोड़ने का काम भी जारी है। इस संबंध में अधिसूचना जारी की जा चुकी है। यह काम युद्ध स्तर पर चल रहा है, क्योंकि चुनाव आयोग को दिसंबर के आखिरी में फाइनल वोटर्स लिस्ट जारी करना है। यूपी में यह त्रिस्तरीय चुनाव होने हैं। इसमें 2 माह का समय लगेगा। उसी समय परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। यही कारण है कि मई जून का अनुमान लगाया जा रहा है। वही कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने का काम भी शुरू हो चुका है।
उत्त प्रदेश में पहला बार नए वोटर्स को ऑनलाइन जोड़ने का काम शुरू हुआ है। प्रदेश चुनाव आयोग की वेबसाइट http://sec.up.nic.in/ पर इसका लिंक गिया गया है। यहां 1 अक्टूबर से 5 नवंबर तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया जा चुका है। अब जिलों में बीएलओ इसकी जांच कर रहे हैं। फॉर्म सही पाए जाने पर वोटर लिस्ट में नाम जोड़ दिया जाएगा और वोटर आईडी संबंधित व्यक्ति तक पहुंचा दिया जाएगा।
अब वोटर्स लिस्ट का कम्प्युटराइज्ड ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है, जिसका प्रकाशन छह दिसंबर तक होना है। जनप्रतिनिधि और आम जनता इस ड्राफ्ट को 12 दिसंबर तक देख सकती है। आयोग ने दावे आपत्ति आमंत्रित करने के लिए 19 दिसंबर तक का समय तय किया है। सब कुछ फाइनल होने के बाद 29 दिसंबर को वोटर्स लिस्ट प्रकाशित की जाएगी।
मतदाताओं तक चुनाव संबंधी हर अहम जानकारी पहुंचाने के लिए चुनाव आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके मुताबिक, बीएलओ अपने क्षेत्र के मतदाताओं से उनका मोबाइल नंबर और आधार नंबर उपरलब्ध करवाने को कह रहे हैं। यह व्यवस्था पूरी तरह एच्छिक है। मोबाइल नंबर्स का यह डाटा मिलने के बाद वोटर्स को समय समय पर एसएमएस भेजे जाएंगे। इनके जरिए मतदान क तारीख, परिणाम की तारीख, प्रत्याशी संबंधी अहम जानकारियां दी जाएंगी। वोटर्स स्वयं भी चुनाव आयोग के साथ अपने मोबाइल नम्बर रजिस्टर करवा सकते हैं। इसके लिए आयोग की वेबसाइट पर ‘लिंक वोटर सर्विस’ पर जाकर अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर कर सकते हैं।
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