इस फैसले से लाखों रेल यात्री प्रभावित होंगे. इस नियम से रात में यात्रा के दौरान मोबाइल चोरी जैसी घटनाएं नहीं होंगी. साथ ही ओवर चार्जिंग की वजह से मोबाइल ब्लास्ट की आशंका भी खत्म हो जाएगी.
कम होंगी आग लगने की घटनाएं!
इस फैसले से लाखों रेल यात्री प्रभावित होंगे. इस नियम से रात में यात्रा के दौरान मोबाइल चोरी जैसी घटनाएं नहीं होंगी. साथ ही ओवर चार्जिंग की वजह से मोबाइल ब्लास्ट की आशंका भी खत्म हो जाएगी.
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चार्जिंग सॉकेट से ट्रेन में लगी आग!
बता दें कि 13 मार्च को दिल्ली-देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस में आग लग गई थी. आग एक कोच से शुरू हुई और देखते ही देखते 7 कोच तक फैल गई. गनीमत ये रही कि आग की वजह से किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया. इस घटना के बाद रेलवे ने एक जांच कमेटी बनाई जिसमें ये बात सामने आई कि चार्जिंग सॉकेट की वजह से रेल के डिब्बों में आग लगी होगी.
2014 में जारी हुई थी एडवाइजरी
आग लगने की घटना के बाद वेस्टर्न जोन ने कहा है कि वह साल 2014 में जारी की गई एडवायजरी का सख्ती से पालन करेंगे. दरअसल, रेलवे ने साल 2014 में सभी जोन को एक एडवाइजरी जारी की थी कि वह रात 11:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक कोशिश करें कि यात्री मोबाइल चार्ज ना करें. इससे लोगों को असुविधा भी होती है और आग लगने की दुर्घटना भी होती है.