जानना चाहते हैं, आप इंसान हैं या भेड़िया तो देखें ये वीडियो

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poem of aaphreen khan , आफरीन की कविता

यू-ट्यूब चैनल ‘टेप ए टेल’ पर ‘क्या याद है आपको?’ के नाम से कुछ कह रही है आफ़रीन खान। आफ़रीन कह रही है और सुन रहे हैं हम, सुनते हुए कान खुले हैं, शब्द सुनाई दे रहे हैं उस लड़की के जो आफ़रीन है, दिमाग उसे समझ भी रहा है लेकिन रूह जैसे मर सा गया है। उसके हर शब्द में जैसे रुदन है। वो हर बार अब्बा ऐसे बोलती है जैसे ये शब्द एक गाली हो। आफ़रीन ने #METOO कैंपेन के तहत इस कविता को लोगों के सामने रखा है।

वीडियो में आफरीन की कविता के माध्यम से उसकी कहानी सुनकर हमें समझ में नहीं आ रहा है कि असली भेड़िये कौन हैं- वो जो जंगल में रहते हैं या फिर वो जो घर में रहते हैं। वही जो हो सकता है कि बाप हो, चाचा हो, मामा, मौसा, भाई या भतीजा भी हो सकता है। वीडियो सुनते-सुनते हम और दुविधा में पड़ गए और तय ये किया कि असली भेड़िये तो घर में रहने वाले ऐसे लोग ही हैं।

जंगली भेड़िये तो बस सांस छीनते हैं और ये उनके लिए प्राकृतिक नियम होता है लेकिन ये भेड़िये तो हर नियम का उल्लंघन करते हुए जीने का हक छीनते हैं, प्रेम, प्यार, रिश्तों, नातों और विश्वास की परिभाषा बदल देते हैं। अगर आप इंसान हैं तो मर जाने को जी करेगा। वीडियो देखकर आपके रोंगटे ना खड़े हो जाए आप सन्न ना पड़ जाएं तो समझ लेना आप इंसान नहीं भेड़िया हो।

ज्यादा कुछ कहने को है नहीं बस वीडियो देखिए-