Visa Issue: ऑनलाइन पढ़ें, पढ़ाई टालें या एडमिशन कैंसल करें? स्टूडेंट्स के लिए बड़ी मुसीबत बना वीजा

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Visa Issue: ऑनलाइन पढ़ें, पढ़ाई टालें या एडमिशन कैंसल करें? स्टूडेंट्स के लिए बड़ी मुसीबत बना वीजा

Visa Issue: ऑनलाइन पढ़ें, पढ़ाई टालें या एडमिशन कैंसल करें? स्टूडेंट्स के लिए बड़ी मुसीबत बना वीजा

नई दिल्ली: विदेशी यूनिवर्सिटी में पढ़ने का सपना देख रहे भारत के कई स्टूडेंट्स मुश्किल में हैं। कई विदेशी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई शुरू होने वाली है, कई में शुरू भी हो चुकी है, फीस दी जा चुकी है, दाखिले हो चुके हैं, मगर उस देश जाने का अब तक वीजा नहीं मिला है। स्टूडेंट्स तनाव में हैं, वीजा आएगा या नहीं, यह भी साफ नहीं। तमाम एंबेसी ने वीजा में हो रही 6-6 महीने तक की इस देरी पर कहा कि स्टूडेंट्स की ऐप्लिकेशन को प्राथमिकता दी जा रही है। वे वीजा आने पर ही एयर टिकट बुक करें। सबसे ज्यादा दिक्कत कनाडा के लिए है, यहां ना सिर्फ लंबा इंतजार है, बल्कि बड़ी तादाद में आवेदन भी ठुकराए जा रहे हैं। यूके, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया के लिए भी लंबी कतारे हैं। स्टूडेंट्स ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं और कई इस उलझन में अटक गए हैं कि वे सेशन को खिसका दें या एडमिशन कैंसल कर दें।

​कनाडा के वीजा के लिए ज्यादा मुश्किल

करियल काउंसलर आलोक बंसल का कहना है कि कई स्टूडेंट्स को 30 अगस्त तक कनाडा पहुंचना है। 1 सितंबर से कई जगह पढ़ाई शुरू होगी, मगर वीजा नहीं मिल रहा है। यूनिवर्सिटी उन्हें अगले सीजन यानी जनवरी या अगले साल सितंबर में आने का ऑप्शन दे रही है। मगर इससे उनका साल बर्बाद हो जाएगा। यूके में भी एक-दो दिन में सेशन शुरू हो जाएगा। पैरंट्स बहुत ज्यादा परेशान हैं, उनका पैसा और बच्चे का करियर दोनों अटका है।

‘यूनिवर्सिटी कह रही हैं अगले सेशन में आएं’

कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, यूके समेत वेस्ट के कई देशों की यूनिवर्सिटी भारत के कई स्टूडेंट्स की पसंद हैं। मगर दाखिले के बावजूद वे नए सेशन के लिए वहां जा नहीं पा रहे हैं। एडनेट कंसल्टेंट्स में इंटरनैशनल करियर काउंसलर शोभा बोरा कहती हैं, कनाडा में वीजा का छह-छह महीने बैकलॉग है। वजह कोविड के बाद से पेंडिंग ऐप्लिकेशन, दूतावासों में स्टाफ की कमी, यूक्रेन युद्ध भी है। अब स्टूडेंट्स को या तो ऑनलाइन क्लासेज लेनी पड़ रही हैं या सेशन को आगे खिसकाना पड़ रहा है या एडमिशन कैंसल करना पड़ रहा है। मैंने हाल में दो डिप्लोमा स्टूडेंट्स को अप्लाई करवाया मगर दोनों बार वीजा नामंजूर हो गया, जबकि मजबूत फंडिंग दिखाने के साथ सभी औपचारिकताएं पूरी की गई थीं। 12वीं का रिजल्ट देरी से आने के कारण भी प्रक्रिया में देरी हुई है। यूके, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी की यूनिवर्सिटी में भी जिन्होंने एडमिशन लिया है, वो भी तनाव में हैं। इन देशों में ऐप्लिकेशन की संख्या बहुत ज्यादा है, रिजेक्शन रेट भी दोगुना हो गया है। ये देश चाहते हैं कि स्टूडेंट ठोस वजह दें कि वे पढ़ाई के बाद भारत वापस चले जाएंगे।

‘US के लिए पैरंट्स को वीजा नहीं’

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करियर काउंसलर शोभा बताती हैं, यूएस के लिए वीजा मिल रहा है। अपॉइंटमेंट स्लॉट भी हैं, इमरजेंसी अपॉइंटमेंट की सुविधा भी है। दिक्कत यह है कि पैरंट्स को वीजा नहीं मिल रहा है और वे उन्हें छोड़ने नहीं जा पा रहे हैं। कोविड के वक्त से कई स्टूडेंट्स अटके थे, उसके बाद अगले सेशन की ऐप्लिकेशन आने से वीजा के लिए ऐप्लिकेशन की संख्या काफी बढ़ गई थीं, मगर एंबेसी देरी से सही, सभी को वीजा दे रही है।

​तीन बार रिजेक्ट हुआ वीजा

दिल्ली के अंश बंसल का दाखिला कनाडा की ब्रॉक यूनिवर्सिटी में बीए मास मीडिया ऐंड कम्यूनिकेशन में हुआ है मगर वीजा तीन बार नामंजूर हो चुका है। वह कहते हैं, मैंने दो महीने पहले री-अप्लाई किया है और ठोस सबूत दिया कि चार साल की पढ़ाई के बाद वापस भारत आऊंगा। कोर्स ऑफलाइन है, अगर वीजा नहीं लगा तो मैं फंस जाऊंगा। मैं सालभर से कोशिश कर रहा हूं और पहले ही कोर्स को डेफर कर चुका हूं। यूके की डरहम यूनिवर्सिटी में यूजी कोर्स के लिए दाखिला ले चुकीं निहारिका चौधरी कहती हैं, मैने मई में अप्लाई किया था और सितंबर में मेरी क्लासेज शुरू होंगी। मुझे 10 दिन में वहां पहुंचना है मगर अब तक वीजा नहीं आया है। आरएमआईटी यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया के स्टूडेंट सचिन भी अपने वीजा के लिए पांच महीने से इंतजार कर रहे हैं। वह कहते हैं, इंतजार बहुत तनाव दे रहा है।

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