नक्सलियों के साथ-साथ बीमारियों से लड़ रहे जवानों को अब मिलेगा वाटर प्यूरीफायर

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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस को नक्सलियों के साथ दूषित पानी और मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों से भी लड़ना पड़ रहा है। पुलिस जवानों की इस परेशानी के मद्देनजर अब बीजापुर जिले के थानों में आरओ सिस्टम और फॉगिंग मशीनों की व्यवस्था की जा रही है। बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने शनिवार को भाषा को टेलीफोन पर बताया कि जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात पुलिस जवानों को अक्सर दूषित पानी और गंदगी से होने वाली बीमारियों का सामना करना पड़ता है। जवानों की इस स्थिति को देखते हुए जिले के सभी पुलिस थानों और शिविरों में साफ पानी के लिए आर ओ मशीन और 16 स्थानों पर धुएं वाली मशीनों की व्यवस्था की गई है।

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गर्ग ने बताया कि जिले में तैनात पुलिस जवानों के लिए रोजमर्रा की जरूरतों और पेयजल की व्यवस्था की गई है। उन्हें पीने के पानी को साफ करने लिए स्थानीय और पारंपरिक तरीकों पर निर्भर रहना होता था। यह स्थिति उस समय और भी खराब हो जाती थी जब जवान नक्सल रोधी अभियान के लिए निकलते थे। ऐसे में पुलिस के जवान नदी-नाले का पानी पी लेते थे और बीमार पड़ते थे। इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन ने थानों और शिविरों में आरओ प्रणाली लगाने का फैसला किया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुछ समय पहले ही जिले के सभी 21 थानों और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के 24 शिविरों में आरओ सिस्टम लगाने का काम पूरा हो गया है।

उन्होंने कहा कि बीजापुर जिला बस्तर क्षेत्र का ऐसा एकमात्र जिला है जहां के सभी थानों में साफ पानी के लिए आरओ सिस्टम लगाया गया है। ये सुविधाएं अभी तक केवल केंद्रीय बलों के शिविरों में ही उपलब्ध थीं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में दूषित पानी से पीलिया, टाइफाइड और चर्म रोग तथा मच्छरों से होने वाली मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां आम हैं। क्षेत्र में तैनात कई पुलिस जवानों ने इन बीमारियों के कारण जीवन खोया है। उन्होंने बताया कि केवल बीजापुर जिले में ही इस वर्ष अक्टूबर माह तक पुलिस के 60 जवान दूषित पानी के कारण बीमार हुए थे तथा 250 जवानों को मलेरिया और डेंगू हुआ था। इनमें से तीन जवानों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।