Vinay Mishra: कोयला घोटाले में 1300 करोड़ की हेराफेरी… कौन है अभिषेक बनर्जी का खास ‘भगोड़ा’ विनय मिश्रा? h3>
कोलकाता: पश्चिम बंगाल कोयला तस्करी मामले में टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी के खिलाफ ईडी ने समन जारी किया है। करीब 1300 करोड़ रुपये के इस घोटाले में 29 मार्च को अभिषेक से दोबारा पूछताछ की जाएगी। इस केस में ईडी ने टीएमसी नेता विनय मिश्रा को भी आरोपी बनाया गया है जिनके इस समय विदेश में होने की बात कही जा रही है। ईडी विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा को गिरफ्तार कर चुकी है और उनकी करोड़ों की संपत्ति जब्त कर चुकी है। विनय मिश्रा टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी के काफी करीबी बताए जाते हैं।
ईडी इस मामले में अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी हैं। इनमें विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा भी शामिल है। बताया जा रहा है कि विनय मिश्रा ने कुछ समय पहले ही देश छोड़ दिया और भारतीय नागरिकता भी त्याग दी थी। ईडी ने दावा किया था कि लगभग 1352 करोड़ रुपये के इस घोटाले में मिश्रा भाइयों को इस मामले में कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों और खुद के लिए 730 करोड़ रुपये की आय अर्जित की थी।
स्थानीय कोयला संचालक अनूप मांझी उर्फ लाला को इस मामले में मुख्य संदिग्ध बताया जा रहा है। माझी के एक अज्ञात करीबी ने ईडी को बताया था कि यह ज्ञात तथ्य है कि विनय मिश्रा ने वर्तमान सत्तारूढ़ दल में मौजूद अपने करीबी पॉलिटिकल बॉस और उनके साथियों के लिए माझी के अवैध कोयला खनन से धन इकट्ठा किया था। विनय मिश्रा टीएमसी के युवा नेता हैं और वह अभिषेक बनर्जी के काफी करीबी हैं। उन्हें अभिषेक बनर्जी का नाक और कान बताया जाता है।
ईडी ने 27 नवंबर, 2020 को सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। इसमें आसनसोल और उसके आसपास के कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाकों में ‘ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड’ की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये के कोयला घोटाले का आरोप लगाया गया है।
इससे पहले 21 मार्च को अभिषेक बनर्जी से केंद्रीय जांच एजेंसी के नई दिल्ली स्थित ऑफिस में अभिषेक बनर्जी से 8 घंटे तक पूछताछ हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि अभिषेक बनर्जी के बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए गए और जांचकर्ताओं की ओर से एकत्र किए गए कुछ सुबूतों के बारे में उनसे पूछताछ की गई। उन्होंने बताया कि मामले में उनकी भूमिका और अन्य आरोपियों से उनके संबंधों की जांच की जा रही है।
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स्थानीय कोयला संचालक अनूप मांझी उर्फ लाला को इस मामले में मुख्य संदिग्ध बताया जा रहा है। माझी के एक अज्ञात करीबी ने ईडी को बताया था कि यह ज्ञात तथ्य है कि विनय मिश्रा ने वर्तमान सत्तारूढ़ दल में मौजूद अपने करीबी पॉलिटिकल बॉस और उनके साथियों के लिए माझी के अवैध कोयला खनन से धन इकट्ठा किया था। विनय मिश्रा टीएमसी के युवा नेता हैं और वह अभिषेक बनर्जी के काफी करीबी हैं। उन्हें अभिषेक बनर्जी का नाक और कान बताया जाता है।
ईडी ने 27 नवंबर, 2020 को सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। इसमें आसनसोल और उसके आसपास के कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाकों में ‘ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड’ की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये के कोयला घोटाले का आरोप लगाया गया है।
इससे पहले 21 मार्च को अभिषेक बनर्जी से केंद्रीय जांच एजेंसी के नई दिल्ली स्थित ऑफिस में अभिषेक बनर्जी से 8 घंटे तक पूछताछ हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि अभिषेक बनर्जी के बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए गए और जांचकर्ताओं की ओर से एकत्र किए गए कुछ सुबूतों के बारे में उनसे पूछताछ की गई। उन्होंने बताया कि मामले में उनकी भूमिका और अन्य आरोपियों से उनके संबंधों की जांच की जा रही है।