Video: कोरोना के कारण महसूस हो रही है कमजोरी तो अपनाए श‍िल्‍पा शेट्टी का यह तरीका

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Video: कोरोना के कारण महसूस हो रही है कमजोरी तो अपनाए श‍िल्‍पा शेट्टी का यह तरीका


Video: कोरोना के कारण महसूस हो रही है कमजोरी तो अपनाए श‍िल्‍पा शेट्टी का यह तरीका

कोरोना संक्रमित लोगों में वीकनेस यानी कमजोरी की श‍िकायत के मामले बढ़ रहे हैं। खासकर संक्रमण ठीक होने के बाद पीड़‍ितों की श‍िकायत है कि वह बहुत ज्‍यादा कमजोरी का अनुभव करते हैं। इस ओर डॉक्‍टरी दवाइयां और खानपान समय के सुधार भी लाती हैं। लेकिन इसी बीच बॉलिवुड ऐक्‍ट्रेस श‍िल्‍पा शेट्टी (Shilpa Shetty) ने योग के जरिए कमजोरी की समस्‍या से निदान पाने का तरीका बताया है। टीवी पर इन दिनों डांस रियलिटी शो की जज बनकर नजर आने वाली श‍िल्‍पा उन सिलेब्रिटीज में शुमार हैं, जिन्‍होंने देश में योग को खूब बढ़ावा दिया है। इसी कड़ी में ऐक्‍ट्रेस ने इंस्‍टाग्राम पर नया योग वीडियो शेयर किया है। श‍िल्‍पा ने ‘मंडूकासन’ करने का तरीका बताया है। शिल्पा के इस वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब देखा जा रहा है। फैन्स भी इस पर जमकर रिएक्शन दे रहे हैं।


आपको बता दें कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर में शिल्पा शेट्टी को छोड़कर उनकी पूरी फैमिली और घर के सभी स्टॉफ कोरोनावायरस संक्रमण के चपेट में आ गए थे। शिल्पा ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी थी। फिलहाल अभी सब ठीक है। शिल्पा कहती हैं, ‘इस महामारी के दौरान सबसे ज्यादा जो जरूरी चीज है वह है खुद का ख्याल रखना।’ वीडियो शेयर करते हुए शिल्पा ने ‘मंडूकासन’ करने के फायदे भी बताए हैं। उन्होंने लिखा, ‘यह आसन बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि नाभि आपके शरीर का सेंटर है जो कि आपके जीवन शक्ति का केंद्र भी है। और तो और इसे दूसरा दिमाग भी कहा जाता है। यह आपको सभी कमजोरियों का मुकाबला करने की शक्ति भी देता है। महामारी के इस दौर में सबसे ज्यादा जरूरी है खुद को पॉजिटिव कैसे रखें और पॉजिटिव रहने के लिए यह आसान बेहद जरूरी है।’

शिल्पा ने आगे बताया कि आसन को सही तरीके से कैसे करें। ‘मंडूकासन’ दो शब्द से मिलकर बना है। ‘मंडूक’ जिसका अर्थ होता है मेंढक। इस आसन के करते समय शरीर मेंढक के जैसा दिखता है इसलिय इसको ‘मंडूकासन’ कहा जाता है। यह ‘Frog Pose’ के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन पेट से संबंधित कई रोगों के समाधान में भी लाभदायक है।

शिल्पा आगे कहती हैं, ‘इसे करने के लिए सबसे पहले आप वज्रासन में बैठ जाएं। फिर मुट्ठी बांधकर इसे आपने नाभि के पास लेकर आएं। मुट्ठी को नाभि एवं जांघ के पास ऐसे रखें कि मुट्ठी खड़ी हो और उंगलियां आपके पेट की तरफ हो। सांस छोड़ते हुए आगे झुकें, चेस्ट को इस तरह से नीचे लाएं कि वह जांघों पर टिकी रहे।आप इस तरह से आगे झुकें कि नाभि पर ज्यादा से ज्यादा दबाब आए। सिर और गर्दन उठाए रखें, आंखे सामने की ओर रखें। धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़े और जितना हो सके उसी पोजीशन में बैठे रहें। फिर सांस लेते हुए अपनी नॉर्मल पोजीशन में आ जाएं।’





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